एमपी में धोखाधड़ी में पकड़े गए सात CHO नौकरी से बर्खास्त, जानें पूरा मामला

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मध्य प्रदेश ने सात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। इन सात अधिकारियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर गलत तरीके से प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन राशि पाई थी।

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Sandeep Kumar
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MP News: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश ने आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में पदस्थ 7 CHO को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। यह कार्रवाई वित्तीय अनियमितता और धोखाधड़ी के आरोपों के बाद की गई है। इन अधिकारियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शासन की प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन राशि गलत तरीके से प्राप्त की, जबकि वे इस राशि के पात्र नहीं थे।

फर्जी दस्तावेज से प्रोत्साहन राशि प्राप्त की

सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए नियुक्त किए जाते हैं। इन अधिकारियों को नियमित मानदेय के साथ विशिष्ट बीमारियों की जांच और फॉलोअप करने पर अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि मिलती है। लेकिन इन अधिकारियों ने अप्रैल 2024 से मार्च 2025 के बीच फर्जी दस्तावेज बनाकर यह राशि प्राप्त की।

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जांच में सामने आया गलत काम

राज्य स्तर पर की गई जांच में यह सामने आया कि इन अधिकारियों ने बिना सेवा दिए रिपोर्टों में झूठा काम दिखाया। इसके बाद उन्होंने सरकार से प्रोत्साहन राशि प्राप्त की। जांच के दौरान अधिकारियों ने गलत तरीके से राशि निकालने की बात स्वीकार की। इसके बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने मानव संसाधन मैनुअल 2025 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की। उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं।

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इन अधिकारियों की सेवाएं अब समाप्त

  • ज्योति निम्बड़वा-महिदपुर, उज्जैन
  • निधि बोस-शाहगढ़, सागर
  • पूजा पनिका-अनूपपुर
  • पूनम महतो-शाहपुरा, जबलपुर
  • आशीष पटेल-तिरला, धार
  • गौरी दामोर-मुंगावली, अशोकनगर
  • योगिता-आठनेर, बैतूल

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की कार्रवाई

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का यह कदम सुनिश्चित करता है कि शासन द्वारा दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि का उपयोग सही तरीके से किया जाए और इसके माध्यम से किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या अनियमितता को रोका जा सके। इस कार्रवाई से यह संदेश भी जाता है कि किसी भी गलत काम को लेकर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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5 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी

👉  मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने 7 community health officer की सेवाएं वित्तीय अनियमितता और धोखाधड़ी के आरोपों के बाद समाप्त कर दीं।
👉 इन अधिकारियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रोत्साहन राशि गलत तरीके से प्राप्त की, जबकि वे इसके पात्र नहीं थे।
👉 राज्य स्तर पर की गई जांच में यह पाया गया कि इन अधिकारियों ने झूठी रिपोर्टें बनाई और सरकार से राशि प्राप्त की।
👉  NHM ने 2025 के मानव संसाधन मैनुअल के तहत इन अधिकारियों की सेवाएं समाप्त कर दीं, ताकि धोखाधड़ी और अनियमितताओं को रोका जा सके।
👉  NHM ने यह सख्त संदेश दिया कि किसी भी प्रकार की वित्तीय अनियमितता या कदाचार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्ति भी शामिल है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का सख्त संदेश

NHM के अनुसार, संविदा कर्मचारी द्वारा किसी वित्तीय अनियमितता या कदाचार पाए जाने पर सेवा समाप्ति की कार्रवाई की जाएगी। इन मामलों में कार्रवाई 2025 के मानव संसाधन मैनुअल के तहत की गई है।

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