Mandideep Gas Leakage : मंडीदीप गेल प्लांट से गैस लीक, 10 घंटे की मशक्कत के बाद काबू पाया

भोपाल के नजदीक मंडीदीप में मंगलवार और बुधवार की रात लगभग 12 बजे गेल प्लांट से गैस लीक होने की घटना घटी। घटना की जानकारी मिलते ही फायर सेफ्टी टीम ने तत्परता से मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया।

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Reena Sharma Vijayvargiya
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पवन सिलावट@रायसेन

MP News : भोपाल के पास स्थित मंडीदीप में मंगलवार और बुधवार की रात लगभग 12 बजे गेल प्लांट से गैस लीक होने की घटना सामने आई। सूचना मिलते ही फायर सेफ्टी की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और राहत कार्य शुरू किया गया। कड़ी मेहनत के बाद बुधवार सुबह करीब 10 बजे गैस का रिसाव रोका जा सका।

रिसाव की सूचना मिलते ही प्लांट में अफरा-तफरी मच गई। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एनडीआरएफ और एसडीईआरएफ की टीमें तुरंत मौके पर तैनात कर दी गईं। सुरक्षा के मद्देनजऱ एक किलोमीटर के दायरे में बैरिकेडिंग कर आम नागरिकों की आवाजाही पर पाबंदी लगा दी गई। नगर पालिका मंडीदीप के फायर ब्रिगेड को भी बुलाया गया और आस-पास के इलाके को एहतियातन खाली करा लिया गया  इसके साथ ही सतलापुर और मंडीदीप थाने की पुलिस तथा होमगार्ड की टीमें भी सुरक्षा व्यवस्था में जुट गईं। जयपुर से गेल की विशेष सेफ्टी टीम प्लांट की सुरक्षा जांच (सेफ्टी ऑडिट) के लिए पहुंच चुकी है।

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हालात पर अधिकारियों की नजर

गेल के प्रमुख डी डोंगरे ने जानकारी दी कि गैस रिसाव की स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है। उन्होंने आश्वस्त किया कि किसी तरह के नुकसान की कोई आशंका नहीं है और न ही स्कूल बंद करने या आस-पास के इलाकों को खाली कराने की आवश्यकता महसूस हुई है। हालात पर नजर रखने के लिए कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा, एसडीएम चंद्रशेखर श्रीवास्तव, एसडीपीओ शीला सुरणा और नायब तहसीलदार नीलेश सरवटे ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया।

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कलेक्टर ने कहा- सेफ्टी ऑडिट जारी

कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा ने बताया कि प्लांट में आधी रात के बाद गैस रिसाव की घटना हुई, जिसकी जानकारी प्रशासन को सुबह करीब पांच बजे मिली। त्वरित कार्रवाई करते हुए रिसाव को नियंत्रित किया गया और प्रभावित क्षेत्र को पूरी तरह से सैनिटाइज कर दिया गया है। वर्तमान में स्थिति पूरी तरह से सामान्य है। कलेक्टर ने यह भी कहा कि प्लांट में सेफ्टी ऑडिट की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक मजबूत सुरक्षा प्रणाली तैयार की जाएगी। वहीं, एसपी पंकज पांडे ने बताया कि प्लांट की सुरक्षा व्यवस्था की जांच की जा रही है और गैस रिसाव के कारणों का भी गहन विश्लेषण किया जाएगा।

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घरों और उद्योगों को मिल रही पीएनजी सप्लाई

मंडीदीप स्थित गेल का संयंत्र शासकीय सिविल अस्पताल के समीप स्थित है, जहां एलएनजी (लिक्विफाइड नेचुरल गैस) को पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस) में परिवर्तित कर पाइपलाइन के माध्यम से घरेलू और औद्योगिक उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाता है। यह प्लांट घरेलू, व्यावसायिक और औद्योगिक उपयोग के लिए गैस की आपूर्ति करता है। संयंत्र में घरेलू उपयोग के लिए 750 एससीएम, व्यवसायिक के लिए 1600 एससीएम और औद्योगिक जरूरतों के लिए 7500 एससीएम की भंडारण क्षमता मौजूद है।

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दो वर्ष पूर्व भी हुआ था गैस रिसाव

लगभग दो वर्ष पहले भी इसी गेल संयंत्र से गैस का रिसाव हुआ था। उस समय सीएनजी में मरकैप्टन लिक्विड मिलाया जा रहा था, तभी 6 इंच की एक पाइप से लगभग 10 से 12 बूंदें लिक्विड की नीचे गिर गईं। इस रसायन की तीव्र गंध इतनी जल्दी फैली कि कुछ ही मिनटों में यह सतलापुर तक पहुंच गई थी, जो संयंत्र से लगभग आधा किलोमीटर दूर है। इसके कारण कई लोगों को आंखों में जलन, मतली, उल्टी और चक्कर आने जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हुई थीं।

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मंजूरी कैसे दी गई?

सरकारी अस्पताल के बिल्कुल पास स्थित गैस प्लांट को लेकर अब सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय लोगों और विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी संवेदनशील जगह पर इस तरह के प्लांट को मंजूरी कैसे दी गई? उनका मानना है कि यह लोगों की सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ी चूक हो सकती है।

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प्रशासन की ओर से सफाई

कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा ने जानकारी दी, "स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। गैस रिसाव के कारणों की जांच चल रही है और जल्द ही सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा। राहत की बात यह है कि किसी को गंभीर नुकसान नहीं हुआ है।"

एसपी पंकज कुमार पांडे ने कहा, "जैसे ही हमें घटना की सूचना मिली, तुरंत कार्रवाई की गई। रास्तों को सील कर दिया गया और सुरक्षा उपायों को बढ़ाया गया। अस्पताल में मौजूद मरीजों और स्टाफ को प्राथमिकता के साथ सुरक्षित स्थान पहुंचाया गया।"

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