घोड़ी ने खच्चर को जन्म दिया तो मालिक ने केक कटवाया, दष्टोन हुआ...पूरे गांव में बांटी मिठाई

सुनील नाम के एक युवक ने मन्नत मांगी थी कि अगर उनकी घोड़ी को खच्चर हुआ तो वह उसका दष्टौन धूमधाम से मनाएंगे। हाल ही में जब उनकी घोड़ी ने खच्चर को जन्म दिया तो उनके परिवार के लोग खुशी से झूम उठे। 

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Pratibha ranaa
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घोड़ी ने खच्चर को जन्म
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अरविंद शर्मा, BHOPAL. मध्यप्रदेश से एक बेहद रोचक मामला सामने आया है। यहां एक घोड़ी ने दो खच्चर को जन्म दिया तो उसके मालिक ने परिवार के साथ केक कटवाया। दष्टोन हुआ। गांव वालों को बुलावा भेजा गया और फिर बधाईयां गूंजी। मिठाईयां बंटी। 
यह रोचक मामला मुरैना जिले के बानमौर का है। दरअसल, बानमौर के सुनील प्रजापति ने मन्नत मांगी थी कि उसकी घोड़ी यदि खच्चर को जन्म देगी तो वह पूरे गांव में भोज देंगे। हुआ भी ऐसा ही। उनकी घोड़ी ने खच्चर को जन्म दिया।  

सुनील की मन्नत हुई पूरी

जब मन्नत पूरी हुई तो सुनील के परिवार और गांव वालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। जमकर जश्न मना। बाकायदा घोड़ी मालिक सुनील प्रजापति की ससुराल से कपड़े और अन्य सामग्री आई। सिलसिलेवार तरीके से दष्टोन का पूरा कार्यक्रम आयोजित किया गया। सुनील ने बताया कि उन्होंने बेहट के काशी बाबा से मन्नत मांगी थी कि अगर उनकी घोड़ी के खच्चर पैदा हुए तो वह उनका दष्टोन बड़े धूमधाम से बनमोर कस्बा में स्थित घर खदान रोड पर आयोजित करेंगे। साथ ही विभिन्न पकवान मेहमानों के सामने परोसेंगे। 

ससुराल से आए कपड़े 

घोड़ी को खच्चर पैदा होने की खुशी में सुनील ने पहले अपने घर वालों के साथ केक काटा। मेहमानों को बुलाया गया। गांव वाले भी सुनील की खुशी में शरीक हुए। सुनील की ससुराल से कपड़े भेजे गए। साथ ही खच्चरों को भी नए कपड़े पहनाए गए। दष्टोन मनाया गया। बताशे बंटे। मिठाईयां बांटी गईं। 

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दष्टोन में भोला और चांदनी को बच्चों ने खिलाया केक

इस खुशी के मौके पर ग्वालियर से सुनील के ससुरालीजन पक्ष लेकर दष्टोन में पहुंचे। ससुराल पक्ष के लोग पूरे परिवार के लिए कपड़े लेकर आए। महिलाओं के लिए साड़ी और बच्चों के लिए खिलौने भी आए। बच्चों ने सुनील से जिद की कि वह घोड़े के नर व मादा खच्चर का केक काटकर जन्मदिन मनाने के बाद नामकरण करेंगे। उसके बाद घोड़े के बच्चों का नामकरण किया गया। भोला और चांदनी के सामने रखकर केक भी काटा गया। उन्होंने 300 लोगों को भोजन करवाया। 

ग्रामीणों ने हंसते हुए कहा- खुद के बच्चों का नहीं किया दष्टोन

ग्रामीण रामरतन सिंह ने कहा कि सुनील प्रजापति ने अपने तीन बच्चों निखिल (18),नैंसी (12) और वेद (8) के साथ ही गोद ली हुई बेटी भावना (22) का दष्टोन आज तक नहीं किया। उधर, कुछ ग्रामीण घोड़े के बच्चों का दष्टोन मनाए जाने का मजाक उड़ा रहे थे। ईंट भट्टा पर काम करने वाले सुनील का कहना है कि अपने बच्चों का तो सभी जन्मदिन व दष्टोन मनाते हैं। लेकिन अपने घर में पल रहे जानवर भी परिवार के सदस्य होते हैं।

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खबर से जुड़ा नॉलेज भी जान लीजिए...

खच्चर, नर गधा और मादा घोड़े की संतान को कहते हैं। इस प्रजाति की खास बात ये है कि दो खच्चर मिलकर संतान पैदा नहीं कर सकते हैं, क्योंकि उनके पास ऑड नंबर के क्रोमोंसोम्स होते हैं। अब आपके दिमाग में ये भी आ रहा होगा कि नर घोड़े और मादा गधे के संतान को क्या कहते हैं? तो जवाब ये है कि उसे खच्चर नहीं बल्कि हिनी कहते हैं। ये आमतौर पर खच्चर जितने मजबूत नहीं होते हैं।

खच्चर mule birth खच्चर का जन्म