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BHOPAL. मध्य प्रदेश सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम्स के लिए नए नियम बनाए हैं। अब प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम्स को काउंटर पर जांच, ट्रीटमेंट के चार्ज की रेट लिस्ट लगाना होना। सरकार ने तय किया है, कि अब प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम्स को अपने यहां किए जाने वाले इलाज और जांच की फीस की रेट लिस्ट सार्वजनिक करना अनिवार्य होगा। अस्पताल प्रबंधन को यह बताना होगा कि उनके अस्पताल या नर्सिंग होम में किस जांच के लिए चार्ज लिया जा रहा है। इसका उद्देश्य मरीजों को असमंजस और लुटने से बचाना है, ताकि वे अस्पतालों की फीस को लेकर पारदर्शिता पा सकें और उनके इलाज का खर्च पहले से तय हो।
मरीजों के हित में महत्वपूर्ण कदम
सरकार ने यह भी निर्देश दिए हैं कि अगर किसी अस्पताल या नर्सिंग होम को अपनी रेट लिस्ट में बदलाव करना हो, तो उन्हें इससे पहले जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) को इसकी जानकारी देनी होगी। यह कदम सरकारी स्तर पर एक और कोशिश है, जो निजी चिकित्सा सेवाओं में पारदर्शिता लाने और मरीजों के अधिकारों की रक्षा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
सभी निजी अस्पतालों के लिए आदेश जारी
स्वास्थ्य-चिकित्सा शिक्षा आयुक्त तरुण राठी ने प्रदेश के सभी निजी अस्पतालों के लिए आदेश जारी किया हैं। 2 दिसंबर को जारी आदेश में आयुक्त तरुण राठी ने कहा गया है कि वे अपने अस्पतालों में प्रदान की जाने वाली मेडिकल सर्विसेज की रेट लिस्ट को काउंटर पर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करें। इसके साथ ही, अगर मरीज या उनके परिजन रेट लिस्ट की मांग करते हैं, तो अस्पताल प्रबंधन की जिम्मेदारी होगी कि वे इसे दिखाएं।
रेट में बदलाव से पहले देनी होगी लिखित सूचना
स्वास्थ्य-चिकित्सा शिक्षा आयुक्त तरुण राठी ने कहा है कि अगर किसी अस्पताल को रेट लिस्ट में बदलाव करना हो तो इसके लिए पहले उन्हें सीएमएचओ को लिखित सूचना देना जरूरी होगा है। अस्पताल में संशोधित लिस्ट को भी प्रमुखता से लगाना जरूरी होगा। उन्होंने आगे कहा है कि रेट लिस्ट के अलावा मरीज से अलग से कोई फीस वसूलने पर नियमों का उल्लंघन है। इससे साथ ही मनमानी फीस वसूलने के मामलों की रोकथाम के लिए विभाग ने सीएमएचओ को निरीक्षण करने के लिए निर्देशित किया है।
सीएमएचओ को बड़ी जिम्मेदारी
आयुक्त तरुण राठी ने कहा कि इस फैसले का मकसद मरीजों के अधिकारों की रक्षा करना और मेडिकल सर्विसेज में पारदर्शिता लाना है। सभी प्राइवेट अस्पतालों के लिए इन प्रावधानों का पालन करना जरूरी है। आयुक्त तरुण राठी ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को नियम के पालन कराने के लिए निर्देश दिए हैं।
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