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मध्य प्रदेश में परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के ठिकानों से 52 किलो सोना और करोड़ों नकद बरामद होने का मामला अभी भी सुर्खियों में है। हफ्ते भर बाद भी इस केस की जांच में स्पष्टता न होने के कारण कांग्रेस नेता और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने सरकार से 13 तीखे सवाल पूछे हैं। एक सवाल में अरुण का दावा है कि रेड में शिवराज सिंह नाम के एक शख्स के नए मकान के कागज कैसे मिले हैं।
अरुण यादव ने सोशल मीडिया पर उठाए सवाल
अरुण यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर अपनी पोस्ट में 13 सवाल उठाए। उन्होंने लिखा कि यह छापा करीब एक हफ्ता पहले हुआ था, लेकिन अभी तक कई सवाल अनुत्तरित हैं। उन्होंने पूछा कि लोकायुक्त की कार्रवाई की खबर लीक कैसे हुई, जांच एजेंसियों के बयानों में अंतर क्यों है, और बरामद मकान के दस्तावेज़ में दर्ज "शिवराज" कौन है।
इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि सोने और कैश से लदी तीन गाड़ियों में से दो गाड़ियां कहां गईं। उनकी पोस्ट को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी साझा किया।
दिग्विजय सिंह ने अरुण यादव के सवालों को बताया अहम
दिग्विजय सिंह ने अरुण यादव की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि वह उनके सवालों से सहमत हैं। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र की आयकर विभाग की टीम नहीं आई होती, तो यह मामला दबा दिया जाता। उन्होंने ईडी और आयकर विभाग से निष्पक्ष जांच की मांग की।
दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहले ही पत्र लिखकर इस पूरे प्रकरण की राज्य के मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में जांच की मांग की थी।
अरुण यादव के 13 सवाल
- 54 किलो सोना जो मिला वो 6 दिसंबर 2024 के पेपर में लिपटा मिला था, मतलब इतना सोना क्या हर महीने इधर से उधर होता था ?
- लोकायुक्त की कार्यवाही कैसे लीक हुई ?
- आईटी, लोकायुक्त एवं पुलिस सबके बयानों में भिन्नता क्यों है ?
- किसके प्लाट पर गाड़ी पकड़ाई, उस प्लाट मालिक को किसका संरक्षण था ?
- रेड में शिवराज सिंह के नए मकान के कागज कैसे मिले, आखिरकार यह "शिवराज" कौन है ?
- सौरभ शर्मा की जिस कार से रात को 2 बजे प्रशासनिक माफियाओं के भूखंडों से 54 किलो सोना, 10 करोड़ नगद और किसी महिला के सौंदर्य प्रसाधन की सामग्रियों मिली है, जबकि लोकायुक्त का छापा अलसुबह डल चुका था तो रात को 2 बजे तक यह कार दिन के उजालों में कहां से निकली जबकि सड़कों पर इस कार के घूमते हुए सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक हो चुके है, इस लिहाज से कार्यवाही के ही दौरान कार किस जगह से निकली तो जांच एजेंसियां कहां थी?
- जिस थाने में कार की गुमशुदगी की एफआईआर लिखाने एक महिला पहुंची थी, उसकी रिपोर्ट लिखने के लिए पुलिस महकमे के किस अधिकारी ने थाने पर दवाब बनाया था?
- पुलिस ने 6 घंटे तक किसका इंतजार किया?, क्या पुलिस ने रेड के लिए मना कर दिया था?
- रातीबड़ के स्थानीय लोगों के हिसाब से 3 गाड़ियां थी, अब तक 2 गाड़ियां कहां है?
- 18 वर्षों में सीएस परिवहन विभाग के एसीएस, पीएस, टीसी को जांच में शामिल क्यों नहीं किया गया है ? इन सभी वरिष्ठ अधिकारियों के देश - विदेश में अर्जित अकूत संपत्तियों की जांच कराई जाए एवं इन सभी के नियुक्तियां कराने में किस किसकी, क्या - क्या ईमानदार (?) मंशाएं थी उसका भी खुलासा हो ।
- इन सभी अधिकारियों के सीडीआर एवं उनके घरों के आसपास के कैमरा रिकॉर्डिंग को सरकार जनता के समाने लेकर आये।
- सीएस अनुराग जैन एवं डीजीपी कैलाश मकवाना ईमानदार है तो भ्रष्टाचार पर कार्यवाही कर अपनी ईमानदारी का सबूत दें।
- पूर्व एवं वर्तमान परिवहन विभाग के मंत्रियों के स्टाफ की सीडीआर को सरकार उजागर करे।
आरक्षक सौरभ शर्मा के यहाँ रेड को लगभग एक हफ्ता हो गया है, अभी तक कुछ सवालों के जवाब नहीं मिले है ।
— Arun Subhashchandra Yadav (@MPArunYadav) December 25, 2024
1- 54 किलो सोना जो मिला वो 6 दिसंबर 2024 के पेपर में लिपटा मिला था, मतलब इतना सोना क्या हर महीने इधर से उधर होता था ?
2- लोकायुक्त की कार्यवाही कैसे लीक हुई ?
3- आईटी, लोकायुक्त…
क्या है आगे की उम्मीद?
इस मामले पर राज्य और केंद्र सरकार की एजेंसियों की कार्रवाई पर सभी की नजरें हैं। अरुण यादव और दिग्विजय सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं ने मामले को लेकर तीखे सवाल उठाए हैं, जो सरकार और जांच एजेंसियों पर दबाव बना सकते हैं।
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