476 करोड़ रुपए का है आरजीपीवी घोटाला, ईडी के हाथ लगीं अहम जानकारियां, नेता-अफसर जांच की जद में

भोपाल में आरजीपीवी में कुल 476 करोड़ रुपए का घपला हुआ है। यह खेल 10 साल से चल रहा था। इसमें विश्वविद्यालय के कई पूर्व अधिकारी-कर्मचारियों की भूमिका सामने आई है।

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Ravi Kant Dixit
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BHOPAL. राजधानी भोपाल के नामी संस्थान राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय यानी आरजीपीवी (RGPV) में हुए एफडी घोटाले के राज खुलने लगे हैं। 19 करोड़ 48 लाख रुपए की जांच में जुटे प्रदर्शन निदेशालय (ईडी) को कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। 
सूत्रों के अनुसार, आरजीपीवी में कुल 476 करोड़ रुपए का घपला हुआ है। यह खेल 10 साल से चल रहा था। इसमें विश्वविद्यालय के कई पूर्व अधिकारी-कर्मचारियों की भूमिका सामने आई है। लिहाजा, अब उन पर भी कार्रवाई होना तय है। इधर, 476 करोड़ रुपए का बड़ा आंकड़ा सामने आने के बाद ईडी भी हैरान है। केंद्रीय एजेंसी अब मनी लॉड्रिंग के एंगल से भी जांच कर रही है।

क्या नेताओं पर होगी कार्रवाई?

विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, ईडी में एफडी ही नहीं अलग-अलग मदों में गोलमाल किया गया है। इसमें अब कुछ नेताओं और पूर्व अधिकारियों के नाम सामने आए हैं। हालांकि यह देखना दिलचस्प होगा कि नेताओं पर कार्रवाई होगी अथवा नहीं। फिलहाल तो ईडी ने आरजीपीवी के पूर्व अधिका​री-कर्मचारियों पर शिकंजा कस दिया है। उनके ठिकानों से दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। 

आठ जगहों पर ईडी ने दी दबिश

दरअसल, आरजीपीवी घोटाले में 2 सितंबर, सोमवार को ईडी की एंट्री हुई है। एक अधिकारी ने बताया, जांच एजेंसी लंबे समय से इस मामले पर नजर बनाए हुए थी। पुख्ता जानकारियों के बाद तीन टीमों ने भोपाल, नर्मदापुरम क्षेत्र के पिपरिया और सोहागपुर में आठ जगह पर सर्चिंग की है। इसमें भी एफडी घोटाले से जुड़ी कई अहम जानकारियां मिली हैं। 50 से ज्यादा लोग जांच की जद में हैं। उनकी कुंडली खंगाली जा रही है।

पूर्व रजिस्ट्रार और कुलपति के घर दबिश

ईडी ने आरजीपीवी के निलंबित रजिस्ट्रार आरएस राजपूत और पूर्व कुलपति सुनील कुमार के घर में दबिश दी है। जांच एजेंसी ने दस्तावेज जब्त करते हुए मामले से जुड़े लोगों से लंबी पूछताछ की है। ईडी की टीम ने पूर्व फाइनेंस कंट्रोलर के यहां भी सर्चिंग की है। गौरतलब है कि आरजीपीवी के 19.48 करोड़ रुपए निजी खाते में ट्रांसफर कराए गए हैं। इस केस में तत्कालीन रजिस्ट्रार आरएस राजपूत के साथ तत्कालीन कुलपति प्रो.सुनील कुमार, बैंक अधिकारी कुमार मयंक, तत्कालीन फाइनेंस कंट्रोलर ऋषिकेश वर्मा के खिलाफ भोपाल के गांधीनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।

निजी खातों को यूनिवर्सिटी का बताया

RGPV के खाते से 19 करोड़ 48 लाख रुपए ट्रांसफर करने के लिए नोटशीट में गलत जानकारी लिखने का आरोप है। दलित संघ सोहागपुर और कुमार मयंक के निजी बैंक खातों को नोटशीट में RGPV का खाता बताया गया था। इसकी नोटशीट यूनिवर्सिटी के तत्कालीन रजिस्ट्रार आरएस राजपूत ने बनवाई थी। यह खुलासा यूनिवर्सिटी में हुए 19.48 करोड़ रुपए की गड़बड़ी मामले की जांच रिपोर्ट में हुआ है। इसी के चलते ईडी की टीम ने सोहागपुर में दबिश देकर जानकारियां जुटाई हैं।

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