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मध्य प्रदेश के नागदा में रहने वाली कमला (बदला हुआ नाम) पीरियड्स के दौरान कपड़े का इस्तेमाल करती थीं। उन्हें बार-बार संक्रमण की समस्या होती थी। एक दिन डॉ. इंदू सिंह ने उन्हें सैनिटरी पैड अपनाने की सलाह दी। इससे उनकी सेहत में सुधार हुआ। डॉ. इंदू सिंह सिर्फ एक महिला की नहीं, बल्कि हजारों महिलाओं की जिंदगी बदल रही हैं। वे महिलाओं को मासिक धर्म (Menstruation) के दौरान सफाई के महत्व को समझा रही हैं। इसके लिए वे एक मिशन पर काम कर ही हैं।
जागरुकता के लिए बना रहीं डॉक्यूमेंट्री
महिलाओं को पीरियड्स (Periods) में स्वच्छता बनाए रखने के लिए जागरूक करने हेतु डॉ. इंदू सिंह डॉक्यूमेंट्री बना रही हैं। इस प्रोजेक्ट में डॉक्टर सुरेंद्र मीणा भी शामिल हैं। डॉक्यूमेंट्री टीम में 8 से 10 युवा सदस्य हैं। वे गांव-गांव जाकर महिलाओं से उनकी समस्याएं सुन रहे हैं। बीते एक साल में टीम ने 8 हजार 400 महिलाओं की कहानियां रिकॉर्ड की हैं।
युवा भी जागरूकता अभियान का हिस्सा
डॉ. इंदू सिंह सिर्फ महिलाओं को ही नहीं, बल्कि युवकों को भी जागरूक कर रही हैं। वे कहती हैं, कि युवक अक्सर मासिक धर्म को लेकर मजाक बनाते हैं। लेकिन मेंस्ट्रुएशन के लिए जागरूक होने के बाद उनकी सोच बदल सकती है। इस डॉक्यूमेंट्री में युवकों को यह सिखाया जा रहा है कि वे महिलाओं की इस समस्या को गंभीरता से लें।
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डॉक्यूमेंट्री में हर वर्ग की महिलाएं शामिल
डॉक्यूमेंट्री में गांवों और शहरों की 8 हजार 200 से अधिक महिलाएं अपनी कहानियां साझा कर चुकी हैं। इसमें उच्च, मध्यम और निम्न वर्ग की महिलाएं शामिल हैं। डॉक्यूमेंट्री अगले 6-8 महीनों में पूरी हो जाएगी। इसे सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखाया जाएगा।
महिलाओं को स्वस्थ भविष्य देना है मिशन
डॉ. इंदू सिंह का यह प्रयास सिर्फ एक डॉक्यूमेंट्री तक सीमित नहीं है। वे महिलाओं को स्वच्छता अपनाने और पीरियड्स को लेकर बनी झिझक को दूर करने की कोशिश कर रही हैं। उनका यह मिशन हजारों महिलाओं की जिंदगी बदल रहा है। आने वाले समय में यह जागरूकता अभियान और भी अधिक महिलाओं तक पहुंचेगा।