मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने क्यों लिया प्रतापगढ़ का नाम?

बीजेपी के दिग्गज नेता और मोहन सरकार में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने एक बार फिर से नशे को लेकर बयान दिया है। उन्होंने इस बार राजस्थान के प्रतापगढ़ को लेकर बड़ा दावा किया है।

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Sanjay gupta
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नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का मंच से नशे को लेकर दिए गए बयान में एक जिला चर्चा में आ गया है, वह है राजस्थान का प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ जिले की जानकारी के लिए मप्र में मंदसौर जिले में पदस्थ रहे पुलिस अधिकारियों और जानकारों से द सूत्र ने जानकारी जुटाई तो चौंकाने वाली बात सामने आई। भोपाल ड्रग्स कांड जिसमें 1814 करोड़ रुपए की ड्रग्स मिली, इसका मुख्य आरोपी शोएब लाला इसी प्रतापगढ़ जिले के देवली गांव का है।

क्या बोले कैलाश विजयवर्गीय?, 

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सोमवार को फ्लाईओवर ब्रिज के उद्घाटन पर कहा कि सीएम साहब आपके निर्देश पर पुलिस ने अच्छी कार्रवाई की है। नशे पर कार्रवाई से हम संतुष्ट है लेकिन संतुष्टि नहीं है, चोर को तो पकड़ रहे है लेकिन चोरों की मां तक नहीं पहुंचे। यह नशा प्रतापगढ़ से आता है और इसमें भोपाल के अधिकारियों को हस्तक्षेप करना होगा, मुझे नाम भी पता है, कौन-कौन लोग इसमें शामिल हैं। 

प्रतापगढ़ के यह चार गांव पूरे देश में करते हैं सप्लाई

प्रतापगढ़ राजस्तान में मप्र की सीमा से लगा जिला है, जो मंदसौर से मात्र 30 किमी की दूरी पर है। प्रतापगढ़ के देवलजी, नौगाव, अखेपुर और साकरिया यह चार गांव हैं जहां से पूरे देश मे ड्रग्स की सप्लाइ होती है। यह लाला, पठान के बहुसंख्यक वाला जिला है, यह मूल रूप से अफगानी है। यहां पुलिस भी जाने से घबराती है। इन गांव में ड्रग्स सप्लायर के घरों में बड़े-बड़े लोहे के दरवाजे लगे हैं, यहां पुलिस छापा मारने के लिए भी 50 से कम बल लेकर नहीं जाती है।

पुरुषों के साथ पूरा परिवार इस धंधे में लिप्त रहता है। देवली गांव का शोएब लाला ही भोपाल ड्रग्स कांड का मुख्य आरोपी है और इसके साथ ही इसका सहयोगी रब नवाज भी प्रतापगढ़ का ही है। इनका रैकेट पूरे देश में फैला हुआ है। इसी रैकेट में मंदसौर का आरोपी हरीश आंजना भी था, जो गिरफ्तार हुआ है। 

इन जिलों में अफीम की खेती

प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़ और कोटा के कुछ एरिया में अफीम की खेती होती है और साथ इन जिलों से लगे मप्र के मंदसौर, नीमच में भी खेती होती है। यह पूरा बेल्ट एक-जुट होकर इस धंधे में लिप्त है। अफीम और इसके सभी बाय प्रॉडक्ट प्रतापगढ़ के इन्हीं चार गांव में बनते हैं और फिर पूरे देश भर में अपने नेटवर्क से जाते हैं।

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क्यों जा रहे हैं अब माफेड्रीन की ओर

अफीम के बने प्रॉडक्ट का नशा धीरे-धीरे होता है, ऐसे में अब ड्रग्स रैकेट वाले मेफेड्रीन की ओर जा रहे हैं, यह तेजी से नशे का आदी बनाता है और सिंथेटिक ड्रग्स है तो इसके लिए अफीम की जरूरत नहीं होती है, ये केमिकल से बनता है। इसलिए प्रतापगढ़ के ड्रग माफिया अब इस अफीम को छोड़कर इस धंधे में जा रहे हैं। 

मंत्री कैलाश के बयान की तारीफ

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान के समय से ही इसके खिलाफ मुखर रहे हैं, उनके कार्यकाल के दौरान भी मंच से इंदौर में यह मुद्दा उठा चुके हैं। कुछ दिन पहले उनकी विधानसभा इंदौर एक में भी यह मुद्दा उठा। इस पर उन्होंने टीआई को चेतावनी दी, फिर उन्हें बदला गया तो नए को भी चेतावनी दी। कैलाश ने कहा था कि नशे के कारोबार करने वालों को छोड़ना मत। उधर कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने मंत्री विजयवर्गीय की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी साफगोदी का मैं कायल रहा हूं। इसका कनेक्शन उन्होंने प्रतापगढ़ बताया जो डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा से सटा हुआ एरिया है। इनकी फोटो भोपाल ड्रग्स के मुख्य आरोपी हरीश आंजना के साथ आ चुकी है। इस रैकेट को सीएम साहब खत्म कीजिए।

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