BHOPAL. विधानसभा का पावस सत्र विधायकों पर वेतन और भत्तों में इजाफे की बारिश कर सकता है। प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की वेतन वृद्धि के बाद सरकार ने अब विधायकों के वेतन और भत्तों को बढ़ाने की भी तैयारी कर ली है। विधानसभा की सदस्य सुविधा समिति ने विधायकों के वेतन और भत्तों को 40 फीसदी तक बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार कर संसदीय कार्य विभाग को सौंप दिया है।
प्रस्ताव में पूर्व विधायकों को मिलने वाली पेंशन में भी 30 फीसदी तक वृद्धि का अनुमोदन किया गया है। विधानसभा सचिवालय इस प्रस्ताव के परीक्षण के बाद पावस सत्र के दौरान अपनी अनुशंसा सरकार को भेज सकता है। वेतन और भत्तों के इजाफे के इस प्रस्ताव की चर्चा के बाद विधायक भी खुश नजर आ रहे हैं।
सरकार को भेजा वृद्धि का प्रस्ताव
मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य यानी हमारे विधायकों को फिलहाल प्रतिमाह करीब 1 लाख 10 हजार रुपए तक वेतन और भत्तों के रूप में मिलते हैं। इस राशि को 40 प्रतिशत तक बढ़ाने के प्रस्ताव पर मध्य प्रदेश विधानसभा सचिवालय परीक्षण कर रहा है। यदि प्रस्ताव पर सरकार सहमत होती है तो प्रत्येक विधायक के वेतन-भत्तों की राशि बढ़कर डेढ़ लाख से कुछ ऊपर पहुंच सकती है।
देश के दूसरे राज्यों में विधायकों को मिलने वाले वेतन और भत्तों की जानकारी भी सरकार द्वारा जुटाई जा रही है। इसके आधार पर सरकार द्वारा गठित समिति राशि का पुनरीक्षण करेगी और उसके अनुमोदन के आधार पर सरकार वेतन-भत्तों और पेंशन की राशि में इजाफा कर सकती है।
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दूसरे राज्यों से वेतन वृद्धि की तुलना
पुनरीक्षण समिति वित्त मंत्री और संसदीय कार्यमंत्री के निर्देशन में वेतन-भत्तों और पेंशन के रूप में विधायकों को मिलने वाली राशि का आंकलन कर रही है। मध्यप्रदेश के विधायकों को फिलहाल जो वेतन-भत्ते और पूर्व विधायकों को मिलने वाली पेंशन गुजरात, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के विधायक और पूर्व विधायकों से कम है।
प्रदेश में करीब 9 साल पहले वर्ष 2016 में विधायकों के वेतन और भत्तों में वृद्धि की गई थी। अब विधायकों के वेतन और भत्ते के रूप में 30 हजार, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता में 35 हजार, टेलीफोन खर्च 10 हजार, चिकित्सा भत्ता 10 हजार, स्टेशनरी 10 हजार और कर्मचारी अलाउंस के रूप में 15 हजार रुपए दिए जाते हैं। विधायकों द्वारा सरकार से लंबे समय से वेतन-भत्तों में वृद्धि की मांग की जा रही है। इसको देखते हुए अब सरकार ने इस पर विचार शुरू कर दिया है।
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कर्मचारी बढ़ाने की भी अनुशंसा
सरकार द्वारा विधायकों को उनके कामकाज में सहयोग के लिए अभी एक-एक कर्मचारी उपलब्ध कराया जाता है। विधायक पहले से ही एक और कर्मचारी देने की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि इकलौते कर्मचारी के छुट्टी पर जाने या बीमार होने की स्थिति में विधानसभा क्षेत्र के लोगों से संबंधित काम प्रभावित होते हैं। वहीं अब विधानसभा के कामकाज भी ऑनलाइन हो रहे हैं।
विधानसभा प्रश्न, स्वेच्छानुदान और निधि से संबंधित काम एक कर्मचारी के सहारे पूरे नहीं हो पा रहे हैं। इस मांग को देखते हुए सदस्य सुविधा समिति ने भी एक अतिरिक्त कर्मचारी मुहैया कराने की अनुशंसा की है। जिसके बाद समिति द्वारा इस प्रस्ताव को विचार के लिए जीएडी को भेजा गया है।
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