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मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में एक फेसबुक पोस्ट ने राजनीतिक और सामाजिक हलचल मचा दी है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की प्रदेश महासचिव रेखा विनोद जैन ने सोशल मीडिया पर भगवान परशुराम को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। अपनी इस पोस्ट में उन्होंने भगवान परशुराम की तुलना औरंगजेब से करते हुए उन्हें हत्यारा बता दिया। उनकी इस पोस्ट ने ब्राह्मण समाज की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई, जिससे न केवल जबलपुर बल्कि पूरे प्रदेश में विरोध के स्वर उठने लगे। विवाद बढ़ने पर रेखा विनोद जैन ने अपनी पोस्ट डिलीट कर दी और अपने सोशल मीडिया अकाउंट से माफी भी मांगी, लेकिन तब तक मामला तूल पकड़ चुका था। इस विवाद ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज कर दी और भाजपा ने कांग्रेस पर हिंदू विरोधी मानसिकता का आरोप लगाते हुए आक्रामक रुख अपना लिया।
भगवान परशुराम पर विवादित टिप्पणी से आक्रोश
इस पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई जब रेखा विनोद जैन ने अपने फेसबुक अकाउंट से भगवान परशुराम को लेकर एक टिप्पणी साझा की। इस पोस्ट को ब्राह्मण समाज के पंडित राम दुबे ने आपत्तिजनक बताते हुए इसे फेसबुक पर साझा कर दिया। जिसमें भगवान परशुराम की तुलना औरंगजेब से अनुचित तरीके से की गई है, जो ब्राह्मण समाज की धार्मिक आस्था पर सीधा हमला है। देखते ही देखते इस पोस्ट का स्क्रीनशॉट वायरल हो गया और सोशल मीडिया पर इसकी जमकर आलोचना होने लगी। ब्राह्मण समाज से जुड़े कई प्रमुख व्यक्तियों और हिंदू संगठनों ने इस पोस्ट को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे ब्राह्मण समाज के अपमान के रूप में देखा और कहा कि यह न केवल धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने वाला है, बल्कि समाज में जानबूझकर वैमनस्य फैलाने का कार्य है। विवाद बढ़ता देख रेखा विनोद जैन ने पहले पोस्ट डिलीट की और फिर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और मामला राजनीतिक रूप ले चुका था।
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आंदोलन की चेतावनी
इस विवाद ने ब्राह्मण समाज में उबाल ला दिया। समाज के वरिष्ठ नेताओं और संगठनों ने इसे बेहद गंभीर मामला बताते हुए कहा कि यदि कांग्रेस पार्टी ने रेखा विनोद जैन के खिलाफ जल्द कार्रवाई नहीं की, तो प्रदेशभर में बड़े पैमाने पर आंदोलन छेड़ा जाएगा।
ब्राह्मण समाज के नेताओं ने रेखा विनोद जैन के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। उनका कहना है कि यह सिर्फ एक व्यक्ति की गलती नहीं है, बल्कि कांग्रेस पार्टी की ब्राह्मण विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कांग्रेस आलाकमान से अपील की कि वे रेखा विनोद जैन को तुरंत पार्टी से निष्कासित करें और सार्वजनिक रूप से इस मामले में अपना रुख स्पष्ट करें। ब्राह्मण समाज के पदाधिकारियों ने यह भी कहा कि यदि कांग्रेस ने इस मुद्दे को हल्के में लिया और कार्रवाई नहीं की, तो वे पूरे प्रदेश में आंदोलन करेंगे, सड़क पर उतरेंगे और विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि यह मामला सिर्फ जबलपुर तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे प्रदेश और देशभर में ब्राह्मण समाज इस मुद्दे को उठाएगा।
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भाजपा ने कांग्रेस को घेरा
जैसे ही यह विवाद तूल पकड़ने लगा, वैसे ही भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस लगातार हिंदू समाज की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम कर रही है और रेखा विनोद जैन की पोस्ट उसी मानसिकता का हिस्सा है।
भाजपा नेत्री प्रीति बाजपेयी ने कहा कि भगवान परशुराम हिंदू समाज के एक महत्वपूर्ण आराध्य देवता हैं और उनके प्रति की गई इस तरह की टिप्पणी न केवल निंदनीय है बल्कि कांग्रेस की ब्राह्मण विरोधी मानसिकता को उजागर करती है। उन्होंने कहा कि
"इस तरह की टिप्पणी करके कांग्रेस नेत्री ने अपने मानसिक दिवालियेपन और हिंदू धर्म के प्रति अज्ञानता का परिचय दिया है। ऐसे लोगों को समाज और राजनीति से बहिष्कृत करना ही उचित होगा। अगर कांग्रेस अपने नेताओं को इस तरह की टिप्पणियों से रोक नहीं पा रही, तो इसका मतलब यही है कि पार्टी खुद इस मानसिकता को बढ़ावा दे रही है।"
इसके अलावा, भाजपा के अन्य नेताओं ने भी इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस की कड़ी आलोचना की और इसे आगामी चुनावों में बड़ा मुद्दा बनाने की चेतावनी दी। भाजपा नेत्री प्रीति बाजपेयी ने साफ तौर पर कहा कि यदि कांग्रेस ने रेखा विनोद जैन पर कोई कार्रवाई नहीं की, तो भाजपा ब्राह्मण समाज के समर्थन में बड़े आंदोलन की तैयारी करेगी।
कांग्रेस ने जारी किया कारण बताओ नोटिस
जब विवाद लगातार बढ़ने लगा और भाजपा ने इसे बड़ा मुद्दा बना लिया, तब कांग्रेस पार्टी को भी सफाई देने के लिए मजबूर होना पड़ा। कांग्रेस नेत्री रेखा विनोद जैन ने विवाद बढ़ता देख पहले पोस्ट को हटाया और फिर अपनी एक और पोस्ट में माफी भी मांगी। लेकिन ब्राह्मण समाज और हिंदू संगठनों ने इसे अपर्याप्त बताते हुए उनकी गिरफ्तारी और कांग्रेस से निष्कासन की मांग की।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, कांग्रेस नगर अध्यक्ष सौरभ नाटी शर्मा ने रेखा विनोद जैन को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। इस नोटिस में स्पष्ट रूप से कहा गया कि उन्हें इस विवाद पर जल्द से जल्द स्पष्टीकरण देना होगा। यदि उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया जाता, तो पार्टी उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है, जिसमें उन्हें कांग्रेस से निष्कासित किया जाना भी शामिल है।
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कांग्रेस नगर अध्यक्ष सौरभ नाटी शर्मा ने कहा
"कांग्रेस किसी भी धर्म या समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के पक्ष में नहीं है। कांग्रेस का उद्देश्य समाज को जोड़ना है, न कि किसी भी वर्ग को आहत करना। नेत्री की पोस्ट उनके व्यक्तिगत विचार हो सकते हैं, लेकिन पार्टी ऐसे किसी भी बयान का समर्थन नहीं करती है। हमारे द्वारा नेत्री को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जिसकी प्रति प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी और प्रदेश संगठन महामंत्री संजय कॉवले को भी भेज दी गई है।"
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कांग्रेस लेगी सख्त एक्शन!
अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि कांग्रेस इस मामले में क्या रुख अपनाएगी। क्या पार्टी रेखा विनोद जैन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी और उन्हें निष्कासित करेगी, या फिर यह मामला धीरे-धीरे शांत हो जाएगा। भाजपा और ब्राह्मण समाज इस मुद्दे को छोड़ने के मूड में नहीं हैं, और यदि कांग्रेस ने ठोस कदम नहीं उठाया, तो यह विवाद आने वाले दिनों में और अधिक गहरा सकता है। क्योंकि धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंचाना एक आपराधिक मामला है और इस पर एफआईआर दर्ज हो सकती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला एक बड़ा मुद्दा बन सकता है और कांग्रेस को इससे भारी नुकसान हो सकता है। अब देखना होगा कि कांग्रेस रेखा विनोद जैन के खिलाफ क्या निर्णय लेती है और ब्राह्मण समाज के आक्रोश को शांत करने के लिए क्या कदम उठाती है।