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जांजगीर पुलिस विभाग में महिला आरक्षकों के साथ हुए दो गंभीर अनुशासनहीन मामलों में पुलिस अधीक्षक विजय पांडेय ने दो आरक्षकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। एक आरक्षक की प्रेमिका जो की महिला कांस्टेबल थी ने आत्महया कर ली, वहीं दुसरे आरक्षक द्वारा एक महिला सहकर्मी को अश्लील मैसेज भेजने का मामला सामने आया है।
यह निर्णय विभागीय गरिमा और आंतरिक अनुशासन को बनाए रखने के दृष्टिकोण से लिया गया है, जो भविष्य में पुलिस बल के भीतर महिला सुरक्षा और सम्मान की रक्षा के लिए एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
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प्रेम संबंध टूटने से महिला आरक्षक की आत्महत्या
पहला मामला एक अत्यंत दुखद और संवेदनशील घटना से जुड़ा है, जिसमें एक महिला आरक्षक ने आत्महत्या कर ली। जांच में सामने आया कि उक्त महिला आरक्षक का विभाग में पदस्थ आरक्षक दुष्यंत पांडेय से प्रेम संबंध था। दोनों के बीच यह रिश्ता काफी समय तक चला, लेकिन हाल ही में संबंधों में दरार आ गई और वे अलग हो गए।
रिश्ते के टूटने के बाद महिला आरक्षक मानसिक रूप से अत्यधिक तनाव में आ गईं। यह तनाव इतना बढ़ गया कि उन्होंने निलयम कॉलोनी स्थित अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
पुलिस जांच में पाया गया कि आरक्षक दुष्यंत पांडेय का व्यवहार पूरी तरह अनैतिक था और उसने विभाग की मर्यादा का उल्लंघन किया। यह आचरण पुलिस सेवा के अनुशासन, नैतिकता और पेशेवर गरिमा के खिलाफ माना गया। इस आधार पर पुलिस अधीक्षक विजय पांडेय ने उन्हें तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया।
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अश्लील संदेश भेजने वाला आरक्षक भी बाहर
दूसरा मामला भी समान रूप से गंभीर था, जिसमें रक्षित केंद्र, जांजगीर में पदस्थ आरक्षक नारद ताम्रकार पर एक महिला आरक्षक ने अश्लील फोटो भेजने और चरित्र हनन के आरोप लगाए थे। शिकायत की जांच के दौरान यह आरोप सत्य प्रमाणित पाए गए।
न केवल नारद ताम्रकार का आचरण अत्यंत आपत्तिजनक पाया गया, बल्कि उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण भी दर्ज किया गया है। विभागीय जांच के पश्चात यह स्पष्ट हुआ कि उनका व्यवहार पुलिस सेवा की गरिमा के पूरी तरह विपरीत था। परिणामस्वरूप, उन्हें भी पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
एसपी की दो टूक
एसपी विजय पांडेय ने इस कार्रवाई पर स्पष्ट किया कि पुलिस विभाग में महिला आरक्षकों की गरिमा, सम्मान और सुरक्षा सर्वोपरि है। “जो भी अधिकारी या कर्मचारी मर्यादाओं का उल्लंघन करेंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस बल अनुशासन और नैतिकता पर टिका होता है। अगर कोई इसका उल्लंघन करता है, तो वह इस सेवा में रहने के योग्य नहीं है,” उन्होंने कहा।
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महिला कर्मचारियों को समर्थन का संदेश
इस सख्त कार्रवाई से विभाग में यह स्पष्ट संकेत गया है कि महिला पुलिसकर्मियों के साथ किसी भी प्रकार का अमर्यादित, अभद्र या अनैतिक व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह फैसला उन महिलाओं को भी मनोबल देगा जो विभाग में कार्यरत हैं और ऐसी स्थितियों में अक्सर चुप रह जाती हैं।
संवेदनशीलता और सख्ती का संतुलन
जांजगीर पुलिस विभाग की यह कार्रवाई केवल दो कर्मचारियों की बर्खास्तगी नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा संदेश है जो पूरे पुलिस बल में अनुशासन, व्यावसायिकता और लैंगिक सम्मान की संस्कृति को मजबूत करता है।
इन मामलों में हुई त्वरित और कठोर कार्रवाई यह भी दिखाती है कि छत्तीसगढ़ पुलिस महिला सुरक्षा के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है और किसी भी तरह के आचरणहीनता को शून्य सहनशीलता (Zero Tolerance) के सिद्धांत पर देखती है।
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