BHOPAL. त्योहार आ गए। गुजिया, मालपुआ, इमरती, सोनपापड़ी और न जाने क्या-क्या बाजार से खरीदा जाएगा। कितने ही पकवान घरों में बनेंगे। मगर क्या आपको पता है कि हमारे देश में कहां के लोग कौन सा पकवान ज्यादा खाना पसंद करते हैं। चलिए हम आपको बताते हैं...
भारत में पकवान के बिना तो कोई त्योहार मनता ही नहीं है। मीठा खाने में उत्तर भारतीय लोग आगे हैं। मिठाई की खपत में इनकी 35 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है। इसमें भी दिल्ली 9.8 प्रतिशत की भागीदारी के साथ सबसे आगे है। पश्चिम बंगाल दूसरे नंबर पर आता है। हिमाचल और जम्मू-कश्मीर वाले मिठाई के सबसे कम शौकीन हैं। राजस्थानियों को पापड़ खूब अच्छे लगते हैं। पापड़ के मामले में गुजरात देश में दूसरे नंबर है। फ्रोस्ट एंड सुलिवन की एक रिसर्च में इसका पता चला है।
75 फीसदी मिठाई की खपत 11 राज्यों में
आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो देश में बनने वाली कुल मिठाई की 75 फीसदी से ज्यादा खपत देश के 11 राज्यों में होती है। इनमें दिल्ली वाले सबसे आगे हैं। दिल्ली वालों की मिठाई में हिस्सेदारी 9.8 फीसदी है। पश्चिम बंगाल दूसरे पायदान पर है। इसका इसका 9.2 प्रतिशत है। गुजरात में 8 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 7.1 प्रतिशत, राजस्थान और बिहार में 7-7 फीसदी, मध्य प्रदेश में 6.6 प्रतिशत, पंजाब में 5.2 प्रतिशत, हरियाणा में 3.5 प्रतिशत, झारखंड में 2.8 प्रतिशत मिठाई की खपत है। मिठाई की सबसे कम खपत हिमाचल 0.3 प्रतिशत और जम्मू-कश्मीर 0.3% प्रतिशत में है।
कारोबार 84 हजार करोड़ पहुंचने का अनुमान
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में मिठाई का सालाना कारोबार करीब 65 हजार करोड़ रुपए का है। अगले साल यानी 2025 तक मिष्ठान कारोबार 84 हजार करोड़ के पार जाने की उम्मीद जताई जा रही है। रीजन के हिसाब से देखें तो पापड़ खाने में भी उत्तर भारतीयों ने सबको पीछे छोड़ दिया है। देश के 39 प्रतिशत पापड़ की खपत यहीं होती है। आपको बता दें कि देश में पापड़ का सालाना कारोबार 7 हजार 400 करोड़ रुपए का है। इसमें से 68 प्रतिशत असंगठित क्षेत्र में है। संगठित कारोबार 2 हजार 300 करोड़ रुपए का है।
पंजाब की फिरनी और यूपी के पेड़ा
भारत के विभिन्न राज्यों की अपनी खास मिठाइयां भी हैं, जो वहां की सांस्कृतिक और पाककला की धरोहर हैं। आईए, अब आपको यह भी बता देते हैं कि कौन से राज्य को लोगों को मिठाई की कौन सी वैरायटी ज्यादा पसंद आती है।
पश्चिम बंगाल: रसगुल्ला और मिष्टी दोई (मीठा दही) सबसे प्रसिद्ध हैं। रसगुल्ला बंगाल की एक पहचान बन चुका है और हर खास मौके पर इसका स्वाद लिया जाता है।
महाराष्ट्र: पूरणपोली और मोदक। पूरणपोली यहां की त्योहारों पर बनाई जाने वाली प्रमुख मिठाई है और गणेश चतुर्थी के मौके पर मोदक विशेष रूप से खाया जाता है।
उत्तर प्रदेश: पेड़ा और लड्डू। मथुरा का पेड़ा और बनारस का लड्डू यहां की मशहूर मिठाइयां हैं।
पंजाब: फिरनी और पिन्नी। सर्दियों में पिन्नी बनाई जाती है और फिरनी त्योहारों पर विशेष रूप से खाई जाती है।
राजस्थान: घेवर और मालपुआ। तीज और गणगौर जैसे त्योहारों पर घेवर बेहद पसंद किया जाता है, जबकि मालपुआ को कई तरह की मिठाइयों के साथ परोसा जाता है।
गुजरात: घुंघरा और सूतर्फेणी। यहां के त्योहारों पर लोग इन्हें खूब पसंद करते हैं, खासकर गरबा के दौरान।
तमिलनाडु: मैसूर पाक और पायसम। पायसम (खीर) त्योहारों पर बनाई जाती है, जबकि मैसूर पाक क्लासिक मिठाई है।
कर्नाटक: मैसूर पाक और ऊंडे (लड्डू)। यहां की मैसूर पाक और ऊंडे बेहद लोकप्रिय हैं।
बिहार: ठेकुआ और खाजा। छठ पूजा के दौरान ठेकुआ प्रमुख मिठाई होती है, जबकि खाजा का विशेष स्थान है।
ओडिशा: छेना पोड़ा और रसगुल्ला। छेना पोड़ा यहां की खास मिठाई है, जो कारमेलाइज्ड चीज का स्वाद देती है।
हरियाणा: कड़ाह प्रसाद और गोंद के लड्डू। सर्दियों में खासतौर पर गोंद के लड्डू खाए जाते हैं।
असम: पिथा और नारियल लड्डू। बिहू त्योहार पर पिथा बनाई जाती है जो चावल और गुड़ से बनी होती है।
मध्य प्रदेश: भुजिया लड्डू और मालपुआ। मालपुआ और यहां के भूजिया लड्डू बेहद लोकप्रिय हैं।
गोवा: बेबिनका और दोसे। बेबिनका नारियल और नारियल के दूध से बनाई जाती है जो एक खास मिठाई है।
हिमाचल प्रदेश: सीडू और मीठे भात। सीडू यहां की ट्रेडिशनल मिठाई है, जो गेहूं के आटे और घी से बनती है।
केरल: अडास और पायसम। अडास केले के पत्ते में लपेटकर चावल के आटे और नारियल से बनाई जाती है।
तेलंगाना: अर्धा (अर्धा लड्डू) और पूठरेकुलु। पूठरेकुलु पत्तियों में लपेटी जाने वाली एक खास मिठाई है।
मणिपुर: खोया मिठाई और चलेऊ। मणिपुर में खासकर दीवाली पर चलेऊ मिठाई का सेवन किया जाता है।
मिजोरम: पुआम और मुथिया लड्डू। ये मिठाइयां यहां के त्योहारों पर खास तौर पर बनाई जाती हैं।
सिक्किम: सैल रोटी और फेनी। सैल रोटी चावल से बनने वाली एक डिश है, जो अमूमन त्योहारों पर बनती है।
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