हाल ही में मध्य प्रदेश में बीजेपी के तीन विधायक पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी कर रहे थे। इसी सिलसिले में एमपी बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को बैठक बुलाई थी, ताकि नाराज विधायकों को शांत किया जा सके। हालांकि मऊगंज से विधायक प्रदीप पटेल प्रदेश कार्यालय नहीं पहुंचे, लेकिन उन्हें भी बीजेपी कार्यालय बुलाया गया। नशे के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले विधायक प्रदीप पटेल हाल ही में मऊगंज के एएसपी अनुराग पांडे के सामने दंडवत हो गए थे। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।
विधायकों को दी गई हिदायत
दरअसल, नाराज विधायकों में मऊगंज से विधायक प्रदीप पटेल, बृज बिहारी पटेरिया और सागर जिले की देवरी विधानसभा सीट से प्रदीप लारिया शामिल हैं। प्रदीप पटेल बैठक में नहीं पहुंचे लेकिन बृज बिहारी पटेरिया और प्रदीप लारिया बैठक में पहुंचे। जहां सीएम मोहन यादव और वीडी शर्मा ने उनसे बात की। सूत्रों के मुताबिक बंद कमरे में हुई इस बैठक में दोनों विधायकों से कहा गया कि वे सरकार के खिलाफ खुलकर बयानबाजी न करें। इससे राज्य और देश में विपक्षी नेताओं को पार्टी पर हमला करने का मौका मिल जाता है। इससे पार्टी को संभालना मुश्किल हो जाता है।
क्यों नाराज थे पटेरिया?
सागर जिले की देवरी विधानसभा सीट से विधायक बृज बिहारी पटेरिया ने FIR दर्ज न होने पर विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। इतना ही नहीं, उन्होंने केसली थाने के बाहर धरना भी शुरू कर दिया था। विधायक पटेरिया ने कहा कि अगर प्रशासन उनकी बात नहीं सुनता तो विधायक बनने का क्या फायदा? बता दें कि यह पूरा मामला देवरी विधानसभा क्षेत्र के मेड़की गांव का था, जहां एक व्यक्ति की सांप के काटने से मौत हो गई थी। परिवार के लोग शव और सांप दोनों को लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन डॉक्टर ने सांप के काटने से मौत की रिपोर्ट लिखने के लिए 40 हजार रुपए की मांग की। जब पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया तो पीड़ित परिवार ने विधायक से गुहार लगाई। यह देख पटेरिया ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेज दिया। हालांकि, उन्होंने कुछ घंटों बाद ही अपना इस्तीफा वापस ले लिया।
शराब को लेकर विधायकों में नाराजगी
बैठक में शामिल नहीं हुए रीवा की मऊगंज विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक प्रदीप पटेल ने आरोप लगाया है कि शहर में खुलेआम शराब बिक रही है। इस मामले में उन्होंने थाना प्रभारी के सामने लेटकर दंडवत प्रणाम किया था। उन्होंने कहा था कि इलाके में खुलेआम शराब बिक रही है लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। जब सांसद और विधायक अवैध शराब के कारोबार का समर्थन नहीं करते हैं तो पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं करती? गौरतलब है कि प्रदीप पटेल सरकारी गाड़ी और सुरक्षा गार्ड लौटा चुके हैं। वे बाइक और बस में आम यात्रियों की तरह ही सफर कर रहे हैं।
नरियावली विधानसभा सीट से विधायक प्रदीप लारिया ने भी पुलिस से शिकायत की है कि उनके इलाके में खुलेआम अवैध शराब की बिक्री हो रही है और कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने इन विधायकों के साथ बंद कमरे में बैठक की। बैठक में विधायकों से अपील की गई है कि वे सरकार के खिलाफ कोई सार्वजनिक बयानबाजी न करें।
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