BHOPAL. श्योपुर जिले में कांग्रेस से बगावत करके बीजेपी का दामन थामने वाले बागी विधायक रामनिवास रावत ने बड़ा बयान दिया हैं। मीडिया से चर्चा के दौरान रामनिवास रावत ( Ramniwas Rawat ) ने विधायक ( MLA ) पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया हैं। उन्होने कहा कि अभी कोई ऐसी परिस्थितियां नहीं बनी हैं कि वे इस्तीफा दें। आपको बताते चलें कि मंगलवार को बीजेपी प्रत्याशी की चुनावी सभा के दौरान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा के सामने कांग्रेस एमएलए रामनिवास रावत ने बीजेपी ज्वॉइन कर लिया था।
बीजेपी ज्वॉइन करने के बाद यह कहा था रावत ने
इसके बाद चुनावी सभा में रावत ने कहा कि हर किसी की इच्छा रहती है कि वह क्षेत्र की जनता के लिए कुछ करे लेकिन जितना विकास मैं चाहता था, वह नहीं करा पाया। अब बीजेपी में शामिल होकर क्षेत्र को प्रदेश की मुख्यधारा तक ले जाना चाहता हूं। बताया जाता है कि 6 बार के विधायक रामनिवास रावत मुरैना लोकसभा सीट से सत्यपाल सिंह सिकरवार उर्फ नीटू को टिकट दिए जाने से नाराज थे। वे पहले मुरैना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के दिन बीजेपी में शामिल होने वाले थे लेकिन तब कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने उनको किसी तरह मना लिया था और तब उनकी बीजेपी में ज्वाइनिंग रुक गई थी।
रावत ने अबतक नहीं दिया है इस्तीफा
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की तत्कालीन सरकार में मंत्री रहे रामनिवास रावत इस समय विधानसभा विजयपुर से विधायक हैं। उन्होंने कांग्रेस से बगावत करके भाजपा तो ज्वॉइन कर ली है लेकिन न तो अभी तक ना तो विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को और न ही विधानसभा सचिवालय को इस्तीफा भेजा है।
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रावत कांग्रेस के विधायक:एपी सिंह
विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह का भी कहना है कि अभी तक विधानसभा सचिवालय को एमएलए रावत का इस्तीफा नहीं मिला है। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से भी इसकी सूचना नहीं है। इसलिए वे कांग्रेस के विधायक हैं।
सचिन बिरला और दिनेश अहिरवार जैसी स्थिति
विधायक रामनिवास रावत के इस्तीफा नहीं दिए जाने के बाद अब शिवराज सरकार के कार्यकाल के दौरान बीजपी ज्वॉइन करने वाले कांग्रेस विधायक सचिन बिरला और 2009 में बीजेपी सांसद के मंच से समर्थन करने वाले भाजश विधायक दिनेश अहिरवार जैसी स्थिति बन गई है। दोनों के ही सार्वजनिक मंच में बीजेपी का अंगवस्त्र धारण करने के बाद भी उनका विधायक पद बना रहा था क्योंकि विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया था और दोनों के ही मामले में पार्टी ने कोई कार्रवाई नहीं की थी।
जा सकती है रावत की विधायकी
जानकारों के अनुसार अब इस मामले में कांग्रेस के विधायक विधानसभा से शिकायत करें कि रावत ने बीजेपी ज्वॉइन कर ली है, इसलिए उनकी विधायक पद की सदस्यता खत्म की जाए तो ही उनकी विधायकी जा सकती है। अगर कांग्रेस उन्हें पार्टी से निष्कासित करती है तो उनका विधायक पद बना रह सकता है। अब तक की स्थिति में कांग्रेस विधायकों की ओर से रावत के विरुद्ध शिकायत करने की तैयारी नहीं है।