उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में भस्म आरती दर्शन में बढ़ते भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अब मंदिर समिति ने ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इस कदम के तहत, मंदिर क्षेत्र में सूचना बोर्ड लगाए जाएंगे और कंट्रोल रूम से लगातार उद्घोषणा की जाएगी ताकि भक्तों को दलालों से बचाया जा सके। इसके अलावा, मंदिर के आसपास लाइव दर्शन के लिए विशाल स्क्रीन पर स्लाइड्स भी लगाई जाएंगी, जिनमें नियम और शुल्क संबंधी जानकारी दी जाएगी।
भस्म आरती में बढ़ता भ्रष्टाचार
महाकाल मंदिर में भस्म आरती दर्शन के लिए भ्रष्टाचार के मामले तेजी से बढ़े हैं। कुछ दलाल भक्तों से हजारों रुपए लेकर उन्हें बिना नियमों के दर्शन करवाने का दावा करते हैं। इन दलालों के जरिए ही कई मामले सामने आए हैं, जिसमें भक्तों से ठगी की गई है। इस तरह के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जिसके कारण मंदिर समिति को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता महसूस हुई है।
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10 गिरफ्तारियां और बढ़ते मामले
मंदिर प्रशासन ने भ्रष्टाचार रोकने के लिए हाल ही में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दलाल और कुछ मंदिर कर्मचारी भी शामिल हैं। बावजूद इसके, नए मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें दर्शनार्थी स्वयं दलालों से संपर्क करते हैं और उन्हें अधिक पैसे देने को तैयार रहते हैं। प्रशासन ने इन घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया है और यह सुनिश्चित किया है कि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस प्रकार की गतिविधियों का हिस्सा न बने।
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1700 भक्तों को मिलती है अनुमति
महाकाल भस्म आरती के लिए मंदिर समिति प्रतिदिन करीब 1700 भक्तों को अनुमति देती है। इनमें से 400 भक्तों को ऑनलाइन माध्यम से अनुमति मिलती है, जबकि 500 भक्तों को प्रोटोकॉल के तहत वीआईपी की श्रेणी में रखा जाता है। इसके अलावा, 400 सीटें पुजारी और पुरोहित के यजमानों के लिए आरक्षित होती हैं। इसके बावजूद, कई भक्त इन निर्धारित प्रक्रियाओं को दरकिनार कर दलालों से संपर्क करते हैं।
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जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा
मंदिर प्रशासन अब भस्म आरती के लिए नियमों और शुल्कों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाएगा। इसके तहत, मंदिर क्षेत्र में सूचना बोर्ड लगाए जाएंगे और कंट्रोल रूम से लगातार उद्घोषणा की जाएगी। इसके अलावा, भक्तों से अपील की जाएगी कि वे दलालों के चंगुल में न फंसे और केवल मंदिर प्रशासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन करें।
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