निगम के फर्जी बिल घोटाले में सिद्दकी करेगा सरेंडर, HC में अग्रिम जमानत खारिज, अधिवक्ता बोले निगम में गैंग सक्रिय

आरोपी सिद्दकी ने कुल 10.73 करोड़ रुपए के फर्जी बिल लगाए थे। इसमें से उन्हें 6.96 करोड़ रुपए का भुगतान हो चुका है। इन बिल पर उसने तीन लाख रुपए जीएसटी भी भरा है। निगम से मिली राशि तत्काल ही एचडीएफसी बैंक खाते से निकाल ली गई थी। 

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Pratibha ranaa
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नगर निगम घोटाला

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संजय गुप्ता, INDORE. नगर निगम के 28 करोड़ के फर्जी बिल घोटाले (जो अब 50 करोड़ तक पहुंच गया है) के मामले में जल्द मास्टरमाइंड सामने आने की संभावना बन गई है। हाईकोर्ट में आरोपी फर्म ग्रीन कंस्ट्रक्शन के प्रमुख मोहम्मद सिद्दकी ( Mohammad Siddique ) ने जिला कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद हाईकोर्ट इंदौर में याचिका लगाई, जिसमें साफ कहा कि मैं सरेंडर करने के लिए तैयार हूं। हाईकोर्ट ने सरेंडर करने के आदेश करते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी। सोमवार को जिला कोर्ट में सिद्दकी सरेंडर कर सकता है। हालांकि आरोपी ने सरेंडर के लिए सात दिन की राहत मांगी है। लेकिन नगर निगम की ओर से आपत्ति है, इतना समय मिलने पर यह गैंग दस्तावेज में गड़बड़ी कर सकती है।

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बाकी दो की भी लगी है याचिका, वह भी करेंगे सरेंडर

जानकारी के अनुसार इस मामले ( Municipal Corporation Scam ) में आरोपी फर्म नींव कंस्ट्रक्शन- मोहम्मद साजिद और किंग कंस्ट्रक्शन के मोहम्मद जाकिर की भी जमानत याचिका लगी हुई है। इस पर आज ही सुनवाई होना तय है, लेकिन यह भी साफ हो गया है कि यह भी सरेंडर करेंगे। यह दोनों आरोपी सिद्दकी के ही रिश्तेदार है।

घर तोड़ने की सख्ती के चलते डरा सिद्दकी 

सुनवाई होते ही इसमें शासकीय अधिवक्ता राजेश जोशी ने पुरजोर तरीके से शासन का पक्ष रखते हुए कहा कि इन्होंने और चार अन्य आरोपियों ने मिलकर निगम में 50 करोड के फर्जी बिल लगाए, जो आशंका है 100 करोड़ तक हो सकता है। आरोपी भी आगे जाकर बढ़ सकते हैं, इसमें इनसे पूछताछ और जांच काफी अहम है। जमानत का लाभ देने पर यह दस्तावेज में गड़बड़ी कर सकते हैं। वहीं आरोपी के याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विकास राठी व आकाश राठी इनके द्वारा आरोपियों की ओर से पूरी बात रखी गई कि हम सरेंडर को तैयार है बस हमारा मकान नहीं तोड़ा जाए। यह हमारी प्रापर्टी तोड़ना चाहते हैं। हम सरेंडर कर देंगे। याचिका भी वापस ले लेंगे, आरोपी 80 साल का बुजुर्ग है। यह भी कहा कि 2022 में हमे निगम से भुगतान हुआ और अब दो साल बद कह रहे हैं कि दस्तावेज गलत है। हमने जीएसटी तक भरा है। खुद बोल रहे फाइल चोरी हो गई इनके पास मूल दस्तावेज ही नहीं।  

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निगम के अधिवक्ता बोले- पूरी गैंग सक्रिय, जमानत नहीं हो

इसपर निगम के अधिवक्ता ने कहा कि 17 और फाइल मिली है, जिसमें 16 फर्जी पाई गई है और यह मूल दस्तावेज मौजूद है। निगम के अंदर भी पूरी गैंग काम कर रही है। यदि इन्हें मोहलत दी गई तो दस्तावेज गड़बड़ हो सकती है। इसलिए समय नहीं दिया जाए। इन्हें जो भी भुगतान निगम से मिला तत्काल खाते से निकाला गया। पूरी तरह से फर्जीवाड़ा किया गया। इनसे पूछताछ में ही सभी आरोपियों की जानकारी सामने आएगी। इस दौरान टीआई विजय सिसौदिया द्वारा पूरी केस डायरी भी पेश की गई। 

आरोपी सिद्दकी के 10.73 करोड के बिल, 6.93 करोड़ लिए

यह भी सामने आया है कि आरोपी सिद्दकी ने कुल 10.73 करोड़ रुपए के फर्जी बिल लगाए थे। इसमें से उन्हें 6.96 करोड़ रुपए का भुगतान हो चुका है। इन बिल पर उसने तीन लाख रुपए जीएसटी भी भरा है। निगम से मिली राशि तत्काल ही एचडीएफसी बैंक खाते से निकाल ली गई थी। 

यह है 5 फर्म और आरोपी-

1-    नींव कंस्ट्रक्शन- मोहम्मद साजिद, 147 मदीना नगर इंदौर 
2-    ग्रीन कंस्ट्रक्शन- मोहम्मद सिद्दकी- 147 मदीना नगर इंदौर
3-    किंग कंस्ट्रक्शन- मोहम्मद जाकिर, 147 मदीना नगर
4-    क्षितिज कंस्ट्रक्शन- रेणु वडेरा, 12 आशीष नगर
5-    जाहन्वी कंस्ट्रक्शन- राहुल वडेरा, 12 आशीष नगर

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