BHOPAL. मध्य प्रदेश में नए शिक्षा सत्र के शुरू होते ही प्रदेश के सभी स्कूल खुल चुके हैं। बच्चों का स्कूल पहुंचना भी शुरू हो चुका है। लेकिन जिले में शिक्षा विभाग द्वारा संचालित सरकारी स्कूलों में मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामला आगर से सामने आया है। यहां नरवल गांव के प्राथमिक विद्यालय में समय से बच्चे अपने से स्कूल आ जाते हैं, लेकिन स्कूल में शिक्षक निर्धारित समय से घंटों देरी से पहुंचते हैं।
समय से नहीं खुलता स्कूल
शनिवार को आगर विकास खंड के अंतर्गत आने वाले एकीकृत शाला प्राथमिक विद्यालय नरवल गांव के विद्यार्थियों के जहन में यह सवाल चल रहा था कि सर स्कूल कब खुलेगा... कब तक हम ऐसे ही खड़े रहेंगे।... दरअसल स्कूल खुलने के समय तक न तो प्राचार्य शाला पहुंचे और न ही कोई शिक्षक पहुंचा। बच्चे स्कूल के बाहर बैठे-बैठे शिक्षक के आने का इंतजार कर रहे थे। समय बढ़ता जा रहा था, लेकिन एक भी शिक्षक स्कूल खोलने के लिए नहीं पहुंचे।
लापरवाही को लेकर गंभीर नहीं स्कूल प्राचार्य
बच्चों को कहना है कि वह रोज 10 बजे स्कूल आ जाते हैं। लेकिन उनके शिक्षक समय पर नहीं आते हैं, उनका स्कूल कभी 11:15 बजे तो कभी 11:30 बजे खुलता है। बच्चों का कहना था कि रोजाना स्कूल देर से खुलता है। जानकारी होने के बाद भी स्कूल प्राचार्य इसके प्रति गंभीर नहीं है।
अपनी मर्जी से स्कूल आते हैं शिक्षक
मामले में सरपंच प्रतिनिधि का कहना है कि कहना कि शिक्षक तो हमेशा अपनी मर्जी से स्कूल आते हैं। शनिवार को भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है, सुबह 11 बजे तक स्कूल नहीं खुला था। बच्चे स्कूल के गेट पर खड़े होकर शिक्षकों का इंतजार कर रहे थे। ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षक बच्चों की पढ़ाई को लेकर गंभीर नहीं हैं। यही कारण है कि गांव में शिक्षकों की लापरवाही के कारण पढ़ाई व्यवस्था ठप होने से हम अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पहुंचा रहे हैं।
प्राथमिक विद्यालय नरवल और शासकीय माध्यमिक विद्यालय नरवल में चार शिक्षक पदस्थ हैं। इनमें से एक भी शिक्षक समय पर स्कूल नहीं पहुंचते हैं। रोज बच्चे शिक्षक के इंतजार में स्कूल के बाहर बैठे रहते हैं। ऐसे में बच्चों को लेकर खतरा भी बना रहता है। अगर स्कूल समय पर नहीं खुला तो बच्चे इधर-उधर खेलने निकल जाते हैं, जिससे उन्हें खतरा भी बना रहता है।
बच्चों से करवाई जाती है स्कूल की साफ सफाई
यह भी सामने आया है। एक तो शिक्षक समय पर स्कूल नहीं पहुंचते और जब समय निकालने के बाद स्कूल पहुंचते, उसके बाद वह कुर्सी पर बैठ जाते हैं। बच्चों से पूरे स्कूल में झाड़ू पोछा करवाया जाता है।
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी रामगोपाल शर्मा का कहना है कि अगर इस तरह का मामला नरवल स्कूल में पाया जाता है तो निश्चित तौर पर ही कार्रवाई की जाएगी।
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