मध्य प्रदेश में चुनाव में बड़े बदलाव की तैयारी चल रही है। प्रदेश में अब जिला पंचायत और जनपद पंचायत अध्यक्ष पद के इलेक्शन डायरेक्ट हो सकते हैं। यानी जैसे जनता महापौर को चुनती है, वैसे ही अब जनता सीधे जिला पंचायत और जनपद पंचायत अध्यक्ष को चुनाव कर सकेगी। ये चुनाव दलीय आधार यानी पार्टी के चिन्ह पर हो सकते हैं। इसी तरह नगर परिषद अध्यक्ष का चुनाव भी सीधे कराया जा सकता है। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर सीएम सचिवालय इसको लेकर प्लानिंग कर रहा है।
वर्तमान में प्रदेश में यह व्यवस्था
दरअसल, पंचायत के चुनाव वास्तव में गैरदलीय आधार पर कराए जाते हैं। राजनीतिक दल सीधे उम्मीदवारों को टिकट प्रदान नहीं करते, बल्कि उन्हें समर्थन देते हैं। इस कारण इन चुनावों में जोड़-तोड़ और खरीद-फरोख्त ज्यादा होती हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यदि ये चुनाव सीधे कराए जाए तो जनप्रतिनिधियों की जनता के प्रति जवाबदेही में बढ़ेगी।
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अधिनियम में करना होगा बदलाव
पंचायती राज और नगर निगम मामलों के जानकारों का मानना है कि यदि सरकार जिला जनपद और नगर परिषद अध्यक्ष का चुनाव डायरेक्ट करने पर विचार कर रही है तो इसके लिए पहले नगर पालिका और पंचायत राज अधिनियम में संशोधन होगा। विधानसभा सत्र के दौरान पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग तथा नगरीय आवास और विकास विभाग की ओर से अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव कैबिनेट के सामने लाया जाएगा। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद कानून में विधानसभा से संशोधन होगा।
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पार्टी उतारेगी अपना प्रत्याशी
राज्य निर्वाचन आयोग प्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत के इलेक्शन कराता है। वर्तनाम व्यवस्था में केवल महापौर और नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव डायरेक्ट है। इस पद पर राजनीतिक पार्टी अपने चुनाव चिन्ह पर प्रत्याशियों को चुनाव लड़वाती हैं। इसके बाद जनता इनका चुनाव करता है। बता दें कि 2019 में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार बनने के बाद चुनाव में बदलाव किया गया था। सरकार ने चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली यानी निर्वाचित पार्षदों के जरिए कराने का फैसला लिया था। इसके बाद शिवराज सरकार ने इस फैसले को पलट दिया था।
चुनाव जीत कर आने वाला व्यक्ति ज्यादा जवाबदेह
जानकारों के मुताबिक डायरेक्ट चुनाव कराने का फैसला अच्छा है। इस व्यवस्था से सौदेबाजी और धमकी देने पर रोक लगेगी। फिलहाल जो व्यवस्था से चुनाव हो रहे है उससे सही आदमी चुनकर नहीं आ पाता। चुनाव में बदलाव होने से लोकप्रिय व्यक्ति चुनाव जीतेगा। सीधे चुनाव जीतकर जो व्यक्ति आता है उसकी जवाबदारी ज्यादा होती है। उसे पता होता है कि अगली बार चुनाव जीतने के लिए जनता के बीच जाना है तो काम करना होगा। जिला पंचायत अध्यक्ष और जनपद अध्यक्ष के चुनाव सीधे कराने के लिए सरकार की तैयारी को लेकर अभी अधिकारी और मंत्री खुलकर बोलने से बच रहे हैं।
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