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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन 28 केंद्रों पर हुआ। परीक्षा में सामान्य ज्ञान के सवालों ने परीक्षार्थियों के दिमाग की बत्ती गुल कर दी। कुछ सवाल इतने अनोखे थे कि वे सोच में पड़ गए। मसलन, "सिगरेट के पीछे प्लास्टिक होता है या नहीं?", "महासागरीय जल में विषाणु जीवित रहता है या नहीं?", और "पीकॉक टैरेंटुला पक्षी की खासियत क्या है?" जैसे सवालों ने हैरान किया।
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प्रश्नपत्र पिछले वर्षों की तुलना में अधिक कठिन
यूपीएससी की परीक्षा के सवाल ने छात्रों की पेशानी पर बल ला दिया। परीक्षा में पूछा गया कि अदरक और पुदीना किस तरह के पेड़ हैं?, अरघट्टा नामक सिंचाई उपकरण क्या है?, पृथ्वी के घूर्णन और अक्ष में परिवर्तन, वर्षा वन, समुद्री पादप प्लवक, चीनी तीर्थयात्री फाह्यान, गंधर्व महाविद्यालय, और असहयोग आंदोलन से जुड़े सवालों ने भी प्रश्नपत्र में अपनी जगह बनाई। विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार प्रश्नपत्र पिछले वर्षों की तुलना में अधिक कठिन था। खासकर अर्थशास्त्र के सवालों ने अभ्यर्थियों को खूब छकाया, जबकि बजट से संबंधित सवाल इस बार नदारद रहे। भूगोल के सवाल भी कम चुनौतीपूर्ण नहीं थे। यूपीएससी विशेषज्ञ अंकित अग्रवाल ने बताया, "प्रश्नपत्र में सभी विषयों का संतुलन तो था, लेकिन सवालों को पूछने का अंदाज़ इतना पेचीदा था कि अभ्यर्थियों को दिमागी कसरत करनी पड़ी।"
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सवालों के पीछे की हकीकत
सिगरेट के पीछे प्लास्टिक? सिगरेट के फ़िल्टर में सेलूलोज़ एसीटेट होता है, जो एक प्रकार का प्लास्टिक ही है। यह पर्यावरण के लिए हानिकारक माना जाता है। अदरक और पुदीना किस तरह के पेड़? दरअसल, अदरक और पुदीना पेड़ नहीं, बल्कि क्षुप हैं। अदरक एक भूमिगत प्रकंद है, जबकि पुदीना एक सतही पौधा है। पीकॉक टैरेंटुला पक्षी? यहाँ एक ट्विस्ट है! पीकॉक टैरेंटुला पक्षी नहीं, बल्कि एक रंग-बिरंगा मकड़ा है, जो अपनी चमकदार नीली-हरी रंगत के लिए जाना जाता है। यूपीएससी ने शायद अभ्यर्थियों को भ्रम में डालने के लिए इसे "पक्षी" कहकर पूछा! महासागरीय जल में विषाणु? हाँ, विषाणु महासागरों में जीवित रह सकते हैं और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, खासकर सूक्ष्मजीवों को नियंत्रित करने में।
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केंद्रों पर कड़ी निगरानी, बारिश ने बढ़ाई मुश्किल
परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे। अभ्यर्थियों को स्टीकर-रहित पानी की बोतल, घड़ी, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, और कपड़े-आभूषणों के लिए दिशा-निर्देशों का पालन करना पड़ा। अंतिम 30 मिनट में वॉशरूम जाने की अनुमति नहीं थी। पहली पाली के बाद कई अभ्यर्थी दूसरी पाली के लिए केंद्र पर ही रुके, लेकिन अचानक शुरू हुई बारिश ने उन्हें परेशान किया।
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अभ्यर्थियों का जोश और नया ट्रेंड
परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों ने माना कि इस बार सवालों का पैटर्न बदला हुआ था। सामान्य अध्ययन से लेकर भूगोल और अर्थशास्त्र तक, हर सेक्शन में दिमागी घुड़दौड़ की जरूरत थी। फिर भी, अभ्यर्थियों का उत्साह देखते बनता था। बारिश और कठिन सवालों के बावजूद, वे अगले चरण की तैयारी में जुट गए हैं। यूपीएससी की इस परीक्षा ने न केवल अभ्यर्थियों की जानकारी परखी, बल्कि उनके धैर्य और त्वरित सोच को भी चुनौती दी। रायपुर में बारिश और सवालों की बौछार के बीच, यह परीक्षा एक यादगार अनुभव बन गई।
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