आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों को मिलेगा पक्का घर

झोड़ियाबाड़म ग्राम पंचायत में आज प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 38 आत्मसमर्पित नक्सली और नक्सल हिंसा से प्रभावित परिवारों के लिए पक्के मकानों का भूमिपूजन समारोह संपन्न हुआ।

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Harrison Masih
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दंतेवाड़ा जिले के गीदम विकासखंड के झोड़ियाबाड़म ग्राम पंचायत में आज एक ऐतिहासिक पहल में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत 38 आत्मसमर्पित नक्सली और नक्सली हिंसा से प्रभावित परिवारों के लिए पक्के मकानों का भूमिपूजन समारोह संपन्न हुआ। यह पहल ना केवल इन परिवारों के जीवन में स्थायित्व और सुरक्षा का प्रतीक बनेगी, बल्कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शांति और विकास की दिशा में भी एक मजबूत संदेश देगी।

यह आयोजन सामाजिक समरसता, पुनर्वास और सरकार की नीतियों की संवेदनशीलता का परिचायक बना, जिसमें ऐसे परिवारों को स्थायी निवास की सुविधा दी जा रही है जो लंबे समय तक असुरक्षा और हिंसा के साये में जीते रहे।

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मॉडल क्लस्टर

कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी दी गई कि झोड़ियाबाड़म पंचायत के अंतर्गत 11 हेक्टेयर भूमि पर आत्मसमर्पित नक्सली एवं हिंसा पीड़ित परिवारों के लिए मूलभूत सुविधाओं से युक्त पक्के मकानों का निर्माण किया जाएगा। इस मॉडल क्लस्टर में न केवल आवासीय मकान होंगे, बल्कि इन परिवारों के आर्थिक सशक्तिकरण हेतु आजीविका के विभिन्न साधनों जैसे मुर्गी पालन, बकरी पालन, सूकर पालन और सब्जी उत्पादन के लिए भी अलग से भूमि का आवंटन किया जाएगा।

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स्थायित्व, सुरक्षा और सम्मान

विधायक चैतराम अटामी ने अपने संबोधन में कहा, "यह सिर्फ मकानों का निर्माण नहीं, बल्कि स्थायित्व, सुरक्षा और सम्मान की दिशा में एक ठोस कदम है। बांगापाल और कारली ग्रामों के 38 लाभार्थियों को यह पक्के मकान मिलना इस बात का प्रमाण है कि सरकार सभी वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।"

जिला पंचायत अध्यक्ष नंदलाल मुड़ामी ने इस अवसर पर कहा, "यह प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का सपना है कि हर गरीब को पक्का घर मिले। आज जिन लोगों को यह घर दिए जा रहे हैं, उनके जीवन में इससे स्थिरता और आत्मसम्मान आएगा।"

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मुख्यधारा से जुड़ने की पूरी व्यवस्था

कलेक्टर कुणाल दुदावत ने बताया कि यह पहल मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार की गई है। उन्होंने कहा, “जब कोई व्यक्ति आत्मसमर्पण करता है, उसी दिन से उसे शासन की सभी योजनाओं का लाभ मिलना सुनिश्चित किया जाता है। इनमें राशन कार्ड, आधार कार्ड, मनरेगा कार्ड, बस पास, श्रम कार्ड पंजीयन, कौशल विकास, और आयुष्मान कार्ड जैसी आवश्यक सुविधाएं शामिल हैं।”

कलेक्टर ने आगे बताया कि 38 मकानों को एक मॉडल क्लस्टर के रूप में विकसित किया जा रहा है, जो पूरे राज्य के लिए एक उदाहरण बनेगा।

एक नई सुबह की ओर कदम

इस ऐतिहासिक पहल से यह स्पष्ट हो गया है कि छत्तीसगढ़ सरकार न केवल विकास के पथ पर अग्रसर है, बल्कि उन लोगों को भी अपनाने और सशक्त करने के लिए तत्पर है जो हिंसा की राह छोड़कर मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत यह कदम न केवल ईंट और गारे का ढांचा है, बल्कि यह उन परिवारों के लिए एक नए जीवन की शुरुआत है, जिसमें शांति, सम्मान और संभावनाएं बसती हैं।

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