एमपी में बीजेपी विधायक ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, और धरने पर बैठ गए हैं। बीजेपी के विधायकों ने अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा क्यों खोल दिया है। भाजपा की सरकार होने के बावजूद भी बीजेपी के विधायक की सुनवाई नहीं हो रही है। विधायक जी ऐसे सड़कों पर क्यों बैठ हैं। गुस्से में अफसरों को लताड़ लगा रहे हैं।
FIR से नाराज होकर धरने पर बैठे विधायक
पहला मामला जबलपुर से हैं, जहां बिजली अधिकारी के खिलाफ शिकायत करने के लिए एक या दो नहीं बल्कि तीन-तीन विधायक थाने में जाकर धरने पर बैठ गए थे। इतना ही नहीं जबलपुर से विधायक अभिलाष पांडे ने तो एसपी साहब को आने तक की होने की धमकी दे डाली।
अजय बिश्नोई और अशोक रोहाणी बीजेपी के पदाधिकारियों के साथ 6 घंटे तक पुलिस थाने के सामने धारना दिया था। बिजली अधिकारी ने शिकायत की थी कि बीजेपी के पार्षद और कुछ नेताओं ने आकर बिजली कार्यालय में तोड़फोड़ की है। जिसके बाद बीजेपी नेताओं के ऊपर एफआईआर कि गई थी।
सिवनी विधायक भी सड़क पर उतरे
दुसरा मामला सिवनी का है जहां पर गायों के शव मिलने के बाद से ही स्थानीय विधायक दिनेश राय प्रशासन के खिलाफ सड़क पर धारना दिया था। सिवनी विधायक पुलिस प्रशासन पर आरोप लगा रहे हैं। वह मांग कर रहे हैं कि आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलना चाहिए।
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रीवा में सहकारिता कार्यालय में धरने पर बैठे MLA
तीसरा मामला रीवा का है जहां बीजेपी विधायक प्रदीप पटेल अपनी सरकार के खिलाफ सहकारिता कार्यालय में जाकर धरने दे दिया था। मामला यह है कि तीन हजार से भी अधिक किसान जो कि हितग्राही हैं उनकी मुश्किलें बढ़ी हैं। क्योंकि वह अपने ही पैसे बैंक से नहीं निकाल प रहे थे।
किसानों शिकायत लेकर विधायक जी के पास पहुंच गए। इसके बाद विधायक जी सहकारिता कार्यालय जाकर धरने पर बैठ गए। साथ ही कहने लगे कि भैया देखो ऐसा है जब तक मांगे पूरी नहीं होती, किसानों को पैसा नहीं मिलेगा हम धरने से नहीं उठने वाले हैं।
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एमपी सरकार के खिलाफ मोर्चा बीजेपी विधायक बैठे धारने पर