BHOPAL. मध्य प्रदेश में कंज्यूमर कोर्ट (Consumer Court) ने रेलवे से जुड़े दो मामलों में फैसला सुनाते हुए रेलवे पर भारी जुर्माना लगाया है। कंज्यूमर कोर्ट ने भीड़ के कारण एडवोकेट संजू गुप्ता की ट्रेन छूट जाने के केस में दो साल बाद सुनवाई करते हुए रेलवे पर 16 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। कोर्ट में इसे रेलवे की लापरवाही माना है। साथ ही टिकट रिफंड में पैसे काटने के मामले में भी रेलवे पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। जानें यात्रियों से जुड़े दोनों मामले...
भक्तों की भीड़ के चलते छूटी ट्रेन
पहला मामला भोपाल की रहने वाली एडवोकेट संजू गुप्ता का है। संजू गुप्ता के मुताबिक उन्होंने छतरपुर से भोपाल आने के लिए महामना एक्सप्रेस में रिजर्वेशन था। उनके पास कन्फर्म टिकट था। महामना एक्सप्रेस में सीट नहीं मिलने के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा। बागेश्वर धाम जाने वाले भक्तों की भीड़ के कारण से ट्रेन में पैर रखने की जगह नहीं थी। भीड़ के चलते वह ट्रेन में चढ़ नहीं सकी और ट्रेन छूट गई। जिसके बाद
उन्होंने रेलवे के अधिकारियों से शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद कंज्यूमर कोर्ट में शिकायत की। अब मामले में अदालत ने इस मामले में रेलवे को दोषी मानते हुए 16 हजार रुपए का जुर्माना भरने का आदेश दिया है।
सुविधा शुल्क के नाम पर कटौती
पूरा मामला भोपाल के अनादि खरे का है। अनादि खरे ने बताया कि उन्होंने दिवाली से 2 महीने पहले 16 अक्टूबर 2022 को पुणे से भोपाल आने के लिए हमसफर एक्सप्रेस में थर्ड एसी का टिकट बुक कराया था। टिकट कन्फर्म था। इस दौरान रेलवे ने यात्रा से कुछ दिन पहले ट्रेन को कैंसिल कर दिया। रेलवे ने ट्रेन के कैंसिल होने पर यात्रियों के टिकट का रिफंड किया, यात्री अनादि खरे को भी रिफंड किया था, लेकिन रेलवे ने सुविधा शुल्क के रूप में 152 रुपए काट लिए थे। इसके बाद कंज्यूमर कोर्ट में मामला पहुंचा।
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रेलवे पर लगाया 10 हजार रुपए का जुर्माना
सुविधा शुल्क की कटौती को लेकर अनादि खरे ने डीआरएम, पश्चिम रेलवे और डीआरएम मध्य रेलवे मुंबई के साथ आईआरसीटीसी के खिलाफ कंज्यूमर कोर्ट में शिकायत की। मामले में कंज्यूमर कोर्ट ने दो साल बाद रेलवे को दोषी मानते हुए 10 हजार रुपए का जुर्माना भरने का आदेश दिया। कोर्ट ने माना कि आईआरसीटीसी द्वारा टिकट कैंसिल करने के बाद भी सुविधा शुल्क वसूलना गलत था। रेलवे को जुर्माने की राशि 2 महीने के अंदर अनादि खरे को देनी है।
इन मामलों में कर सकते हैं शिकायत
बता दें कि फेस्टिवल सीजन में ट्रेनों में भीड़ बढ़ना सामान्य बात है। अक्सर ऐसे कई मामले सामने आते हैं, जिसमें कन्फर्म टिकट होने के बाद भी यात्रियों को ट्रेन में जगह नहीं मिलती है। कई बाद तो ट्रेन भी छूट जाती है। ऐसे में यात्रियों को अपने अधिकारों को लेकर जागरूक होना चाहिए और इस तरह के मामलों में रेलवे की लापरवाही के खिलाफ आवाज उठाना चाहिए। इन मामलों में ट्रेन कैंसिल होना, कन्फर्म टिकट होने के पर सीट नहीं मिलना, ट्रेन लेट होने के कारण कनेक्टिंग ट्रेन छूट जाना शामिल हैं।
फेस्टिवल सीजन के दौरान यात्रियों को ट्रेनों में अधिक भीड़ और असुविधाओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में यात्रियों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना जरूरी है ताकि वे रेलवे की लापरवाही के खिलाफ कार्रवाई कर सकें। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण अधिकार और सुझाव दिए गए हैं जो यात्रियों के लिए मददगार हो सकते हैं:
यात्रियों के अधिकार:
कन्फर्म टिकट के बावजूद सीट न मिलना: यदि किसी यात्री के पास कन्फर्म टिकट है और ट्रेन में जगह नहीं मिलती है, तो यात्री को रेलवे द्वारा उचित मुआवजा या वैकल्पिक व्यवस्था मिलनी चाहिए। यात्री इस मामले में कंज्यूमर कोर्ट का रुख कर सकते हैं।
ट्रेन कैंसिल होने पर रिफंड का अधिकार: यदि ट्रेन कैंसिल हो जाती है, तो यात्रियों को पूरी टिकट राशि का रिफंड मिलने का अधिकार है। रेलवे सुविधा शुल्क या किसी भी अन्य चार्ज को कटौती नहीं कर सकता।
ट्रेन लेट होने पर हर्जाना: अगर ट्रेन लेट होने के कारण यात्री की कनेक्टिंग ट्रेन छूट जाती है या यात्रा में बाधा आती है, तो रेलवे इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है और यात्री मुआवजे की मांग कर सकते हैं।
सेवा में कमी पर शिकायत का अधिकार: यदि रेलवे द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं में किसी प्रकार की कमी होती है, जैसे कि साफ-सफाई, भोजन, या सुरक्षा, तो यात्री इसकी शिकायत कर सकते हैं और कंज्यूमर कोर्ट में मुआवजे की मांग कर सकते हैं।
सुझाव:
ऑनलाइन शिकायत करें: यात्रियों को किसी भी असुविधा के मामले में रेलवे की ऑनलाइन शिकायत पोर्टल का उपयोग करना चाहिए। आप IRCTC की वेबसाइट या रेलवे के आधिकारिक हेल्पलाइन नंबर पर भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
कंज्यूमर कोर्ट में शिकायत करें: यदि रेलवे से समाधान नहीं मिलता है, तो यात्री कंज्यूमर कोर्ट में मामला दर्ज कर सकते हैं। कंज्यूमर कोर्ट में मामला दाखिल करना आसान है और मुआवजा प्राप्त करने की संभावनाएं अधिक होती हैं।
रेलवे एप्स का उपयोग करें: यात्रियों को रेलवे के मोबाइल ऐप्स जैसे NTES (National Train Enquiry System) का उपयोग करना चाहिए ताकि ट्रेन की स्थिति, प्लेटफार्म की जानकारी, और अन्य सुविधाओं का समय रहते पता चल सके।
यात्रा के दौरान अपने अधिकारों के प्रति सतर्क रहें: हमेशा यात्रा के दौरान अपनी टिकट की स्थिति, आरक्षण विवरण, और ट्रेन की वास्तविक समय स्थिति पर नजर रखें। इससे किसी भी प्रकार की असुविधा से बचा जा सकता है।
वैकल्पिक यात्रा योजना बनाएं: फेस्टिवल सीजन के दौरान यात्रियों को वैकल्पिक यात्रा योजना तैयार रखनी चाहिए ताकि ट्रेन कैंसिल होने या लेट होने की स्थिति में अन्य विकल्प उपलब्ध रहें। यात्री अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहकर रेलवे की लापरवाही से बच सकते हैं और जरूरत पड़ने पर कानूनी सहायता लेकर मुआवजा भी प्राप्त कर सकते हैं।
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