BHOPAL. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मोहर्रम के मौके पर परम्परागत जुलूस निकाला जा रहा है। मातमी जुलूस में या हुसैन-या हुसैन की गूंज सुनाई दे रही है। यह जुलूस पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन साहब की शहादत में निकाला जा रहा है। मोहर्रम के इस जुलूस में सैकड़ों ताजिये, बुर्राक, सवारियां शामिल हैं। इस जुलूस की शुरुआत तिरंगा लहराकर की गई।
जुलूस में या हुसैन-या हुसैन की गूंज
पहला मातमी जुलूस फतेहगढ़ से शुरू होकर मोती मस्जिद चौराहे होते हुए करबला पहुंचेगा। इसके अलावा चार अन्य बड़े जुलूस अलग-अलग इलाकों से होते हुए पीर गेट इलाके में पहुंचेंगे। ऑल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी की तरफ से निकाले जाने वाले जुलूस में बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे। इसके चलते ट्रैफिक भी डायवर्ट किया गया है। कई इलाकों में भारी वाहन के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। आमजन को असुविधा न हो इसका भी ध्यान रखा जा रहा है।
सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम
मोहर्रम जुलूस को लेकर पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए है। जुलूस को लेकर पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं। यह जुलूस शहर के कई क्षेत्रों से होता हुआ वीआईपी रोड स्थित करबला पहुंचेगा।
मोहर्रम जुलूस को देखते हुए यातायात पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्ट किया है। बदली गई व्यवस्था के अनुसार राजाभोज एयरपोर्ट की ओर जाने वाले प्रभात चौराहा, जेके रोड, रत्नागिरी, अयोध्या बायपास मार्ग, भानपुर, करोंद चौराहा, नई जेल, गांधीनगर तिराहा होकर आ-जा सकेंगे।
नए शहर से भोपाल रेलवे स्टेशन की ओर जाने के लिए प्रभात चौराहा, परिहार चौराहा, 80 फिट रोड, बजरिया तिराहा होकर आवागमन कर सकेंगे। भारत टॉकीज, अल्पना तिराहा, नादरा बस स्टैंड, भोपाल टॉकीज, रॉयल मार्केट, कोहेफिजा, कर्बला पर सभी प्रकार के वाहनों का ट्रफिक प्रभावित रहेगा।
क्यों मनाया मनाया जाता है मोहर्रम
यह महीना इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना होता है। इस महीने से इस्लाम का नया साल शुरू होगा। लगभग 1400 साल पहले इसी दिन इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे हजरत हुसैन का कत्ल किया गया था, इसी घटना की याद में मुस्लिम समाज द्वारा मुहर्रम मनाया जाता है। ताजिए निकालना, मातम मनाना और कर्बला पर इकट्ठा होकर याद ए हुसैन में आंसू बहाए जाते हैं।
thesootr links
-
छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें