मंत्री तुलसी सिलावट के क्षेत्र मांगलिया का वो रेलवे ब्रिज, जिसका हर चुनाव के समय मंत्री करते हैं भूमिपूजन

यह ब्रिज सांवेर विधानसभा क्षेत्र में आता है, जिसके विधायक मंत्री तुलसी सिलावट हैं। मंत्री ने साल 2023 के विधानसभा चुनाव के पहले इसका भूमिपूजन किया, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ।

author-image
Vishwanath Singh
New Update
Sourabh629
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

इंदौर के पास मांगलिया में लगभग 35 करोड़ रुपए की लागत से एक ऐसे रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण किया जा रहा है, जिसका चुनाव से गहरा नाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह ब्रिज भले ही एक बार भी पूरा नहीं हो पाया हो, लेकिन उसका भूमिपूजन एक-दो बार नहीं, तीन-तीन बार हो चुका है।

मंत्री तुलसी सिलावट ही करते हैं हर बार भूमिपूजन

यह ब्रिज सांवेर विधानसभा क्षेत्र में आता है, जिसके विधायक मंत्री तुलसी सिलावट हैं। मंत्री ने साल 2023 के विधानसभा चुनाव के पहले इसका भूमिपूजन किया, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ। इसके बाद साल 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले भी इसका भूमिपूजन कर मारा, लेकिन इसके बाद भी काम शुरू नहीं हुआ। फिर वार्ड चुनाव तक में इसका भूमिपूजन कार्यक्रम हो गया। इसके बाद इसका काम तो शुरू हुआ, लेकिन फिर इसे रोक दिया गया। ट्रैफिक जाम के कारण दो माह के लिए काम रोका गया है। लेकिन मजे की बात यह है कि भूमिपूजन के बाद भी दो साल में इस ब्रिज का काम न शुरू हुआ और न पूरा हुआ।

भूमिपूजन का जमकर प्रचार, सांसद, नेता भी आए

मांगलिया ब्रिज के हर बार भूमिपूजन के दौरान मंत्री जी इस ब्रिज से मिलने वाली सुविधाओं को गिनाते हैं और सांसद, अन्य नेताओं का जमघट भी लगता है। भूमिपूजन 2023 के विधानसभा चुनाव के पहले सितंबर 2023 को हुआ था, जिसमें मंत्री तुलसी सिलावट के साथ सांसद शंकर लालवानी भी आए थे। इसके बाद 2024 में दो बार इसका भूमिपूजन हुआ पहले लोकसभा चुनाव के दौरान और फिर वार्ड उपचुनाव के पूर्व, सितंबर 2024 में।

bridge4
यही है मांगलिया का वह खास रेलवे ओवरब्रिज

सिंगापुर टाउनशिप तरफ बनना था, बाद में बदली जगह

मांगलिया के किसान नेता हंसराज मंडलोई ने बताया कि मांगलिया में निर्माणाधीन ब्रिज पूर्व में सिंगापुर टाउनशिप की तरफ प्रस्तावित था। इसका सर्वे भी किया जा चुका था, जिसे रेलवे क्रॉसिंग पर बनाया जा रहा था। इसके कारण उस क्षेत्र के लगभग 20 से 25 मकान टूट रहे थे। इस पर हमने विरोध किया और प्रदर्शन किया था क्योंकि यह ब्रिज सिंगापुर टाउनशिप को फायदा पहुंचाने के लिए ही बनाया जा रहा था। हमारे विरोध के बाद विभाग ने इसकी जगह बदली और फिर मांगलिया में बनाया जाना तय किया। उन्होंने बताया कि उसके बाद भी दो बार इस ब्रिज का भूमिपूजन किया जा चुका था। जब यहां पर मौतें होने लगीं तो हमने विरोध किया। तब कहीं इसका काम शुरू किया गया। वहीं, काम शुरू किए जाने के दौरान भी मंत्री समर्थकों ने यहां पर बैनर पोस्टर लगाए और मिठाई बांटी थी।

bridge3
रेलवे क्रॉसिंग के पास वाले हिस्से में होना है काम

 

पहले उद्घाटन में यह कहा था मंत्री तुलसी सिलावट ने

विधानसभा चुनाव से पहले 28 सितंबर 2023 को आयोजित ब्रिज के भूमिपूजन कार्यक्रम में मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा था कि "आज का दिन मेरे लिए काफी खास है। कई वर्ष की समस्या का समाधान अब होने जा रहा है, जिसमें मांगलिया क्षेत्र के लोगों के लिए लगभग 35 करोड़ रुपए की लागत से ब्रिज तैयार किया जाना है। इसका भूमिपूजन सांसद शंकर लालवानी के साथ हमने किया है, क्योंकि आप जानते हैं कि बीजेपी जो बोलती है वह करती है। यह विकास और प्रगति का दौर है, जिसमें डबल इंजन की सरकार द्वारा विकास किया जा रहा है। इस रेलवे क्रॉसिंग के कारण इसके आसपास के लगभग 40 से 50 गांव प्रभावित होते थे। हजारों की संख्या में वाहन निकलते हैं और दुर्घटनाएं होती हैं। कभी कोई मां व बेटा बीमार हो और रेलवे क्रॉसिंग का गेट बंद हो तो वे समय पर इलाज से वंचित रह जाते थे। इसके बन जाने से उन्हें काफी लाभ होगा।"

bridge 5
इस तरह से धूमधाम से किया था 2023 में भूमिपूजन

निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए की थी बैठक

राऊ–देवास बायपास पर अर्जुन बड़ौद पर बन रहे ब्रिज के कारण लगे जाम के चलते तीन मौतें हो गई थीं। वहीं, बायपास के जाम से बचने के लिए लोगों ने देवास नाका वाले रास्ते का उपयोग किया, लेकिन मांगलिया ब्रिज का काम चलने के कारण यहां पर भी उनकी गाड़ियां फंस गई थीं। तब क्षेत्रीय रहवासियों ने पीडब्ल्यूडी द्वारा काम में देरी किए जाने को लेकर आरोप लगाए थे। इस पर मंत्री तुलसी सिलावट मौके पर तो नहीं गए, लेकिन उन्होंने इसके लिए बैठक जरूर कर ली, जिसमें अफसरों को निर्देशित किया कि निर्माण कार्य तेजी से पूरा किया जाए।

bridge6
इस तरह से हुआ था कार्यक्रम

जाम लगा तो दो महीने के लिए रोका काम

मांगलिया के निर्माणाधीन ब्रिज के अब बीच के हिस्से में काम किया जाना है। इसके कारण रेलवे क्रॉसिंग को पूरी तरह से बंद करना पड़ा था। यह निर्णय विभाग ने पिछले दिनों लिया था। वहीं, जब देवास नाके वाले रोड पर लंबा जाम लगा और वाहन फंसे तो फिर अफसरों ने इस रास्ते से केवल कार और दोपहिया वाहनों के आवागमन की अनुमति दी। हालांकि वह भी कुछ दिन बाद बंद कर दी गई। ऐसे में जब जाम में लोग फंसे और मौतें होने लगीं तो फिर अफसरों ने इस क्रॉसिंग को बारिश के दौरान खोले जाने की अनुमति दे दी। अब बारिश के दो महीने के लिए ब्रिज के बीच के हिस्से के काम को रोक दिया गया है।

सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

इंदौर तुलसी सिलावट भूमिपूजन मंत्री बायपास