Amarnath Yatra 2024: जम्मू-कश्मीर में श्रीअमरनाथ धाम की पवित्र गुफा के दर्शन के लिए सालाना यात्रा की आज यानी 29 जून 2024 से शुरुआत हो गई है। 52 दिनों की यह यात्रा 19 अगस्त को खत्म होगी। शनिवार को पहलगाम से बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए 4603 श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना हुआ। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
अमरनाथ यात्रा का खास महत्व
सनातन धर्म में अमरनाथ यात्रा का बेहद खास महत्व बताया गया है। अमरनाथ तीर्थ स्थान सबसे पवित्र माना जाता है। इस यात्रा में शिव भक्त ज्यादा संख्या में शामिल होते हैं। खराब मौसम होने के बाद भी श्रद्धालुओं में खास उत्साह देखने को मिलता है।
4 हजार 603 श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना
शनिवार को सुबह बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए भक्तों का जत्था बालटाल- पहलगाम कैंप से रवाना हुआ। शनिवार को 4 हजार 603 श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना हुआ। एकसाथ बम-बम भोले, जय बाबा बर्फानी, भूखे को अन्न, प्यासे को पानी... आदि नारे लगाते हुए पहले जत्थे में शामिल तीर्थयात्रियों ने अपनी यात्रा की शुरुआत की।
एलजी मनोज सिन्हा ने दिखाई हरी झंडी
जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार सुबह जम्मू में अमरनाथ यात्रा आधार शिविर से अमरनाथ यात्रा तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई। श्रद्धालु हर-हर महादेव के जयघोष के साथ यात्रा पर निकले।
20 हजार सुरक्षाकर्मियों की तैनाती
52 दिवसीय इस अमरनाथ यात्रा को सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। तीर्थयात्रियों की सुगम और सुरक्षित यात्रा को लेकर जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षा उपायों को अधिकारियों ने काफी मजबूत कर दिया है। यात्रा में त्रिकुणी सुरक्षा ग्रिड में सीएपीएफ की 500 कंपनियों के अलावा अतिरिक्त 20 हजार सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। वहीं यात्रा मार्ग पर निगरानी रखने के लिए 360 डिग्री सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। सुरक्षा बलों ने जम्मू श्रीनगर नेशनल हाईवे के अलग-अलग जगह पर हाईटेक कैमरे लगाए हैं। अमरनाथ यात्रा हमेशा से ही आतंकियों के निशाने पर रहती हैं, ऐसे में यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बलों ने जम्मू और कश्मीर में डोर टू डोर सर्च ऑपरेशन शुरू किया है।
लंगर, कैंप और अस्पताल की व्यवस्था
इस साल अमरनाथ यात्रा के लिए तीन लाख पचास हजार से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हुए है। पवित्र गुफा तक पहुंचने के दोनों मार्गों पर 125 सामुदायिक लंगर स्थापित किए गए हैं। 6 हजार से ज्याद स्वयंसेवक श्रद्धालुओं की सहायता कर रहे हैं। प्वाइंट जीरो से पवित्र गुफा तक दोनों मार्गों पर श्रद्धालुओं के लिए लंगर, कैंप और अस्पताल आदि की व्यवस्था की गई है।
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सुरक्षा को लेकर हुनरमंद माउंटेन रेस्क्यू टीम तैनात
जानकारी के अनुसार यात्रा मार्ग पर 10 से ज्यादा घाटों का निर्माण किया गया है। इन घाटों पर यात्रियों के स्नान करने और पूजा पाठ करने की सुविधा दी गई है। इसी प्रकार पहाड़ियों वाले दोनों ट्रैक के संवेदनशील स्थानों पर एहतियाती उपाय किए गए हैं। इसमें करीब 14 किलोमीटर क्षेत्र को दोनों तरफ से मजबूत रेलिंग से कवर किया गया है। सुरक्षा के मद्देनजर इस बार 38 हुनरमंद माउंटेन रेस्क्यू टीम लगाई गई हैं। इस एमआरटी में सशस्त्र पुलिस की 13 टीमें, एसडीआरएफ की 11 टीमें, एनडीआरएफ की 8 टीमें, बीएसएफ की 4 टीमें और सीआरपीएफ की 2 टीमें शामिल हैं।
यात्रा को लेकर प्रशासन ने श्रीनगर के पंथा चौक पर हाल ही में बने यात्री निवास के पांच में से दो मंजिल को यात्रियों के लिए खोल दिया है। इस ट्रांजिट कैंप में 5 हजार यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था है। इसी प्रकार बालटाल और चंदनवाड़ी में 100 बिस्तरों वाले दो डीआरडीओ के अस्पताल भी स्थापित किए गए हैं। यात्रा ट्रैक को दोनों एक्सिस से 12 फीट तक चौड़ा किया गया है। इस यात्रा में स्वच्छता का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है। इसकी जिम्मेदारी ग्रामीण स्वच्छता निदेशालय जम्मू-कश्मीर को दिया गया है।
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22 जून को सामने आई थी बाबा बर्फानी की पहली तस्वीर
बता दें कि पिछले शनिवार को पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी की प्रथम पूजा की गई थी, जिसमें जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा भी राजभवन से वर्चुअली जुड़े थे। पवित्र अमरनाथ गुफा में राज्यपाल/उपराज्यपाल द्वारा शिवलिंग की प्रथम पूजा की परंपरा रही है। जम्मू-कश्मीर स्थित प्रसिद्ध अमरनाथ गुफा से 22 जून को बाबा बर्फानी की पहली तस्वीर सामने आई थी। गुफा में प्राकृतिक रूप से बर्फ का शिवलिंग बनकर तैयार हुआ है। इस पवित्र शिवलिंग के दर्शन करने के लिए देशभर से बड़ी संख्या में भक्त यहां पहुंचते है।
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