उज्जैन महाकाल मंदिर से जन्माष्टमी पर निकलेगी पहली शाही सवारी, भक्तों को होंगे छह रूपों के दर्शन

उज्जैन के महाकाल मंदिर से भाद्रपद मास में भगवान महाकाल की शाही सवारी निकलेगी, जिसमें भगवान महाकाल के छह रूपों के दर्शन होंगे। जन्माष्टमी पर्व पर सजाए गए नंदी हाल और भस्म आरती की भव्यता के बीच शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ने से रामघाट पर पानी भर गया है। 

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Pratibha ranaa
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उज्जैन महाकाल मंदिर
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उज्जैन के महाकाल मंदिर (Jyotirlinga Mahakal Temple) से भाद्रपद मास (Bhadrapada Month) में सोमवार को भगवान महाकाल (Lord Mahakal) की पहली शाही सवारी (Royal Procession) निकलेगी। इस वर्ष यह सवारी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Shri Krishna Janmashtami) के महासंयोग (Great Conjunction) के साथ हो रही है, जिसमें भक्तों को भगवान महाकाल के छह रूपों के दर्शन (Six Forms of Lord Mahakal) होंगे। 

अवंतिकानाथ (Avantikanath) चांदी की पालकी (Silver Palanquin) में चंद्रमौलेश्वर (Chandramouleshwar), हाथी पर मनमहेश (Manmahesh on Elephant), गरुड़ पर शिव तांडव (Shiva Tandava on Garuda), नंदी पर उमा महेश (Uma Mahesh on Nandi), रथ पर होलकर (Holkar on Chariot) और घटाटोप रूप (Ghatatop Form) में सवार होकर दर्शन देंगे।

सवारी पारंपरिक मार्गों से होकर शिप्रा तट (Shipra River Bank) पहुंचेगी, जहां पूजन के बाद सवारी जब मंदिर लौटेगी, तब गोपाल मंदिर (Gopal Temple) में हरि-हर का मिलन (Hari-Hara Union) होगा।

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भस्म आरती में महाकाल का विशेष अभिषेक

विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर (Shri Mahakaleshwar Temple) में सोमवार तड़के भस्म आरती (Bhasma Aarti) के दौरान चार बजे मंदिर के कपाट खोले गए। जल से भगवान महाकाल का अभिषेक (Abhishek) करने के पश्चात, दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन (Panchamrit Puja) किया गया।

भगवान महाकाल को मोरपंख आभूषण (Peacock Feather Ornament) और वैष्णव तिलक (Vaishnav Tilak) अर्पित कर, भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप में श्रृंगारित किया गया।

भस्म आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। महा निर्वाणी अखाड़े (Maha Nirvani Akhara) की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई, जिसके बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते हैं। जन्माष्टमी पर्व (Janmashtami Festival) पर महाकाल मंदिर के नंदी हाल (Nandi Hall) को 700 किलो फूलों से सजाया गया है।

इतने बजे शुरू होगी शाही सवारी

शाम चार बजे महाकालेश्वर मंदिर से शाही सवारी की शुरुआत होगी, जिसमें बैतूल (Betul) के जनजातीय कलाकारों का दल गोंड जनजाति थातिया नृत्य (Gond Tribe Thathia Dance) की प्रस्तुति देगा। दो सितंबर को श्रावण-भादो मास की आखिरी शाही सवारी (Last Royal Procession of Shravan-Bhado Month) निकलेगी।

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उज्जैन में तेज बारिश से हालात खराब

भादो महीने में उज्जैन में एक बार फिर बारिश का दौर शुरू हो गया है। शनिवार देर रात और रविवार दोपहर से तेज बारिश (Heavy Rainfall) हो रही है। इंदौर और देवास (Indore and Dewas) में हो रही बारिश के कारण शिप्रा नदी का जलस्तर (Water Level of Shipra River) भी बढ़ने लगा है।

रामघाट (Ramghat) पर तैनात होमगार्ड प्रभारी ईश्वर लाल चौधरी ने बताया कि रविवार को सुबह नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद रामघाट के प्लेटफार्म पर करीब 3 फीट पानी (3 Feet Water) पहुंच चुका है। यदि आगे भी इंदौर और देवास में बारिश जारी रहती है, तो शिप्रा नदी का जलस्तर और भी बढ़ सकता है।

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