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JABALPUR. साल 2007 से जबलपुर में लगातार आयोजित किया जा रहे नर्मदा महोत्सव (Narmada Mahotsav) का आयोजन 2024 में और भी भव्य स्वरूप में होने जा रहा है। नर्मदा महोत्सव की तैयारियों को लेकर शनिवार को जबलपुर के सर्किट हाउस में एक बैठक संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह (Minister Rakesh Singh) ने की, जिसमें नर्मदा महोत्सव को गरिमापूर्ण और ऐतिहासिक बनाने के लिए का फैसला लिया गया।
बैठक में मंत्री राकेश सिंह ने निर्देश दिया कि महोत्सव की बेहतर प्रस्तुति और सूचना के लिए एक वेबसाइट बनाई जाए। इस वेबसाइट पर पिछले सालों में आयोजित नर्मदा महोत्सव के आकर्षक फोटोग्राफ्स और जानकारी अपलोड की जाएगी, जिससे पर्यटकों और आम जनता को महोत्सव की महत्ता से अवगत कराया जा सके। नर्मदा महोत्सव शरद पूर्णिमा के दिन आयोजन भेड़ाघाट मां नर्मदा के तट पर किया जाता है।
स्थानीय कलाकारों को मिलेगा मौका
महोत्सव में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को लेकर भी चर्चा की गई। मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि नर्मदा महोत्सव में देशभर से कलाकार बुलाए जाएंगे, जिनमें नई दिल्ली और भोपाल से भी कलाकार भाग लेंगे। वहीं, स्थानीय कलाकारों को भी मौका देने की बात पर जोर दिया गया, ताकि जबलपुर के कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर सकें। स्थानीय कलाकारों को 5-5 मिनट का समय दिया जाएगा।
सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण
महोत्सव के पहले दिन क्लासिकल संगीत और दूसरे दिन सेमी-क्लासिकल और भजन प्रस्तुतियां होंगी। फिल्मी गानों की अनुमति नहीं होगी, ताकि इस महोत्सव की धार्मिक और सांस्कृतिक गरिमा बनी रहे। इसके अलावा, रानी दुर्गावती के जीवन चरित्र पर विशेष कार्यक्रम आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया, ताकि जबलपुर की सांस्कृतिक धरोहर को नई पहचान मिल सके।
पर्यटकों के लिए होगी विशेष व्यवस्था
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पर्यटकों के लिए नौका विहार की सीमित व्यवस्था की जाएगी। हॉट एयर बैलून के माध्यम से पर्यटकों को नर्मदा के मनोरम दृश्य दिखाने की भी योजना है। भेड़ाघाट वासियों के लाभ को ध्यान में रखते हुए बस सेवाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए, ताकि पर्यटक महोत्सव का आनंद आसानी से ले सकें।
दिखेगी रानी दुर्गावती के जीवन की झलक
रानी दुर्गावती जबलपुर की पहचान हैं और उनके जीवन से जुड़े कार्यक्रम इस महोत्सव का हिस्सा होंगे। इससे जबलपुर की सांस्कृतिक ताकत बढ़ेगी और महोत्सव को एक अनूठी पहचान मिलेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस बार का नर्मदा महोत्सव इतना गरिमापूर्ण और भव्य हो कि यह जबलपुर की पहचान बन सके। इस महोत्सव के माध्यम से जबलपुर की सांस्कृतिक विरासत को नई दिशा और पहचान मिलेगी, और यह नर्मदा नदी के प्रति जन आस्था को और मजबूत करेगा।
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