/sootr/media/media_files/2025/01/31/x1mmp2LvTm4CIMrrtT3q.jpg)
2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में आरोपी और भोपाल से पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ जारी जमानती वारंट को गुरुवार को विशेष अदालत ने रद्द कर दिया। ठाकुर ने अदालत में पेश होकर अपने वकील के माध्यम से जमानती वारंट रद्द करने का अनुरोध किया। विशेष अदालत ने नवंबर 2024 में यह वारंट जारी किया था, क्योंकि ठाकुर लगातार अदालत में पेश होने में विफल रही थीं।
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ एनआईए कोर्ट ने फिर जारी किया वारंट
लगातार अनुपस्थिति पर जारी हुआ था वारंट
विशेष अदालत, जो राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के मामलों की सुनवाई कर रही है, वर्तमान में मालेगांव विस्फोट मामले के अंतिम चरण में है। अदालत ने सभी आरोपियों को रोजाना सुनवाई में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। ठाकुर की लगातार अनुपस्थिति के कारण अदालत ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था।
स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पेश की अर्जी
गुरुवार को ठाकुर ने अपने वकील के जरिए अदालत में एक अर्जी दायर की, जिसमें उन्होंने अपनी गैर-हाजिरी के लिए स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया। उन्होंने बताया कि वह अस्वस्थ हैं और अस्पताल में भर्ती थीं, इसलिए अदालत में हाजिर नहीं हो पाईं। अदालत ने इस अर्जी को स्वीकार करते हुए उनका जमानती वारंट रद्द कर दिया और उन्हें शुक्रवार को उपस्थित रहने का निर्देश दिया।
NIA कोर्ट से जमानती वारंट के बाद प्रज्ञा सिंह ठाकुर अस्पताल में भर्ती
मालेगांव विस्फोट
29 सितंबर 2008 को मालेगांव में एक मस्जिद के पास विस्फोट हुआ था। विस्फोटकों से लदी एक मोटरसाइकिल में हुए इस धमाके में छह लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हो गए थे। इस मामले में प्रज्ञा ठाकुर के अलावा लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त) भी आरोपी हैं। इन पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का कांग्रेस-दिग्विजय पर निशाना- ये सब आतंकियो के साथ!
जांच प्रक्रिया और अदालत की कार्यवाही
मालेगांव विस्फोट मामले की शुरुआती जांच महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने की थी। 2011 में यह जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी गई। 2018 में विशेष अदालत ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे। वर्तमान में अदालत मामले में अंतिम दलीलें सुन रही है। अदालत ने सभी आरोपियों को नियमित रूप से सुनवाई में उपस्थित रहने का आदेश दिया है।
FAQ
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक