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मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के गडरा गांव में शनिवार ( 15 मार्च ) को एक हिंसक घटना हुई। इस घटना ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां दो पक्षों के बीच विवाद हो गया, जिसके बाद एक युवक को बंधक बना लिया गया और उसे बेरहमी से पीटा गया। जब पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची, तो गुस्साए ग्रामीणों ने उन पर हमला कर दिया। इस हमले में एक ASI (Assistant Sub-Inspector) की मौत हो गई और तहसीलदार घायल हो गए। अब इसी मामले पर एमपी कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश सरकार पर हमला बोला है।
प्रदेश सरकार पर हमला
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस घटना की निंदा करते हुए प्रदेश की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की कानून व्यवस्था बेहद गंभीर, चिंताजनक और बदत्तर हो चुकी है। डॉ. मोहन यादव जी, जंगलराज से भी बदतर हुई मप्र की कानून व्यवस्था में अब तो पुलिस भी सुरक्षित नहीं है! सबसे असफल गृहमंत्री का तमगा आपको जाता है।
भगवान भरोसे जनता
पटवारी ने आगे कहा कि मध्य प्रदेश में अराजकता चरम पर है। सरकार नहीं, जंगलराज चल रहा है। पटवारी ने आरोप लगाया कि बेफिक्र सरकार और बेशर्म गृह मंत्री ने जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। सरकार को अब तक जनता की फिक्र नहीं थी। लेकिन अब तो जनता की सुरक्षा के जिम्मेदार पुलिसकर्मी ही सुरक्षित नहीं हैं।
सीएम ने क्या कहा ?
मऊगंज हिंसा पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मऊगंज जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के गड़रा गांव में दो गुटों के आपसी विवाद की सूचना पर पहुंचे तहसीलदार, थाना प्रभारी और पुलिस टीम पर हुए दुर्भाग्यपूर्ण हमले में हमारी पुलिस के एक एएसआई रामचरण गौतम की जवाबी कार्रवाई में दुखद मृत्यु हुई है। मैं शोकाकुल परिजनों के साथ अपनी गहरी शोक संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। घटना में अन्य घायल पुलिसकर्मियों को उपचार के लिए रीवा अस्पताल भेजा गया है।
उन्होंने आगे कहा कि घटना के तुरंत बाद क्षेत्र में धारा 163 लागू कर डीआईजी रीवा, एसपी मऊगंज और अन्य पुलिस अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रित किया। एडीजी रीवा जोन मौके पर पहुंच रहे हैं, और मैंने डीजी पुलिस को भी मौके पर पहुंचकर पर्यवेक्षण के लिए निर्देशित किया है। इस प्रकार की अमानवीय और दुर्भाग्यपूर्ण घटना के सभी आरोपियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
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अभी क्या हैं हालात ?
बता दें कि इस पूरे हिंसा में तहसीलदार कुमारे लाल पनिका और टीआई संदीप भारती को गंभीर चोटें आई हैं। मारपीट के दौरान तहसीलदार के हाथ और पैरों की हड्डियां टूट गईं, जबकि टीआई संदीप के सिर पर गंभीर चोट आई है। इसके अतिरिक्त, पुलिस टीम के अन्य सदस्य जैसे अनंत मिश्रा, एएसआई बृहस्पति पटेल, एसडीओपी अंकित सुल्या और एएसआई जवाहर सिंह यादव भी घायल हुए हैं। सभी का इलाज अस्पताल में चल रहा है। वहीं, घटना के बाद कलेक्टर अजय श्रीवास्तव ने गड़रा गांव में धारा 163 लागू कर दी है। साथ ही, सीधी और रीवा से भारी पुलिस बल बुलाकर गांव में तैनात किया गया है। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को हिरासत में भी लिया है। फिलहाल इलाके में शांति का माहौल है।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, शनिवार ( 15 मार्च ) को शाहपुर थाना क्षेत्र के गडरा गांव में दो पक्षों के बीच विवाद उत्पन्न हो गया। एक पक्ष ने एक युवक को बंधक बना लिया और उसकी बुरी तरह पिटाई करना शुरू कर दिया। जब पुलिस को इस घटना की सूचना मिली, तो वे तुरंत कार्रवाई करते हुए घटनास्थल पर पहुंची। लेकिन ग्रामीणों ने पुलिस पर लाठियां, डंडे और पत्थरों से हमला कर दिया। इस हमले के दौरान एक ASI की जान चली गई और तहसीलदार गंभीर रूप से घायल हो गए।
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