महू में कश्मीर स्टाइल में मुंह पर कपड़ा बांधकर पत्थरबाजी, गर्म पानी में मिलाई मिर्च

इंदौर के महू में चैंपियनशिप ट्रॉफी में भारत की जीत के बाद सुनियोजित उपद्रव हुआ। इस दौरान उपद्रवियों ने कश्मीर स्टाइल अपनाते हुए मुंह पर कपड़ा बांधकर पहचान छिपाई और पत्थरबाजी की।

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Sanjay gupta
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चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की जीत के बाद रविवार रात को इंदौर के महू तहसील में हुआ उपद्रव पूरी तरह से सुनियोजित था और इसकी पहले से ही प्लानिंग थी। सबसे बड़ी बात यह कि इस दंगे में पहली बार कश्मीर स्टाइल को अपनाया गया। उसी तर्ज पर मुंह पर रूमाल या कपड़ा बांधकर, यानी पहचान छिपाकर पत्थरबाजी की गई। इस दंगे के लिए पहले से ही पत्थर और पेट्रोल जमा किया गया था।

'द सूत्र' इस संबंध में लगातार दर्जनों वीडियो देखने, स्थानीय लोगों से चर्चा करने और विभिन्न स्रोतों से जानकारी जुटाकर इस पूरे चौंकाने वाले खुलासे को सामने ला रहा है। इस दौरान उपद्रवियों ने पहचान छिपाने के लिए मौके पर लगे सीसीटीवी तोड़े और उन्हें जला भी दिया, जिससे कोई फुटेज न आ सके।

इस तरह एक-एक क्षेत्र में उपद्रव किया गया

  • दंगे की शुरुआत सबसे पहले महू के जामा मस्जिद क्षेत्र में हुई। यहां निकल रहे जुलूस पर मस्जिद से बाहर आए लोगों ने जमकर मारपीट की और वाहनों को तोड़ा। 200 से ज्यादा लोग जमा हो गए। पुलिस यहां स्थिति नियंत्रित करती, इससे पहले भीड़ प्लानिंग के तहत दूसरी जगह पहुंच गई।
  • इसके बाद मार्केट चौक यानी धानमंडी चौराहे पर भीड़ जमा हुई और वहां पत्थरबाजी और वाहनों की तोड़फोड़ शुरू कर दी गई।
  • पुलिस जब तक वहां पहुंचती, पत्ती बाजार में उपद्रव शुरू हो गया।
  • इसके बाद मामला हम्माल मोहल्ला तक पहुंच गया, जहां वाहनों में आग लगा दी गई।

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गर्म पानी में मिर्च, पत्थर और पेट्रोल

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यह पूरी साजिश थी और इसे लेकर तीन बड़ी बातें सामने आ रही हैं।

  1. पत्थरों का ढेर– जहां भी पत्थरबाजी हुई, वहां भारी संख्या में पत्थर मिले हैं। भरे बाजारों में अचानक इतने पत्थर कैसे आ सकते हैं? ये पहले से ही जमा किए गए थे। यह पत्थर छतों से भी पुलिस और दूसरी भीड़ पर फेंके गए।
  2. पेट्रोल बम– उपद्रवियों ने पेट्रोल पहले से ही जमा कर रखा था और इससे बम बनाकर टार्गेट किए गए स्थानों पर फेंका गया।
  3. गर्म पानी में मिर्च– सबसे गंभीर बात यह रही कि छतों पर गर्म पानी में मिर्च डालकर रखा गया और इसे पुलिस तथा अन्य सुरक्षा बलों पर फेंका गया। यह बहुत घातक तरीका होता है, जिसे दंगों और उपद्रव के दौरान सुरक्षा बलों को रोकने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

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महिलाओं ने लगाए नारे

बात यहीं नहीं रुकी। स्थानीय लोगों ने 'द सूत्र' को बताया कि इस दौरान एक वर्ग की महिलाओं ने उपद्रवियों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की। यानी इस उपद्रव को लेकर एक समुदाय विशेष के लोगों ने खुलकर उत्पात मचाया। महू के विभिन्न इलाकों में जाकर हंगामा किया और वाहनों में तोड़फोड़ से लेकर आगजनी तक की घटनाओं को अंजाम दिया।

बच गए पुलिस वाले, दो से ढाई घंटे तक चला उत्पात

महू में उपद्रव की खबर के बाद पुलिस बल मौके पर पहुंचने लगा, लेकिन शुरुआत में बल कम था, जबकि भीड़ 300 से अधिक लोगों की थी। इसके चलते कई अधिकारियों की जान पर बन आई थी। छतों से पथराव हो रहा था, जो काफी गंभीर था।

समझदार अधिकारियों ने पुलिस जवानों को बिना पर्याप्त बल के तंग गलियों में जाने से रोक दिया, अन्यथा पुलिस कर्मियों की जान को खतरा हो सकता था। इसके बाद जब पुलिस बल, क्विक रिस्पांस टीम और अतिरिक्त सुरक्षा बल पहुंचे, तब जाकर स्थिति को काबू में लाया गया और रात 3 बजे के आसपास विवाद को नियंत्रित किया जा सका।

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7 एफआईआर, 40 नामजद आरोपी

इस पूरे मामले में अभी तक 7 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें 40 नामजद आरोपी बनाए गए हैं। वहीं, 13 आरोपियों को सोमवार की रात तक महू पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इन सभी उपद्रवियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।

एफआईआर से भी साजिश का खुलासा

एक मामले में शिकायतकर्ता गजराज उर्फ पप्पू कौशल ने एफआईआर में बताया कि 9 मार्च 2025 की रात करीब 11:30 बजे वह अपने दोस्तों पंकज, मुकेश, प्रीतेश, शरद, आशीष, रजीत, सुमित और अन्य के साथ भारत की जीत का जश्न मना रहे थे।

जब वे शांतिपूर्वक जुलूस निकाल रहे थे, तब अकबर का तकिया, पत्ती बाजार, टाल मोहल्ला और बत्तख मोहल्ला के 17 नामजद आरोपियों सहित अन्य लोगों ने उन पर हमला कर दिया।

एफआईआर के अनुसार

  • हमलावरों ने गालियां दीं और पहले से इकट्ठा किए गए ईंट-पत्थरों से पथराव किया।
  • इस हमले में गजराज के कंधे, शरद के पैर और कंधे, आशीष के चेहरे, सुमित और रजीत के हाथ-पैर में गंभीर चोटें आईं।

चिल्लाकर जश्न मनाओगे तो इलाज कर देंगे

एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने कहा कि हमने तो पहले से प्लान बनाकर रखा था कि तुम चिल्ला-चिल्लाकर जश्न मनाओगे, तो आज तुम्हारा इलाज कर देंगे।

इसके अलावा आरोपियों ने गजराज की बस (MP-09-FA-4148) और उनके भाई कालू की बसों (MP-09-FA-8522, MP-30-P-0383) में तोड़फोड़ की।

आईजी और कलेक्टर यह बोले

आईजी अनुराग ने 'द सूत्र' को बताया कि सात एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं और सख्त कार्रवाई की जा रही है। साजिश की आशंका के बिंदु पर अभी जांच जारी है, वीडियो देखे जा रहे हैं, और सभी संभावित एंगल से जांच की जा रही है।

वहीं, कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि समय पर घटना पर काबू पा लिया गया और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। प्रशासन लगातार सख्ती कर रहा है और जो भी आरोपी होंगे, उनके खिलाफ रासुका जैसी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साजिश व अन्य बिंदु जो भी एफआईआर में आएंगे उस पर पुलिस जांच करेगी।

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