एमपी में डीएसपी ने की खुदकुशी की कोशिश, सुसाइड नोट में सीनियर अफसरों के नाम से बढ़ी हलचल

मध्यप्रदेश में डीएसपी ने आत्महत्या का प्रयास किया। वहीं इसका कारण उन्होंने डिप्रेशन और मानसिक प्रताड़ना का बताया है। साथ ही उन्होंने इसको लेकर एक सुसाइड नोट भी लिखा था।

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Amresh Kushwaha
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मध्यप्रदेश के रतलाम जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां 24वीं बटालियन में तैनात डीएसपी रामबाबू पाठक ने खुदकुशी की कोशिश की। उन्होंने डिप्रेशन की गोलियां खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। इस घटना के बाद उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल भेजा गया। पुलिस महकमे में यह घटना चिंता का विषय बन गई है। सुसाइड नोट में आरोपों ने सबको चौंका दिया है। यह घटना मानसिक स्वास्थ्य और कार्यस्थल पर उत्पीड़न से जुड़ी समस्याओं को उजागर करती है।

जानिए क्या है पूरा मामला...

डीएसपी रामबाबू पाठक शुक्रवार (1 अगस्त) की सुबह अपनी परेड में गए थे, और बाद में घर लौटकर उन्होंने डिप्रेशन के साथ अन्य गोलियां खा लीं। इसकी जानकारी बटालियन में काम करने वाले अन्य पुलिसकर्मियों को मिली। इन्होंने तुरंत एंबुलेंस बुलाकर उन्हें नजदीकी निजी अस्पताल भेजा। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें रतलाम मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, और फिर वहां से इंदौर भेजा गया। इस घटना के बाद पुलिस महकमे में हलचल मच गई है और कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या अफसरों के मानसिक उत्पीड़न के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई।

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सुसाइड नोट में वरिष्ठ अफसरों पर आरोप

डीएसपी रामबाबू पाठक ने अपनी खुदकुशी से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा था। इसमें उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। सुसाइड नोट में 1 जुलाई 2025 की तारीख लिखी हुई है और इसमें आरोप है कि उन्हें वरिष्ठ आईपीएस अफसरों के जरिए मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था।

सुसाइड नोट में चार प्रमुख नाम दिए गए हैं- पूर्व आईपीएस अफसर यूसुफ कुरैशी, कृष्णा वेडी, इरशाद वली और हाल ही में ट्रांसफर हुए आईपीएस अमित तोलानी। इसके अलावा, एक पूर्व एडीजी स्तर के अधिकारी का भी नाम लिया गया है, जो इस मामले से जुड़ा हुआ है। सुसाइड नोट के मुताबिक, इन अफसरों की प्रताड़ना के कारण वह मानसिक तनाव से जूझ रहे थे, जो उनके आत्महत्या के प्रयास की वजह बना।

डीएसपी ने अपनी पोस्ट को सोशल मीडिया पर भी साझा किया था, हालांकि कुछ समय बाद उन्होंने या किसी और ने इसे हटा दिया। यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या इस पोस्ट को हटाने के पीछे किसी दबाव का काम था।

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डीएसपी ने की आत्महत्या की कोशिश, मामले पर एक नजार...

  • रतलाम जिले में डीएसपी रामबाबू पाठक ने की आत्महत्या की कोशिश – 24वीं बटालियन में तैनात डीएसपी ने डिप्रेशन की गोलियां खाकर आत्महत्या का प्रयास किया, जिसे अस्पताल भेजा गया।

  • सुसाइड नोट में वरिष्ठ अधिकारियों पर आरोप – रामबाबू पाठक ने सुसाइड नोट में पूर्व और वर्तमान आईपीएस अफसरों पर मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए।

  • मानसिक उत्पीड़न और कार्यस्थल पर दबाव – इस घटना ने पुलिस महकमे में मानसिक स्वास्थ्य और कार्यस्थल पर उत्पीड़न के मुद्दे को उजागर किया।

  • पुलिस महकमे में मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी – रिपोर्टों के अनुसार, पुलिसकर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दिया जाता, जिससे जानलेवा परिणाम हो सकते हैं।

  • मानसिक स्वास्थ्य के लिए पुलिस विभाग को उपायों की आवश्यकता – पुलिस अधिकारियों को मानसिक स्वास्थ्य के लिए विशेष प्रशिक्षण और कार्यशालाओं की जरूरत है, ताकि मानसिक दबाव से निपटने में मदद मिल सके।

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क्या पुलिस महकमे में होती है उत्पीड़न?

इस घटना ने एक बार फिर से मानसिक स्वास्थ्य और कार्यस्थल पर उत्पीड़न के मुद्दे को उभार दिया है। पुलिस महकमे में दबाव और तनाव से जूझने वाले अफसरों की मानसिक स्थिति को नजरअंदाज करना एक गंभीर समस्या बन चुकी है। मानसिक तनाव, उत्पीड़न और कामकाजी दबाव के कारण पुलिसकर्मी अक्सर अपने मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी करते हैं, जो कभी-कभी जानलेवा परिणाम ला सकता है। यह घटना समाज को यह सिखाती है कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर खुलकर बात करना और कामकाजी वातावरण को सुरक्षित और सहयोगपूर्ण बनाना आवश्यक है।

पुलिस महकमे में मानसिक स्वास्थ्य के उपाय

रिपोर्टों के अनुसार, पुलिस अधिकारियों को मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर ध्यान देने की आवश्यकता है। पुलिस कर्मियों को न केवल शारीरिक फिटनेस, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता है। पुलिस विभाग को ऐसे मामलों से निपटने के लिए मानसिक स्वास्थ्य पर कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित करने चाहिए, ताकि कर्मचारियों को मानसिक दबाव से निपटने के उपायों के बारे में जानकारी दी जा सके।

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