अपने खास बिल्डर को बचाने खुद मौके पर पहुंचे महापौर, खुलवा दिया निगम का लगाया ताला

जबलपुर में बिल्डर शंकर मंछानी के शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में नगर निगम की कार्रवाई रुकवाने के लिए महापौर ने हस्तक्षेप किया। निगम ने अवैध पार्किंग के खिलाफ कार्रवाई की थी, लेकिन महापौर के आने के बाद ताला खोला गया।

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Neel Tiwari
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MP News: जबलपुर में नेताओं के परिचितों को नियम तोड़ने की खुली छूट मिली हुई है। शनिवार को बिल्डर शंकर मंछानी के शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में निगम की कार्रवाई रुकवाने महापौर जगत बहादुर अन्नू पहुंचे। उन्होंने वहां ताला खुलवाया। 

अवैध पार्किंग पर कार्यवाही करने पहुंचा था ननि

जबलपुर में बने शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और कुछ मॉल के नक्शे बेसमेंट या अन्य जगहों पर पार्किंग दिखाकर पास कराए गए हैं। लेकिन अब उन बेसमेंट का उपयोग भी व्यावसायिक फायदे के लिए हो रहा है और ग्राहकों के वाहन सड़कों पर खड़े होते हैं। इस अतिक्रमण को रोकने के लिए नगर निगम ने मुहिम शुरू की हुई है।

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जबलपुर रेलवे स्टेडियम के सामने बने शॉपिंग कांप्लेक्स में स्थित दुकान को नगर निगम ने बार-बार नोटिस दिया। इसके बावजूद दुकान ने पार्किंग व्यवस्था सही नहीं की। इसके बाद नगर निगम का अमला वहां पहुंचा और दुकान पर ताला जड़ दिया। लेकिन कार्यवाही करते समय शायद निगम अधिकारियों को यह अंदाजा नहीं था कि यह दुकान बिल्डर शंकर मंछानी की है।

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निगम अधिकारी से बोला बिल्डर मंछानी 

नगर निगम के कर्मचारियों ने नोटिस के बाद भी मनमानी करने पर इस दुकान पर ताला लगा दिया। बिल्डर ने कार्यवाही रुकवाने के लिए फोन लगाए और अधिकारी से कहा कि लो बात करो। बात करने के बाद अधिकारी के चेहरे के हाव-भाव ही बदल गए। लेकिन इस दौरान मीडिया भी वहां पहुंच गई और यह पूरी कार्यवाही मीडिया के कैमरों में रिकॉर्ड होने लगी। 

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नगर निगम के अमले के लोग दुकान का शटर गिराते समय भी बिल्डर को कहते हुए सुने गए कि अभी रुको थोड़ी देर से खुल जाएगा। फोन पर बात करने के बाद भी निगम के अधिकारी मीडिया के सामने तुरंत यह ताला नहीं खोल पाए। जिसका नतीजा यह निकला की मौके पर महापौर को खुद आना पड़ा।

मौके पर पहुंचे महापौर, और खुल गई दुकान 

जब बिल्डर मंछानी ने अधिकारी को फोन किया, तो निगम के कर्मचारियों ने दबी जुबान में बताया कि महापौर से सीधे बात हुई है। थोड़ी ही देर में महापौर खुद मौके पर पहुंच गए। इस दुकान के बगल में स्थित मिठाई की दुकान में अधिकारियों, बिल्डर और महापौर की बैठक हुई। महापौर के जाते ही दुकान का शटर और ताला खोल दिया गया।

अधिकारी बोले सांकेतिक थी कार्रवाई

जबलपुर नगर निगम के अधिकारी दुकान पर चेन के साथ ताला जड़ते हुए इसका शटर भी गिरा चुके थे। कार्यवाही के कागज बनाए जाने के पहले ही मौके पर महापौर पहुंच गए। इसके बाद अधिकारियों की जुबान ही बदल गई। मीडिया के पूछने पर नगर निगम के भवन विभाग के BCMO मनीष तबसे ने कहा कि यह कार्रवाई केवल सांकेतिक थी, इसलिए ताला खोल दिया गया।

4 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी

👉  जबलपुर में एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की दुकान पर निगम ने बार-बार नोटिस देने के बावजूद पार्किंग व्यवस्था न सुधारने पर ताला लगा दिया। यह दुकान बिल्डर शंकर मंछानी की थी, जो पार्किंग के स्थान को व्यावसायिक उपयोग में ले रहे थे।

👉  निगम द्वारा ताला लगाते ही बिल्डर मंछानी ने अधिकारियों को फोन पर बात की। मौके पर मीडिया के आने से अधिकारी तुरंत ताला नहीं खोल पाए, लेकिन स्थिति स्पष्ट रूप से बदलती दिखी।

👉  बिल्डर के कॉल के बाद महापौर जगत बहादुर अन्नू स्वयं मौके पर पहुंचे। अधिकारियों और बिल्डर के साथ मीटिंग के बाद दुकान का शटर खोल दिया गया।

👉  महापौर ने मीडिया को कहा कि वे सिर्फ मिठाई खरीदने आए थे, लेकिन उनके हाथ में कोई मिठाई का डिब्बा नहीं था। इससे स्पष्ट संकेत मिला कि रसूखदार बिल्डर को नियमों से ऊपर रखा गया।

 

महापौर बोले मिठाई खरीदने आया था 

महापौर जगत बहादुर अन्नू जब दुकान के अंदर बैठे हुए थे तो उनके साथ बैठे अधिकारियों और बिल्डर शंकर मंछानी की तस्वीरें मीडिया कर्मी ले रहे थे। जाते-जाते महापौर बिल्कुल मासूम बन गए और मीडिया कर्मियों से कहते हुए गए कि मैं तो सिर्फ मिठाई लेने आया था। 

वह यह भूल गए कि उनके और ना ही उनके सहायक के हाथ में मिठाई के कोई डिब्बे थे ही नहीं। इस दौरान यह भी चर्चा चलती रही कि शायद बिल्डर ने मिठाई घर पहुंचने का आश्वासन दिया होगा।  इस पूरे मामले से यह बात तो सामने आ ही गई है कि जबलपुर में नेताओं से संपर्क रखने वाले और रासुखदारों के लिए नियम कानून की कोई अहमियत नहीं है।

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