JABALPUR. मध्य प्रदेश के जबलपुर में ट्रेन के लेट होने पर यात्री ने रेलवे को सबक सिखाया है। परेशान यात्री ट्रेन के लेट होने का मामला लेकर उपभोक्ता फोरम पहुंच गया। कंज्यूमर कोर्ट (Consumer Court ) में शिकायत के बाद रेल प्रशासन ने ट्रेन के लेट होने को कई प्रकार के तर्क दिए गए लेकिन रेलवे के इससे जुड़े सबूत नहीं थे। रेलवे ने कोहरे से गाड़ी के लेट होने की बात कही लेकिन इसका वह सबूत नहीं दे पाई। इसके बाद कंज्यूमर कोर्ट ने शिकायतकर्ता यात्री के पक्ष में फैसला सुनाते हुए रेलवे पर 10 गुना जुर्माना लगाया है। साथ ही रेलवे को 7 हजार 803 रुपए 45 दिन के अंदर यात्री को भुगतान करने के आदेश सुनाया।
जानें पूरा मामला
दरअसल, पूरा मामला 11 मार्च 2022 का है। इस दिन अरुण कुमार जैन को जरूरी मीटिंग अटेंड करने के लिए जबलपुर से नई दिल्ली जाना था। यात्री अरुण कुमार ने नई दिल्ली के लिए स्पेशल ट्रेन पकड़ी थी। जिसे दोपहर साढ़े तीन बजे जबलपुर से रवाना होना था। और अगले दिन सुबह 4 बजकर 10 मिनट पर हजरत निजामुद्दीन स्टेशन पहुंचना था। लेकिन यह स्पेशल ट्रेन 3 घंटे लेट हो गई।
छूट गई थी कनेक्टिंग ट्रेन
उन्हें देहरादून जाने वाली कनेक्टिंग ट्रेन जो हजरत निजामुद्दीन से सुबह 6 बजकर 45 मिनट बजे रवाना होनी थी। अरुण कुमार जैन ट्रेन के देरी से चलने के कारण अपनी कनेक्टिंग ट्रेन नहीं पकड़ पाए और उन्हें अपनी आगे की यात्रा रद्द करनी पड़ी। ऐसे में वह अपनी जरूरी मीटिंग अटेंड नहीं कर पाए। जिससे नाराज यात्री अरुण कुमार जैन ने जबलपुर कंज्यूमर कोर्ट का दरवाजा खटखटया था।
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जबलपुर कंज्यूमर कोर्ट में किया केस
रेलवे की इस लापरवाही को लेकर अरुण कुमार जैन ने जबलपुर उपभोक्ता फोरम में केस दर्ज कराया था। जिसके मामले में सुनवाई के दौरान रेलवे ने अपने बचाव में कई तर्क रखे। रेलवे ने कहा कि कोहरे और तकनीकी खराबी की वजह से ट्रेन लेट हुई थी। लेकिन रेलवे अपने दावे के समर्थन में कोई सबूत पेश नहीं कर पाया। आखिर लंबी कानूनी लड़ाई के बाद कंज्यूमर कोर्ट ने पक्ष में फैसला सुनाया।
कोर्ट ने यात्री के पक्ष में सुनाया फैसला
कंज्यूमर कोर्ट ने यात्री अरुण कुमार के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने रेलवे को यात्री की टिकट के 803 रुपए, मानसिक प्रताड़ना के लिए 5 हजार रुपए और केस के लिए खर्च के लिए 2 हजार रुपए चुकाने का आदेश सुनाया। रेलवे ने यह राशि 45 दिनों में यात्री अरुण कुमार जैन भुगतान करने का आदेश दिया। ऐसा नहीं करने पर रेलवे को 9 प्रतिशत ब्याज भी देना होगा।
बता दें कि ट्रेनों के देरी से चलने के कारण आए दिन रेल यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। परेशान यात्री इसको लेकर कुछ नहीं कर पाते। जानकारी के अभाव में लोग न्याय के लिए कदम नहीं उठा पाते हैं, अगर बेवजह ट्रेन लेट हुई है तो आप भी कंज्यूमर कोर्ट की शरण में जा सकते हैं।
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