मन्नत पूरी हुई तो महाकाल की नगरी में बेटे को रुपयों से तौला फिर बांट दिए लाखों रुपए

तेजा दशमी पर्व पर पिता ने तराजू के तरफ बेटे को बिठाया और दूसरी तरफ नोटों की गड्डियां रखकर वजन किया। इसके बाद पैसे दान कर दिए। अब इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

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Deeksha Nandini Mehra
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पिता ने पैसों से बेटे को तौला
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Father weighed son with money in Ujjain : मध्य प्रदेश के बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में अनोखा मामला सामने आया है। यहां एक पिता ने अपने 34 साल के बेटे के वजन के बराबर पैसे दान किए हैं। तेजा दशमी पर्व पर पिता ने तराजू में के तरफ बेटे को बिठाया और दूसरी तरफ नोटों की गड्डियां रखकर वजन किया। इसके बाद पैसे दान कर दिए। अब इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

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राजा-महाराजों के समय में अपने पुत्र या पुत्री के वजह को तराजू में तोलकर अनाज, आभूषण या सोने-चांदी के सिक्कों का दान किया जाता था। लेकिन इस तरह का चलन काफी समय पहले हुआ करता था। आज के समय ये सब फिल्मी कहानियों में भी देखने को नहीं मिलता। ऐसे में उज्जैन में बेटे के वजह के बराबर तराजू में पैसे तौलकर दान करने का वीडियो लोगों के बीच काफी सुर्खियां बटोर रहा है।

10 लाख 7 हजार रुपए किए दान 

वीर तेजाजी की दशमी पर मंगलनाथ पथ निवासी चतर्भुज जाट ने अपने 30 साल के बेटे वीरेन्द्र को पैसों से तौल दिया। वीरेन्द्र का वजन 82 किलो है और जब उसे तराजू के एक तरफ बैठाकर दूसरी तरफ नोटों की गड्डियां रखीं गईं तो 10 लाख 7 हजार रूपए की नोटों की गड्डियों का वजन उसके वजन से ज्यादा हो गया। बेटे के वजन के बराबर की धन राशि 10 लाख 7 हजार रुपए को पिता चतुर्भुज ने श्री सत्यवादी वीर तेजाजी महाराज मंगलनाथ पथ मंदिर निर्माण समिति को मंदिर निर्माण के लिए भेंट की है।

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पिता ने 4 साल पहले मांगी थी मन्नत

चतुर्भुज ने बताया कि उन्होंने चार साल पहले एक मन्नत मांगी थी। जिसके पूरे होने पर ये तय किया था कि वो बेटे के वजन के बराबर पैसे तेजाजी मंदिर में दान करेंगे। मन्नत पूरी हुई तो उन्होंने बेटे वीरेन्द्र को पैसों से तौल कर 10 लाख 7 हजार रुपए तेजीजा मंदिर निर्माण के लिए दान कर दिए हैं। 

कौन हैं लोक देवता तेजाजी

लोक देवता तेजाजी राजस्थान के एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीक हैं। तेजाजी का जन्म 11वीं सदी में हुआ था और वे एक राजपूत योद्धा और संत के रूप में पूजे जाते हैं। तेजाजी का नाम "तेजाजी" उनके अद्वितीय साहस और वीरता के कारण पड़ा, जो उनकी कथाओं और लोककथाओं में प्रमुखता से आता है। 

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गायों व सांपों के देवता के रूप में पूजे जाते हैं तेजाजी महाराज 

तेजाजी को शिवजी के ग्यारहों अवतारों में से एक माना जाता है। वीर लोक देवता तेजाजी महाराज को गायों व सांपों के देवता के रूप में लोग आज भी पूजते हैं।ऐसी मान्यता है कि यदि किसी सर्प द्वारा कांटे हुऐ व्यक्ति को इनके नाम की तांती बांध देते हैं तो वह ठीक हो जाता है। बता दें कि तेजा दशमी एक प्रमुख त्योहार है और लोक देवता तेजाजी या वीर तेजा को समर्पित है।

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