संजय गुप्ता, INDORE. मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का खुलासा : नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने एक मीडिया इंटरव्यू में पूर्व सीएम कमलनाथ के बीजेपी में आने और नहीं आने को लेकर चले राजनीतिक ड्रामे पर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने साफ किया कि एक बार चर्चा चली थी, कमलनाथ बीजेपी में आना चाहते थे, हम उनका स्वागत करना चाहते थे, वह बहुत अच्छे आदमी है लेकिन वह अपने साथ भीड़ को लाना चाहते थे जो मंजूर नहीं था। फिर बात कहां पर खत्म हुई, इसकी जानकारी मुझे नहीं है।
कमलनाथ की छवि अच्छी, नकुलनाथ की खराब
विजयवर्गीय ने कहा कि बीजेपी डस्टबिन नहीं थी जो हर किसी को ले लेती, कमलनाथ का स्वागत था। उन्होंने यह भी कहा कि छिंदवाड़ा में यदि कमलनाथ चुनाव लड़ते तो हमारे लिए मुश्किल होती, हो सकता था कि हम जीतते या हारते लेकिन वह व्यक्ति बहुत अच्छे है और उनके बेटे की इमेज उतनी ही खराब है। हम छिंदवाड़ा जीत रहे हैं।
महाकौशल क्लस्टर में सीटों पर इतने वोट से जीत रहे
विजयवर्गीय बीजेपी की ओर से महाकौशल क्लस्टर संभाल रहे थे। यहां उन्होंने बताया कि कौन सी सीट कितने वोट से जीत रहे हैं।
मंडला सीट- 1.20 लाख वोट से जीतेंगे
छिंदवाड़ा सीट- 1.50 लाख वोट से
बालाघाट सीट- 2 लाख वोट से
जबलपुर सीट- 5 लाख वोट से जीत रहे हैं
अक्षय बम पर पार्टी से पूछकर ही काम किया
विजयवर्गीय ने अक्षय बम कांड को लेकर कहा कि मैं जो भी काम करता हीं ऊपर से पूछकर अनुमति लेकर ही पार्टी के हित में करता हूं। प्रदेश और दिल्ली के नेताओं से पूछा था, सीएम से भी सुबह बात हुई थी। रणनीति एक दिन पहले ही बनी थी। सुबह बम मंडी प्रचार करने गए, कांग्रेस से कोई सपोर्ट नहीं मिला, कांग्रेस ने उसे पेटीएम समझ लिया था सुबह से पैसे मांगते थे। निराश होकर वह मेरे पास आए थे, मैंने कहा पहले पिताजी से पूछो। उनके पिता ने मुझे फोन किया और कहा कि यह बहुत निराश है, पैसा पानी की तरह बह रहा है, लेकिन साथ कोई नहीं दे रहा है। आपका संरक्षण मिल जाए। हम तो फंस गए हैं।
ताई पर तंज दल के साथ दिल बड़ा करना चाहिए
वहीं विजयवर्गीय ने बमकांड को लेकर पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन (ताई) की आई टिप्पणी कि लोग बोल रहे हैं कि बीजेपी को इसकी क्या जरूरत थी, हम तो नोटा को वोट देंगे। इस पर सीधे कोई बयान नहीं देते हुए तंज मारा कि अनुभव के साथ दिल बड़ा करना होत है, जब दल बड़ा हो गया तो दिल भी बड़ा करना चाहिए।
अधिकारियों को मीडिया ने सर चढ़ाया
वहीं निगम घोटाले को लेकर विजयवर्गीय ने कहा कि कोई भी बड़ा अधिकारी हो वह बचेगा नहीं। यह शहर अधिकारियों के बल पर साफ नहीं हुआ, मीडिया ने अधिकारियों को सिर चढ़ाया, जो व्यक्ति जिस लायक है उसे वहीं रखना चाहिए, जैसे जूते कितने भी महंगे क्यों ना हो, उसे सिर पर नहीं रखा जाता लेकिन पत्रकार सिर पर जूते रख लेते हैं। इस घोटाले के समय बीजेपी के ही महापौर होने और उनकी भूमिका क्या रही इस पर विजयवर्गीय ने कहा कि वित्तीय लेन-देन महापौर का काम नहीं यह अधिकारियों का काम है, जो अभी तक सामने आया है इसमें कहीं भी महापौर का नाम दस्तावेजों में नहीं है।