MP में दौड़ेंगी वंदे भारत मेट्रो, सीएम ने रेल मंत्री से की बात, दिल्ली से मिली हरी झंडी

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की रेल मंत्री से आधुनिक तकनीक और पीथमपुर-देवास जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को मेट्रो सेवा का लाभ देने को लेकर भी बात हुई है। मध्यप्रदेश के अलग-अलग शहरों के बीच वंदे भारत मेट्रो ट्रेन चलाने पर सहमति बनी है... 

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Ravi Kant Dixit
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BHOPAL. मध्यप्रदेश के बड़े शहरों के लिए नए ट्रैफिक प्लान की जरूरत को देखते हुए सरकार कई कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से हाल ही में दिल्ली में मुलाकात की है। इसमें मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों के बीच वंदे भारत मेट्रो ट्रेन चलाने पर सहमति बनी है। वंदे भारत मेट्रो ट्रेन यातायात के लिहाज से लोगों के लिए बड़ी सौगात होगी। मुख्यमंत्री की रेल मंत्री से आधुनिक तकनीक और पीथमपुर-देवास जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को मेट्रो सेवा का लाभ देने को लेकर भी बात हुई है। आपको बता दें कि वंदे भारत मेट्रो 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पटरियों पर दौड़ेगी। 

क्या खास है वंदे भारत मेट्रो ट्रेन में 

वंदे भारत मेट्रो ट्रेन, वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का एक छोटी दूरी का अत्याधुनिक फॉर्मेट वाला संस्करण है, जिसे हमारे देश में एक शहर से दूसरे शहर के बीच लोगों को आवागमन की सुविधा देने के लिए लॉन्च किया जा रहा है। इसे लगभग 100-250 किलोमीटर की दूरी के भीतर देश के 124 शहरों को जोड़ने के लिए तैयार किया गया है। वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की तरह ही वंदे मेट्रो ट्रेन भी ऑटोमेटेड ट्रेन है, जो बिना लोकोमोटिव इंजन के दौड़ेगी। 

सीएम ने अफसरों के साथ की समीक्षा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 22 जून, शनिवार को मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा भी की। इसमें बताया गया कि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में मेट्रो के साथ वंदे मेट्रो, रोप-वे, इलेक्ट्रिक-बस और केबल-कार जैसे साधनों का उपयोग किया जाएगा। ट्रैफिक के विकल्पों के उपयोग के तहत उज्जैन से ओंकारेश्वर रूट, भोपाल से इंदौर, जबलपुर से ग्वालियर के लिए भी विचार कर जरूरी निर्णय लिए जाएंगे। प्रदेश में कुछ शहरों में उपलब्ध नेरो-गेज और अन्य रेल लाइन का उपयोग किए जाने की तैयारी है। लिहाजा, इसका अध्ययन और सर्वे किया जाए, ताकि उनका इस्तेमाल किया जा सके। 

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भोपाल में मेट्रो प्रोजेक्ट एक नजर

भोपाल में मेट्रो ट्रेन का परीक्षण किया जा चुका है। ऑरेंज लाइन में कुल 16 स्टेशन बनेंगे, जिसमें 14 एलीवेटेड और 2 भूमिगत होंगे। दूसरे चरण में भदभदा चौराहे से रत्नागिरी तिराहा तक 14.21 किलोमीटर (ब्लू लाइन) में कुल 14 एलीवेटेड स्टेशन बनेंगे। तीसरे चरण में सुभाष नगर से करोंद चौराहा तक 9.74 किलोमीटर में मेट्रो दौड़ेगी। सुभाष नगर में संयुक्त मेट्रो रेल डिपो और दोनों लाइन के बीच पुल बोगदा एक इंटरचेंज स्टेशन बनेगा। है। पूरा काम 2027 तक होने की संभावना जताई जा रही है। 

इंदौर और उज्जैन के बीच दौड़ेगी मेट्रो 

इंदौर से उज्जैन के बीच मेट्रो ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है। यह पूरी कवायद उज्जैन सिंहस्थ को देखते हुए की जा रही है। चार साल बाद यानी 2028 में सिंहस्थ महाकुंभ होगा। इंदौर-उज्जैन के बीच मेट्रो चलाने को लेकर फिजिबिलिटी सर्वे हो गया है। आने वाले समय में इंदौर एयरपोर्ट से महाकाल मंदिर तक वंदे मेट्रो की सुविधा प्रदेशवासियों को मिलेगी। इंदौर में मेट्रो का ज्यादातर काम अंडरग्राउंड होगा। इंदौर में अभी कुल 31.32 किलोमीटर में काम चल रहा है। 28 स्टेशन बनाए जाएंगे। ऐसे ही भोपाल में एम्स से करोंद चौराहे तक कुल 16.74 किलोमीटर की लंबाई में मेट्रो की लाइन तैयार करने का काम तीन चरणों में पूरा होगा। पहले फेज सात किलोमीटर का है, जिसमें 8 स्टेशन (एलिवेटेड) शामिल हैं। ऐसे ही भोपाल में तीन चरणों में काम पूरा होगा। पहले फेज सात किलोमीटर का है, जिसमें 8 स्टेशन (एलिवेटेड) शामिल हैं।

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव वंदे भारत मेट्रो औद्योगिक क्षेत्रों को मेट्रो सेवा पीथमपुर-देवास