अरविंद शर्मा @ BHOPAL. विधायक रामनिवास रावत ( MLA Ramniwas Rawat ) का बड़ा बयान सामने आया है। विधायकी से इस्तीफा देने की खबरों के बीच 'द सूत्र' से खास बातचीत में उन्होंने बड़ा खुलासा किया है। विधायक रावत ने कहा कि मैंने तो सीएम डॉ.मोहन यादव से यारी-दोस्ती के चलते बीजेपी का पट्टा डलवा लिया था। मैं कोई बीजेपी में थोड़ी गया हूं, इसलिए विधायकी से इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता है। श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट से विधायक रामनिवास रावत ने 30 अप्रैल को मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की सभा के बीच कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था। उनके साथ कई समर्थकों ने भी बीजेपी ज्वाइन की थी। अब रावत के बयान से सियासत फिर गरमा सकती है।
'द सूत्र' ने विधायक रावत से की बातचीत
सवाल: आपने बीजेपी ज्वाइन कर ली है, अब इस्तीफा देंगे?
विधायक: मैंने तो विजयपुर में मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव से दोस्ती यारी में पट्टा डलवा लिया था।
सवाल: यानी आपने बीजेपी ज्वाइन नहीं की?
विधायक: नहीं, मैंने बीजेपी ज्वाइन नहीं की है और सदस्यता को लेकर तो कोई सवाल ही नहीं उठता।
सवाल: तो क्या आप विधायकी से इस्तीफा नहीं देंगे?
विधायक: बिलकुल नहीं, मैं विधायकी से इस्तीफा नहीं दूंगा, चाहे जो हो जाए।
सवाल: फिर आपने कांग्रेस के खिलाफ प्रचार क्यों किया?
विधायक: जब कांग्रेस में रहते राजा (दिग्विजय सिंह) मुझे हरवा सकते हैं तो मैंने भाजपा से दोस्ती यारी निभा दी तो क्या हुआ।
सवाल: कांग्रेस आपके बारे में क्या कह रही है?
विधायक: यह तो आप कांग्रेस से ही पूछा कि क्या है। आगे जैसी स्थिति, परिस्थिति बनेगी देखेंगे, अभी कोई जल्दी नहीं है।
सदस्यता रद्द कराने की तैयारी में कांग्रेस
कांग्रेस से विधायक चुने गए रामनिवास रावत पर भाजपा की सदस्यता लेने पर दलबदल कानून का खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि इस्तीफा नहीं देने पर कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत कर उनकी सदस्यता रद्द करने की तैयारी में है।
रावत ने क्यों उठाया था ऐसा कदम?
विधायक रामनिवास रावत कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से खफा चल रहे थे। माना जाता है कि उनकी वरिष्ठता को दरकिनार कर जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया। वहीं उनके लोकसभा चुनाव में विरोध करने वाले सत्यपाल सिंह सिकरवार को लोकसभा का टिकट दे दिया गया।
राहुल, दिग्विजय ने मनाया था
इसे पूरे सियासी घटनाक्रम में रामनिवास रावत को मनाने के लिए राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह ने बात की थी। वे कुछ दिन के लिए मान भी गए, लेकिन 30 अप्रैल को उन्होंने सीएम डॉ.मोहन यादव के साथ मंच साझा करते हुए बीजेपी का पट्टा पहना था, तब बीजेपी ने भी यही प्रचारित किया था कि रावत अब कांग्रेस छोड़ चुके हैं। ऐसे में रावत का बयान चर्चा का विषय बनेगा।
अब आगे क्या: रावत को सबसे बड़ी चिंता
बीजेपी का दामन थामने के बाद रामनिवास रावत को विधायकी जाने की चिंता सता रही थी। साथ ही उनके समर्थकों का मानना है कि भाजपा उन्हें यदि टिकट देती है तो उपचुनाव में विरोध के चलते उनकी हार हो सकती थी। लिहाजा, अब तक उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है।
चांचौड़ा में कांग्रेस के खिलाफ किया प्रचार
गौरतलब है कि कांग्रेस से बगावत करने वाले विधायक रामनिवास रावत ने पिछले दिनों राजगढ़ लोकसभा की चाचौड़ा विधानसभा सीट पर दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनावी सभा की थी। उनका विरोध किया था। उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर गंभीर आरोप भी लगाए थे।