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Photograph: (the sootr)
मध्यप्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पिछले कुछ सालों में जहां एक ओर राज्य में महिला अपराधों का ग्राफ ऊंचा हुआ है, वहीं न्याय के मामले में भी स्थिति सुधारने में मुश्किलें आ रही हैं।
हाल ही में कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल के मध्यप्रदेश विधानसभा में उठाए सवाल पर गृह विभाग द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों ने प्रदेश में महिला अपराधों की सच्चाई को उजागर किया है। कांग्रेस विधायक के सवाल पर मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव ने महिला अपराधों से जुडे़ आंकडे़ प्रस्तुत किए। इस दौरान उन्होंने लव जिहाद के मामलों में अब फांसी की सजा का प्रावधान करने की घोषणा भी की।
छह महीनों में लगभग 3742 महिलाओं के साथ रेप
एमपी गृह विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार मध्यप्रदेश में 2025 के पहले छह महीनों में लगभग 3742 महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं हुईं। इन घटनाओं में अनुसूचित जाति (SC), जनजाति (ST), ओबीसी और सामान्य वर्ग की महिलाओं की संख्या अधिक रही है। इन आंकड़ों के अनुसार, अनुसूचित जाति की 905, जनजाति की 1143, ओबीसी की 1228 और सामान्य वर्ग की 466 महिलाएं बलात्कार की शिकार हुईं।
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गैंगरेप और अपहरण की घटनाएं भी बढ़ी
गैंगरेप के मामलों में भी वृद्धि हुई है। 2025 के पहले छह महीनों में 120 महिलाएं सामूहिक बलात्कार का शिकार हुईं। 2024 में गैंगरेप के 319 मामले दर्ज हुए थे, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि सिर्फ 5 मामलों में ही आरोपियों को सजा मिली। जबकि 2018 में गैंगरेप के 16.25% मामलों में आरोपियों को सजा मिल पाई थी।
7 वर्षों में 54,000 महिलाओं से दुष्कृत्य
2018 से लेकर 2024 तक के सात वर्षों में प्रदेश में कुल 54067 महिलाओं से दुष्कृत्य की घटना को अंजाम दिया गया। इनमें अनुसूचित जाति की 14258, जनजाति की 14804, पिछड़ी जाति की 18942 और सामान्य वर्ग की 6063 महिलाएं शामिल थीं। यह आंकड़े इस बात को साबित करते हैं कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है।
महिला अपराधों से जुड़ी इस खबर को ऐसे समझें IN SHORT मेंमहिला अपराधों में वृद्धि: मध्यप्रदेश में हर दिन 20 बलात्कार और 33 अपहरण के मामले सामने आ रहे हैं। 2025 के पहले छह महीनों में 3742 महिलाओं से बलात्कार हुआ और 5868 अपहरण के मामले दर्ज किए गए। गैंगरेप के मामलों में सजा की कमी: 2024 में गैंगरेप के 319 मामलों में से केवल 5 मामलों में ही आरोपियों को सजा मिली, जबकि सजा का प्रतिशत 1.63% था। विभिन्न वर्गों की महिलाओं पर असर: बलात्कार की घटनाओं में अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और सामान्य वर्ग की महिलाएं शामिल हैं, जिनकी संख्या क्रमशः 905, 1143, 1228 और 466 है। आंकड़ों में अंतर: मुख्यमंत्री ने विधानसभा में दिए गए आंकड़ों में बदलाव का कारण समय अंतराल बताया। विपक्ष ने इस पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि ये आंकड़े महिला अपराधों की सच्चाई को छिपा रहे हैं। सजा का त्वरित प्रावधान जरूरी: अपराधियों को जल्द सजा दिलाने और महिला सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि अपराधों में कमी लाई जा सके और महिलाओं को सुरक्षा मिले। |
2024 में अपहरण के मामलों में 53 फीसदी वृद्धि
अपहरण के मामलों में भी 2024 में 53% की वृद्धि हुई। 2024 में अपहरण के 10070 मामले दर्ज किए गए। 2018 में अपहरण के मामलों की संख्या 6394 थी। इसका मतलब यह है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल अपहरण की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है।
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समय के साथ बदल जाते है आंकडे़
कांग्रेस विधायक ग्रेवाल ने प्रदेश सरकार पर महिला अपराधों के आंकड़ों में हेरफेर करने का आरोप लगा, इस आरोप पर जबाव देते हुए मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव ने कहा कि सरकार पूरी गंभीरता से महिला अपराधों की रोकथाम में लगी है। आंकड़ों में अंतर के कारण पर उन्होंने कहा कि पीड़िता की बरामदगी और कार्रवाई के बीच समय का अंतर हो जाता है, जिससे आंकड़ों में कुछ अंतर आ जाता है।
आंकड़ों से उठे महिला सुरक्षा पर सवाल
महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। जहां एक ओर सरकार के आंकड़े और बयान एक-दूसरे से मेल नहीं खाते, वहीं महिलाओं के खिलाफ अपराधों की बढ़ती संख्या से यह स्पष्ट होता है कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। इन आंकड़ों ने महिला सुरक्षा पर सवाल खडे़ दिए है।
इधर लव जिहाद में भी निशाना बन रही महिलाएं
महिलाओं से जुडे़ अपराधों में लव जिहाद के मामलोें में भी तेजी से बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। भाजपा विधायक आशीष गोविंद शर्मा के सवाल के जबाव में दी गई जानकारी के अनुसार प्रदेश में एक जनवरी 2020 से जुलाई 2025 तक प्रदेश में लव जिहाद के 283 मामले सामने आए। इन मामलों में 71 नाबालिग किशोरियों को भी निशाना बनाया गया। यह सभी मामले मध्यप्रदेश धर्मांतरण प्रतिबंध अधिनियम के तहत दर्ज किए गए।
सीएम का बड़ा ऐलान, लव जिहाद में होगी फांसी
विधायक शर्मा के सवाल पर बोलते हुए मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव ने मंगलवार 5 अगस्त को बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य में लव जिहाद जैसे मामलों को रोकने के लिए सरकार अब फांसी की सजा का प्रावधान कानून में करने जा रही है। उन्होंने कहा कि अभी मध्यप्रदेश धर्मांतरण प्रतिबंध अधिनियम में दस साल की सजा का प्रावधान था, जिसे अब बढ़ाकर फांसी की सजा में तब्दील किया जाएगा।
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