BHOPAL. सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। सावन में शिवालयों में भक्तों का तांता लगा रहता है। उज्जैन के बाबा महाकाल के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त मंदिर पहुंचते हैं। सावन में भक्तों की भीड़ को देखते हुए मंदिर समिति ने महाकाल के दर्शन को लेकर नई व्यवस्था लागू की है।
साथ ही आपात स्थितियों से निपटने के लिए इंतजाम किए गए हैं। श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए दर्शन व्यवस्था निर्धारित की गई है। भगवान शिव की नगरी कहे जाने वाले उज्जैन में सावन के अतिरिक्त भादो मास के 15 दिन भी शिव भक्ति के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
महाकाल मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को लेकर मंदिर प्रबंध समिति का अनुमान है कि सावन के सोमवार पर करीब साढ़े तीन लाख श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन पूजन के लिए आते हैं, इसके अलावा रोजाना आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी दो से ढाई लाख के बीच होगी।
प्रवेश, दर्शन और निकासी को लेकर व्यवस्था
महाकालेश्वर मंदिर में आगंतुक सामान्य श्रद्धालुओं के सरल-सुलभ दर्शन की व्यवस्था बनाई गई है। प्रवेश त्रिवेणी संग्रहालय के समीप से नंदीद्वार- श्री महाकाल महालोक-मानसरोवर भवन- फेसेलिटी सेंटर 01- टनल मंदिर परिसर- कार्तिक मण्डपम- गणेश मण्डपम से भगवान श्री महाकालेश्वर जी के दर्शन करेंगे।
साथ ही भारत माता मंदिर की ओर से प्रशासनिक कार्यालय के सामने से आने वाले श्रद्धालु शंख द्वार से मानसरोवर भवन में प्रवेश कर- फेसेलिटी सेंटर 01- टनल मंदिर परिसर- कार्तिक मण्डपम- गणेश मण्डपम से दर्शन के बाद निर्गम द्वार (निर्माल्य द्वार) या नवीन आपातकालीन निर्गम द्वार से सीधे बाहर की ओर प्रस्थान करेंगे।
परिसर में बनाया गया अस्थाई अस्पताल
महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर व्यवस्था बनाई है। मंदिर परिसर में ही अस्थाई अस्पताल की व्यवस्था की है।
भीड़भाड़ के दौरान यदि अचानक किसी श्रद्धालु को किसी प्रकार की स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानी होती है तो तो वो श्रद्धालु मंदिर परिसर में बनी अस्थाई डिस्पेंसरी में अपना उपचार करवा सकता है।
क्राउड मैनेजमेंट और सुरक्षा को लेकर इंतजाम
सावन माह में भगवान महाकालेश्वर के दर्शन करने बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे। इसको लेकर मंदिर समिति और पुलिस ने पूरी व्यवस्था की है। महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए निजी सुरक्षा एजेंसी के कर्मचारी तैनात रहेंगे। साथ ही बड़ी संख्या में पुलिस बल की भी तैनाती की जाएगी।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंदिर में सुरक्षा के लिहाज से उच्च अधिकारियों सहित करीब दो से ढाई हजार पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। ये सभी अलग-अलग शिफ्टों में मंदिर में सेवाएं देंगे।
सीसीटीवी और ड्रोन से होगी निगरानी
भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा को लेकत प्रशासनिक अधिकारी भी पूरे समय मंदिर की व्यवस्था की देखरेख करेंगे। महाकाल मंदिर के कंट्रोल रूम से भी पूरे मंदिर क्षेत्र में निगरानी की जाएगी। इसके लिए मंदिर के अंदर और बाहर के क्षेत्रों में सीसीटीवी लगाए गए हैं। इसके अलावा सवारी मार्ग पर ड्रोन से नजर रखी जाएगी।
कांवड़ियों के लिए बनाई गई ये व्यवस्था
सावन में बड़ी संख्या में कांवड़ यात्रा निलती हैं। कांवड़िए बाबा महाकाल को जल अर्पण करने के लिए महाकालेश्वर मंदिर पहुंचते हैं। ऐसे में कांवड़ यात्रियों के लिए अलग व्यवस्था बनाई गई है। कांवड़ यात्रियों को पहले सूचना दिए जाने पर शनिवार, रविवार, सोमवार को छोड़कर द्वार नंबर 04 से प्रवेश दिया जाएगा। जो बिना किसी पूर्व सूचना के सीधे मंदिर पहुंचते हैं या फिर शनिवार, रविवार, सोमवार को कांवड़ लेकर आते हैं, उन्हें सामान्य श्रद्धालुओं की तरह दर्शन के लिए प्रवेश दिया जाएगा। ऐसे कांवड़ यात्री कार्तिक मंडपम में लगे जल पात्र में जल अर्पण करेंगे।
बड़ी संख्या में महाकाल मंदिर पहुंचते है भक्त
बता दें कि सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए श्रेष्ठ माना गया है। देशभर में पूरे सावन माह में शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है और श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ के दर्शन पूजन पाठ करते हैं। उज्जैन में सावन का महीना अपने आप में एक त्यौहार रहता है। भगवान शिव की नगरी कहे जाने वाले उज्जैन में सावन के अतिरिक्त भादौ मास के 15 दिन भी शिव भक्ति के लिए निधारित हैं।
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