आईआईटी इंदौर-एम्स भोपाल ने बनाया खास मेडिकल ट्रांसलेशन टूल, 22 भाषाओं में समझाएगा टेस्ट रिपोर्ट
आईआईटी इंदौर ने एम्स भोपाल के साथ मिलकर एक टूल तैयार किया है जो मेडिकल रिपोर्ट को 22 भाषाओं में ट्रांसलेट करेगा। यह टूल इलाज के लिए सही डॉक्टर की जानकारी भी देगा।
MP News: हर दिन देश में लाखों लोग मेडिकल टेस्ट करवाते हैं और उनकी रिपोर्ट आने का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं। लेकिन, इन रिपोर्ट के आने के बाद ज्यादातर लोग इनमें लिखा कुछ भी नहीं समझ पाते हैं। दरअसल, इन रिपोर्ट्स में जिन मेडिकल टर्म्स का उपयोग होता है वो आम लोगों की समझ से परेहोती हैं, और बिना डॉक्टरों की मदद के कुछ भी नहीं समझा जा सकता है। ऐसे में कई बार वो खुद ही बिना जाने हुए दवाइयां लेना शुरू कर देते हैं या फिर पास में किसी भी डॉक्टर से पूछ लेते हैं। इस तरह सही इलाज मिलने में देरी हो जाती है।
अब इसी समस्या को दूर करने के लिए आईआईटी इंदौर (IIT Indore) ने एम्स भोपाल (AIIMS Bhopal) के साथ मिलकर एक ऐसा टूल तैयार किया है जो रिपोर्ट्स की इन मेडिकल टर्म्स को स्थानीय भाषा में बदल देगा, जिससे लोग खुद ही आसानी से अपनी रिपोर्ट पढ़ सकेंगे। फिलहाल यह टूल एक्स-रे फिल्मों, सीटी स्कैन और एमआरआई जैसी रिपोर्ट्स को ट्रांसलेट करने पर काम करेगा। लेकिन जल्द ही बाकी सभी मेडिकल रिपोर्ट्स को भी इसके दायरे में लाया जाएगा। आने वाले दो महीनों में बीमारी के सुझाव और डॉक्टर से संपर्क जैसे फीचर्स जोड़ दिए जाएंगे। 2025 के अंत तक यह टूल बाजार में लॉन्च कर दिया जाएगा।
कैसे काम करता है यह ट्रांसलेशन टूल
सबसे पहले यह मेडिकल ट्रांसलेशन टूल पेशेंट की मेडिकल रिपोर्ट को स्कैन करता है और उसके बाद उसको सरल भाषा में अनुवाद करता है। यह टूल रिपोर्ट को संक्षिप्त में समझा भी देगा जिससे आम आदमी अपनी अपनी बीमारी को समझ पाएगा। फिलहाल यह टूल सिर्फ हिन्दी भाषा में ही जानकारी दे सकता है लेकिन आगे जाकर इससे सभी 22 आधिकारिक भाषाओं में इसे विस्तार से जानकारी देने की योजना है।
सही डॉक्टर भी सुझाएगा
यह टूल केवल ट्रांसलेशन ही नहीं, लोगों की बीमारी के आधार पर यह भी बताएगा कि उन्हें किस प्रकार के डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, वे कहां उपलब्ध हैं और उनसे कब अपॉइंटमेंट लिया जा सकता है। इस तरह से लोग पहली बार में ही रिपोर्ट लेकर सही डॉक्टर के पास पहुंच सकेंगे।
PHCs को भी जोड़ेंगे
सही समय पर इलाज नहीं मिलना या गलत इलाज की समस्या शहरों से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिलती है। इसलिए यह मेडिकल ट्रांसलेशन टूल सुविधा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से उपयोगी होगी।ग्रामीण भारत के लिए यह टूल वरदान साबित हो सकता है। इस टूल को देश के सभी प्राइमरी हेल्थ सेंटर्स (PHCs) से जोड़ा जाएगा, ताकि दूरदराज़ के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी अपनी स्थानीय भाषा में रिपोर्ट को समझ सकें और आसपास के विशेषज्ञ डॉक्टर की जानकारी भी घर बैठे अपने मोबाइल ऐप पर पा सकें।
एम्स भोपाल के डॉक्टरों की टीम शामिल
इस मेडिकल ट्रांसलेशन टूल प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए आईआईटी इंदौर साथ एम्स भोपाल की रेडियोलॉजी टीम भी पूरा सहयोग कर रही है।यह टीम इस सिस्टम को क्लीनिकली वैलिडेट कर रही है, ताकि इसके नतीजे भरोसेमंद हों। भविष्य में इसमें डॉक्टर की लिखी पर्चियों और डिस्चार्ज समरी को जोड़ने की योजना भी है।
1. क्या यह टूल सभी मेडिकल रिपोर्ट्स को ट्रांसलेट कर सकता है?
फिलहाल यह टूल एक्स-रे, सीटी स्कैन और एमआरआई रिपोर्ट्स पर केंद्रित है क्योंकि इन्हीं से बीमारी की पहचान होती है। भविष्य में अन्य रिपोर्ट्स भी जोड़ी जाएंगी।
2. क्या यह टूल ग्रामीण इलाकों में काम करेगा?
हां, इस टूल को प्राइमरी हेल्थ सेंटर्स (PHC) से जोड़ा जा रहा है ताकि ग्रामीण इलाकों में लोग भी अपनी भाषा में रिपोर्ट समझ सकें और डॉक्टर की जानकारी पा सकें।
3. क्या यह टूल डॉक्टर से अपॉइंटमेंट बुक करने में मदद करेगा?
जी हां, आने वाले समय में यह टूल न सिर्फ बीमारी बताएगा बल्कि नजदीकी विशेषज्ञ डॉक्टर से अपॉइंटमेंट की सुविधा भी देगा।