महाकाल मंदिर में कमाई का खेल : नंदी हॉल प्रभारी और सफाईकर्मी बर्खास्त

मध्यप्रदेश में उज्जैन के महाकाल मंदिर में जमकर कमाई का खेल चल रहा था। इस धंधे में मंदिर के प्रभारी के साथ सफाईकर्मी और उसकी बेटी भी शामिल थी। इन लोगों द्वारा मिलकर मंदिर प्रशासन और श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़ किया जा रहा था...

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Jitendra Shrivastava
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Mahakal temple game of earning Photograph: (thesootr)

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उज्जैन के महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़ तो हो ही रहा था साथ ही मंदिर प्रशासन को भी धोखा दिया जा रहा था। यहां लोगों को दर्शन कराने के नाम पर हजारों रुपए रोज की कमाई की जा रही थी। इस बात का पता जब कलेक्टर को लगा तो उन्होंने आनन-फानन में कार्रवाई करते हुए हॉल प्रभारी और सफाईकर्मी को बर्खास्त कर दिया है। कलेक्टर की कार्रवाई के बाद चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं इससे मंदिर समिति की आंखें भी खुल गई हैं। 

श्रद्धालुओं से पैसा लेकर कराते थे दर्शन 

प्रदेश-देश और देश के बाहर से आए श्रद्धालुओं से पैसा लेकर नंदी हॉल में दर्शन कराने का फर्जीवाड़ा कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने पकड़ा है। कलेक्टर को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि मंदिर में दर्शन के नाम पर फर्जीवाड़ा हो रहा है। कलेक्टर ने तत्काल कार्रवाई कर दो लोगों नंदी हॉल प्रभारी राकेश श्रीवास्तव और सफाईकर्मी विनोद चौकसे को बर्खास्त कर दिया। इसी के साथ कई और खुलासे हो सकते हैं। यह तो शुरुआत है। मंदिर से संबंधित अभी और भी रसूखदार लोग बाहर हैं जिन्होंने मंदिर को अपनी मोटी आय का जरिया बना रखा है।

कलेक्टर ने साइबर टीम को दिए निर्देश

कलेक्टर नीरज कुमार सिंह शुक्रवार को दो बार मंदिर पहुंचे और जांच की। इस दौरान उन्होंने मंदिर व्यवस्था में लगे कर्मचारियों के अलावा प्रशासक गणेश धाकड़ से भी पूछताछ की। इसके बाद साइबर पुलिस की टीम को बुलाकर जांच के निर्देश दिए। साथ ही कलेक्टर नीरज सिंह ने साइबर सेल के अधिकारियों से कहा कि मंदिर से कई जानकारियां हाथ लग सकती हैं। एक महीने के सीसीटीवी फुटेज से पता लगाएं कि नंदी हाल में कितने लोगों ने प्रवेश किया और कितने श्रद्धालुओं की रसीदें कटीं, इन सभी का सावधानी से मिलान किया जाए। पिछले दिनों महाराष्ट्र के कल्याण से सांसद श्रीकांत शिंदे ने गर्भगृह में पहुंचकर दर्शन किए थे। इस मामले ने तूल पकड़ा। सेवादार के खिलाफ कार्रवाई हुई। सेवादार ने अपने आपको बेगुनाह बताया।

 

आरोपियों के फोन से एक दिन में 70 हजार तक का लेनदेन

महाकाल में दर्शन के लिए फर्जीवाड़े की जांच के दौरान मंदिर के तीन लोग सामने आए। इनमें नंदी मंडपम प्रभारी राकेश श्रीवास्तव, सफाई कर्मचारी विनोद चौकसे और उसकी बेटी क्रिस्टल कंपनी की कर्मचारी चंचल चौकसे शामिल है। पहले इन तीनों से पूछताछ की गई, इसके बाद इनके खाते खंगाले गए। खातों में एक माह में करीब पंद्रह लाख से ज्यादा के ट्रांजेक्शन हुए। एक-एक दिन में करीब 60 से 70 हजार तक का लेनदेन किया गया था। मंडपम प्रभारी राकेश श्रीवास्तव ने तो अपने आईफोन से ट्रांजेक्शन ही डिलीट कर दिए। मंदिर समिति ने श्रीवास्तव और विनोद चौकसे के खिलाफ महाकाल थाना में केस दर्ज कराकर दोनों को गिरफ्तार भी करवा दिया है। चंचल के खातों की भी जांच की जा रही है। थाने में चौकसे और श्रीवास्तव से पूछताछ के बाद और भी बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।

जांच के बाद किसी को बख्शा नहीं जाएगा

इस मामले में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि जो कुछ सामने आया है वह चिंतनीय है। मंदिर में व्यवस्था बनाने के लिए नौकरी दी गई है। पैसे लेकर दर्शन कराना मंदिर के अनुशासन और श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़ है। सभी को जांच की जिम्मेदारी दी गई है, किसी को बख्शेंगे नहीं। यदि किसी के पास प्रामाणिक जानकारी है तो वह हमें भेज सकता है। कार्रवाई की जाएगी।

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