अक्षय बम के लिए 10 मई अहम, महिला मामले में राहत लेकिन फैकल्टी गई कोर्ट में, इसी दिन 307 पर भी सुनवाई

अक्षय के कॉलेज इंदौर इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ की पुरानी फैकल्टी ने केस लगाया है। उनकी ओर से अधिवक्ता कृष्ण कुमार कुन्हारे और डॉ. रूपाली राठौर ने बताया कि डॉ. कविता दिवे, विशाल पुराणिक, रूपाली व अन्य असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कॉलेज में नौकरी करते थे।

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Pratibha ranaa
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संजय गुप्ता, INDORE. बीजेपी में जाने के बाद भी अक्षय बम को फिलहाल मुश्किलों से राहत नहीं मिलने वाली है। बम ( Akshay bomb ) के लिए 10 मई सबसे अहम साबित होने वाला है। इस दिन धारा 307 को लेकर विवेचना होना है, तो वहीं कॉलेज की पुरानी फैकल्टी ने उनके खिलाफ परिवाद दायर कर दिया है। इसमें 10 मई को सुनवाई होगी। द सूत्र ने सबसे पहले खुलासा किया था कि बम के बीजेपी में जाने के तीन अहम कारण है- पहला महिला संबंधी मामला, दूसरा धारा 307 का बढ़ना और तीसरा कॉलेज की फैकल्टी का विवाद। 

यह लगा है परिवाद

अक्षय के कॉलेज इंदौर इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ की पुरानी फैकल्टी ने केस लगाया है। उनकी ओर से अधिवक्ता कृष्ण कुमार कुन्हारे और डॉ. रूपाली राठौर ने बताया कि डॉ. कविता दिवे, विशाल पुराणिक, रूपाली व अन्य असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कॉलेज में नौकरी करते थे। सभी ने काफी समय पहले कॉलेज छोड़ दिया था। इसके बाद भी इन्हें अभी तक फैकल्टी दिखाया जा रहा है ताकि कॉलेज की गलत मान्यता बनी रहे।

सुसाइड करने वाली महिला को भी फैकल्टी बताया हुआ

इनके साथ ही रश्मि शुक्ला नामक फैकल्टी ने नवंबर 2022 में सुसाइड कर लिया था। इसके बावजूद कॉलेज मैनेजमेंट ने वेबसाइट पर नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क के डेटा में असिस्टेंट प्रोफेसर रश्मि शुक्ला, विशाल पुराणिक,आशीष कुमार सोनी, डॉ. माधुरी मोदी, डॉ. योगिता मेनन, डॉ. योगिता चौहान, अमरेश पटेल, नवीन दवे, सौरभ कुमार, डॉ. दिनेश अशोक, डॉ. कविता दुबे, करण जीत कौर, रूपाली को कॉलेज में नियमित नौकरी पर दिखाया। यह डेटा मार्च-अप्रैल 2024 में ही अपलोड किया गया। 

इसके जरिए ले ली रैंकिंग A + 

इन फैकल्टी के दस्तावेज के जरिए नेक रैंकिंग A + एवं ऑटोनोमस स्टेटस भी प्राप्त किया था। इस मामले में परिवाद को लेकर सुनवाई भी 10 मई को होने जा रही है। कोर्ट ने जवाब मांगा है।

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एक छात्रा भी कर चुकी EOW में शिकायत

वहीं कॉलेज की एक लॉ छात्रा ने भी उनके कॉलेज के खिलाफ परेशान करने का आवेदन EOW में दिया था। छानबीन भी शुरू कर दी गई, लेकिन बाद में बीजेपी में जाने के बाद मामला ठंडा पड़ गया। छात्रा ने कॉलेज के चेयरमैन डॉ. अक्षय कांति बम, डायरेक्टर डॉ. मनप्रीत कौर राजपाल, प्रिंसिपल डॉ. विनोद पाटीदार, HOD और HR प्रबंधन के विरुद्ध पुलिस सहित आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में शिकायत दर्ज कराई थी। 

17 साल पुराने जमीन विवाद में भी उलझे हैं

वहीं बीजेपी में आने से पहले 24 अप्रैल को जिला कोर्ट में सुनवाई के बाद गवाह के बयान के बाद उन पर धारा 307 बढ़ाने यानि हत्या के प्रयास की धारा को लेकर निर्देश हुआ। इसमें सुनवाई 10 मई को होगी। 

लगातार कैलाश विजयवर्गीय के साथ ही घूम रहे बम

उधर अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित बम लगातार नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के साथ घूम रहे हैं। वह सोमवार को सुबह 10 बजे से उनके साथ है जब करीब सवा ग्यारह बजे कलेक्टोरेट में जाकर नाम वापस लिया था। इसके बाद से वही उनके साथ है, मंगलवार को अलीराजपुर गए तो फिर वह बुधवार को उनके साथ ही महू दौरे में भी थे। अभी भी बम अपने घर पर नहीं लौटे हैं और अपनों से दूर है और फोन पर भी ज्यादा संपर्क नहीं कर रहे हैं।

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