महू के सरकारी कॉलेज भेरूलाल पाटीदार में धर्मांतरण को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। यहां के कुछ प्रोफेसर्स ने छात्रों से उनके नाम के और उनके परिजनों के नाम से पोस्टकार्ड लिखवाए हैं। यह पोस्टकार्ड पीएम नरेंद्र मोदी को भेजे गए हैं। इसमें संविधान की धारा 342 में संशोधन की मांग की गई है। जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) संगठन ने इसे लेकर प्रोफेसर्स पर कार्रवाई करने की मांग की है। इसके लिए प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग, आयुक्त व कलेक्टर को पत्र लिखा है।
यह लिखा गया है पोस्टकार्ड में
पीएम नरेंद्र मोदी के नाम से लिखे गए पोस्टकार्ड में लिखा है कि यह सुधार अनुच्छेद 342 में आप के नेतृत्व वाली सरकार जल्द से जल्द करे और धर्मांतरित हुए व्यक्तिगत समूह को अनुसूचित जनजाति सूची (एसटी लिस्ट) से हटाएं, जिससे मैं और मेरा परिवार समाज प्रगति पर अग्रसर हो सकें। मैं यही आशा करता हूं।
यह लगाए गए आरोप
जयस महू के अध्यक्ष भीमसिंह गिरवाल ने द सूत्र को बताया कि संजय सोहानी के संरक्षण में यह पत्र लिखवाए गए हैं। इसे लेकर तत्कालीन प्राचार्य अर्चना जैन को अवगत भी कराया गया था। प्रोफेसर रेखा नागर के पास से भारी मात्रा में ऐसे पोस्टकार्ड व छात्रों की सूची बरामद हुई थी। प्रोफेसर मदन वास्केल जो वनवासी कल्याण परिषद के इंदौर जिलाध्यक्ष और नेशनल ट्राइबल यूनियन फ्रंट न्यू दिल्ली के महासिचव है, प्रोफेसर रेखा नागर जो एबीवीपी की महू की ब्लाक अध्यक्ष है, वह सिविल सेवा नियम के विपरीत राजनीतिक पद पर है।
इन सभी को पद से हटाया जाए
जयस ने मांग की है कि संबंधित प्राध्यापक महाविद्यालय में ऐसी अनुचित कार्य करने के लिए जिम्मेदार है। इन पर उचित कार्रवाई कर तत्काल निलंबित किया जाए, जिससे भविष्य में कोई भी शासकीय सेवक ऐसे कृत्य और गतिविधियां न दोहराएं, जिससे देश में अशांति का माहौल पनपे। महाविद्यालय में गैर- अकादमिक गतिविधियों को करने वाले प्राध्यापकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए अन्यथा आदिवासी समाज प्रदेश स्तरीय आदोलन करेगा जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
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