अरुण तिवारी, BHOPAL. मध्यप्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Assembly) की कार्यवाही एक बार फिर समय से पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई। निर्धारित समय से 5 दिन पहले ही सत्रावसान हो गया। विधानसभा का ये दिन हंगामेदार रहा। पहले नर्मदा पर कांग्रेस विधायक की टिप्पणी पर सत्ता पक्ष ने हंगामा किया तो किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस ने शोर मचाया। विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई। इससे पहले पंद्रहवीं विधानसभा में भी 15 सत्रों में से 13 सत्र निर्धारित समय से पहले खत्म हो गए थे।
विधानसभा का बजट सत्र
विधानसभा का बजट सत्र (budget session) 7 फरवरी से 19 फरवरी तक के लिए बुलाया गया था, लेकिन सत्र 5 दिन पहले ही यानी 14 फरवरी को ही खत्म हो गया। विधानसभा में नियम 139 के तहत ओला पाला से किसानों को हुए नुकसान और मुआवजा न मिलने पर चर्चा चल रही थी। कांग्रेस ने किसानों को मुआवजा न मिलने पर सरकार को घेरा। कांग्रेस के सवालों पर सीएम मोहन यादव ने कहा कि किसानों को एक पाई का भी नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। कांग्रेस विधायकों ने मुआवजा राशि में अनियमितता का आरोप भी लगाया।
15 में से 13 सत्र समय से पहले खत्म
सोलहवीं विधानसभा का ये दूसरा सत्र था। स्पीकर बनने के बाद नरेंद्र सिंह तोमर ने विधानसभा की कार्यवाही पूरे समय चलने पर जोर दिया था, लेकिन दूसरा सत्र ही समय से पहले खत्म हो गया। पंद्रहवीं विधानसभा के समय ये मुद्दा हमेशा चर्चा में रहा है कि विधानसभा की कार्यवाही कम दिनों के लिए बुलाई जाती है और सत्र समय से पहले ही खत्म हो जाते हैं। पंद्रहवीं विधानसभा में कुल 15 सत्र हुए जिसमें से 13 सत्र समय से पहले खत्म हो गए।
पंद्रहवीं विधानसभा में इस तरह अधूरे रहे सत्र
- दूसरा सत्र - अवधि 4 - बैठक 3
- तीसरा सत्र - अवधि 17 - बैठक 13
- चौथा सत्र - अवधि 7 - बैठक 6
- पांचवां सत्र - अवधि 17 - बैठक 2
- छठवां सत्र - अवधि 3 - बैठक 1
- सातवां सत्र - अवधि 23 - बैठक 13
- आठवां सत्र - अवधि 4 - बैठक 2
- दसवां सत्र - अवधि 13 - बैठक 8
- ग्यारहवां सत्र - अवधि 5 - बैठक 3
- बारहवां सत्र - अवधि 5 - बैठक 4
- तेरहवां सत्र - अवधि 13 - बैठक 12
- चौदहवां सत्र - अवधि 5 - बैठक 2
कांग्रेस ने किया भारी हंगामा
कांग्रेस (Congress) ने प्रदेश में चल रहे जल जीवन मिशन में हो रहे भ्रष्टाचार पर भारी हंगामा किया। कांग्रेस ने इसकी जांच की मांग की। वहीं कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने नर्मदा में मिल रही गंदगी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि नर्मदा में गंदे नाले मिल रहे हैं। वहीं नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि 2 साल में नर्मदा में किसी भी तरह की गंदगी मिलनी बंद हो जाएगी। इस चर्चा में घनघोरिया ने मां नर्मदा पर टिप्पणी की जिसे विलेपित कर दिया गया। इस पर बीजेपी विधायकों ने हंगामा किया और लखन घनघोरिया से माफी मांगने को कहा।
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किसानों के नुकसान पर चर्चा
इस सत्र में 6 बैठकें हुईं। दूसरा सप्लीमेंटरी बजट और लेखानुदान पारित हुआ। इस सत्र में कुल 2303 सवाल लगाए गए। इनमें 1163 तारांकित और 1140 अतारांकित सवाल थे। ध्यानाकर्षण की 541 सूचनाएं मिलीं। शून्यकाल की 176 सूचनाएं, 242 याचिकाएं विधानसभा को प्राप्त हुईं। सदन में 8 विधेयक भी पारित किए गए। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा, हरदा में हुए हादसे पर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा और किसानों को ओला पाला से हुए नुकसान पर चर्चा हुई।