महाकाल मंदिर में फर्जीवाड़े के बाद सरकार ने प्रशासक धाकड़ को हटाया

मध्यप्रदेश में महाकाल मंदिर के गणेश धाकड़ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के करीबी माने जाते हैं, उन्हें हटाए जाने को लेकर संघ ने नाराजगी जाहिर की थी। इसके बाद ही जब संदीप सोनी को हटाया गया तो धाकड़ को दूसरी बार प्रशासक बनाया गया था। 

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Jitendra Shrivastava
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BHOPAL. उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद सरकार ने मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ को हटा दिया है। उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह ने इसकी पुष्टि की है। धाकड़ को 14 अगस्त 2024 को महाकाल मंदिर समिति का प्रशासक बनाया गया था। इससे पहले 2021 से 2022 के दौरान भी वे इस पद पर एक साल से अधिक समय तक पदस्थ रहे थे। प्रशासक के तौर पर उनके पहले कार्यकाल में 14 सितंबर 2021 को नियुक्ति हुई थी और 21 सितंबर 2022 को उन्हें पद से हटाकर संदीप सोनी को नियुक्त किया गया था।
गणेश धाकड़ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के करीबी माने जाते हैं, उन्हें हटाए जाने को लेकर संघ ने नाराजगी जाहिर की थी। इसके बाद ही जब संदीप सोनी को हटाया गया तो धाकड़ को दूसरी बार प्रशासक बनाया गया था। 

आरोपों और जांच के घेरे में मंदिर प्रशासन

अब महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए रुपए लेने के मामले में जांच की आंच पुरोहितों से होते हुए कर्मचारियों तक पहुंची है। यह मामला तब और गंभीर हो गया है, जब मंदिर प्रशासन से जुड़े दो कर्मचारियों पर अमानत में खयानत के आरोप लगाए गए हैं। जांच के दौरान सामने आया कि मंदिर के लेन-देन में लाखों रुपए का हेरफेर हुआ है। पूरी राशि विस्तृत जांच के बाद ही सामने आएगी। 

कलेक्टर ने दिए विस्तृत जांच के निर्देश

उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस को विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं। इसके बाद मंदिर के चार कर्मचारियों और क्रिस्टल कंपनी के दो कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज की है। महाकाल मंदिर प्रशासन में बदलाव का यह पहला मामला नहीं है। 2022 में मंदिर में अग्निकांड के बाद प्रशासक संदीप सोनी को हटाकर मृणाल मीणा को प्रशासक बनाया गया था। अगस्त 2024 में मृणाल को बालाघाट का कलेक्टर बना दिया गया। फिर एडीएम अनुकूल जैन को एक दिन के लिए प्रशासक बनाया गया। अगले ही दिन गणेश धाकड़ को प्रशासक की जिम्मेदारी दी गई थी। 

मंदिर प्रशासक ने दर्ज कराया केस

द सूत्र से बातचीत में गणेश धाकड़ ने कहा, उनके निर्देश पर ही मंदिर प्रशासन ने फर्जीवाड़ा करने वाले कर्मचारियों पर केस दर्ज किया है। इनमें आईटी डिपार्टमेंट से राजकुमार, सत्कार से अभिषेक भार्गव, सभामंडप से राजेंद्र सिसोदिया और रितेश शर्मा को आरोपी बनाया गया है। मंदिर में श्रद्धालुओं से रुपए ऐंठने के मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी विनोद चौकसे और राकेश श्रीवास्तव ने पुलिस को अहम डिजिटल जानकारी दी है। इसके अलावा मंदिर में काम करने वाली आउटसोर्स कंपनी के दो कर्मचारी ओम प्रकाश माली और जितेंद्र परमार को भी गिरफ्तार किया गया है। 

राजेंद्र के रिश्तेदारों की शराब दुकानें

आरोप है कि राजेंद्र सिसोदिया के रिश्तेदारों की देवास में शराब दुकानें हैं। वहीं, दो और कर्मचारी प्रोटोकाल से मनीष शर्मा और प्रशासक कार्यालय में पदस्थ भीमसिंह पर भी कार्रवाई होगी। ये दोनों अभिषेक भार्गव के लिए काम करते थे। गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल डेटा, वॉट्सऐप चैट और यूपीआई ट्रांजेक्शन की जांच से ठगी के इस गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। जैसे-जैसे पुलिस की जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे मामले की परतें खुल रही हैं। ठगी के आरोप में शामिल पाए गए छह कर्मचारियों को मंदिर प्रशासन ने निलंबित कर दिया है। इसमें पुरोहित अजय शर्मा और राजेश भट्ट के अलावा सुरक्षाकर्मी विकास, संदीप, करण और कन्हैया भी शामिल हैं।

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