उज्जैन के महाकाल मंदिर में रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु भस्म आरती को देखने के लिए आते हैं, लेकिन श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के नियमों के चलते प्रतिदिन 1600 श्रद्धालु ही बाबा की भस्म आरती में शामिल हो पाते हैं। ऐसे में ज्यादातर श्रद्धालु गलत तरीके से प्रवेश लेने के चक्कर में ठगी के शिकार हो जाते हैं। इसी को रोकने के लिए अब भस्म आरती में प्रवेश ज्यादा सुरक्षित और हाईटेक तरीके से किया जाएगा। इसके तहत अब बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को अपने कलाई पर रिस्ट बैंड बांधना होगा।
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जानें क्या है रिस्ट बैंड
श्रद्धालुओं की कलाई पर बांधी जाने वाली रिस्ट बैंड, रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडी पर काम करेगा। ऐसे में श्रद्धालु अब कलाई पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) बैंड बांधकर ही मंदिर के अंदर प्रवेश कर सकते हैं। श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति का कहना है कि यह सिस्टम अगले महीने से काम करना शुरू कर देगा।
ठगी पर लगेगी रोक
श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि भस्म आरती के दौरान हो रही ठगी पर रोक लगाने के लिए एक नई व्यवस्था शुरू की जा रही है। इसके तहत भस्म आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को मुख्य द्वार से प्रवेश की अनुमति मिलने के बाद उनके हाथों पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन बैंड बांधा जाएगा। यह बैंड श्रद्धालुओं को बार-बार परमिशन चेक नहीं करवाना पड़ेगा और भस्म आरती पूरी होने तक उनके हाथों पर बंधा रहेगा।
ऐसे काम करेगा बैंड सिस्टम
भस्म आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से अनुमति प्राप्त करनी होती है। मंदिर में प्रवेश से पहले, एक काउंटर पर जाना होगा जहां अनुमति पास के बार कोड को स्कैन करने के बाद, एक आरएफआईडी बैंड प्रदान किया जाएगा। इस बैंड में कुछ डिजिटल जानकारी संग्रहीत की जाएगी, जो श्रद्धालुओं की पहचान और प्रवेश प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने में मदद करेगी।
फ्लैप बैरियर से अटैच होंगे बैंड
श्रद्धालुओं के हाथों में बांधा बैंड फ्लिप बैरियर से जुड़ा होगा। जब श्रद्धालु अपने हाथों में बंधे बैंड को बैरियर पर लगे स्कैनर पर स्कैन करेंगे, तो गेट अपने आप खुल जाएगा। यह प्रणाली मेट्रो स्टेशनों और एयरपोर्टों पर पहले से ही उपयोग में है, जहां यात्रियों को सुरक्षा जांच के लिए अपने टिकट या कार्ड को स्कैन करना होता है। इसी तरह की प्रणाली अब भस्म आरती में भी लागू की जा रही है।
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