उज्जैन के महाकाल मंदिर में भस्म आरती समेत कई नियम बदले गए हैं। गुरुवार को हुई महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। कलेक्टर और समिति अध्यक्ष रोशन कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मंदिर संचालन से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई।
भस्म आरती में अब नहीं बैठ पाएंगे 1700 श्रद्धालु
अभी तक भस्म आरती में 1700 श्रद्धालु शामिल हो पाते थे, लेकिन अब समिति ने निर्णय लिया है कि इस संख्या को सीमित किया जाएगा। इसके पीछे कारण भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा को प्राथमिकता देना बताया गया है। इस निर्णय के बाद भस्म आरती में बैठने वालों की संख्या में कटौती होगी, जिससे श्रद्धालुओं को व्यवस्थित रूप से दर्शन कराने की प्रक्रिया सुगम बनेगी।
चलित भस्म आरती के जरिए होंगे दर्शन
बैठक में यह भी तय किया गया कि भस्म आरती के समय चलित दर्शन की व्यवस्था की जाएगी। इसका अर्थ है कि श्रद्धालु कतारबद्ध होकर चलते-चलते आरती का दर्शन कर सकेंगे, जिससे ज्यादा लोग बिना भीड़ के दर्शन का लाभ ले सकें। यह प्रणाली भीड़ नियंत्रण के लिए बेहद उपयोगी मानी जा रही है।
अब मंदिर में होगी दान में आए आभूषणों की जांच
मंदिर में आने वाले दान, विशेषकर सोने-चांदी के आभूषणों की जांच अब परिसर के भीतर ही की जाएगी। इसके लिए एक स्वर्ण-रजत टंच टेस्टिंग मशीन लगाई जाएगी और ऑपरेटर की नियुक्ति की जाएगी। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और आभूषणों का मूल्यांकन सही तरीके से हो सकेगा।
ई-कार्ट के लिए चार्जिंग स्टेशन बनेंगे
श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए दान में मिली ई-कार्ट्स के लिए चार्जिंग स्टेशन और पार्किंग स्थल बनाए जाएंगे। यह सुविधा मंदिर परिसर के भीतर भ्रमण करने वाले वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए काफी सहायक साबित होगी।
मंदिर सेवाओं की जानकारी अब हर गेट पर
श्रद्धालुओं को मंदिर की हर सेवा की जानकारी अब रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और मंदिर के हर प्रवेश द्वार पर मिलेगी। इसके लिए सूचना पटल (नोटिस बोर्ड) लगाए जाएंगे, जिससे बाहरी श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन सरलता से प्राप्त हो सकेगा।
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महंत से लेकर महापौर तक रहे मौजूद
इस बैठक में महंत विनीत गिरी महाराज, एसपी प्रदीप शर्मा, महापौर मुकेश टटवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी और मंदिर समिति के सदस्य उपस्थित रहे। बैठक में लिए गए निर्णयों से आने वाले समय में श्रद्धालुओं को और बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।
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उज्जैन कलेक्टर | आईएएस रौशन कुमार सिंह