फरवरी में हो सकती है BJP प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा, अब नामों पर चर्चा दिल्ली में
मध्यप्रदेश भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा फरवरी के पहले सप्ताह में होने की संभावना है। इस देरी के पीछे दिल्ली विधानसभा चुनाव और मुख्यमंत्री की विदेश यात्रा मुख्य कारण हैं।
मध्यप्रदेश में भाजपा ने जिलाध्यक्षों की घोषणा के बाद अब प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं। जानकारी के अनुसार पार्टी ने इस संबंध में रायशुमारी में हिस्सा लेने वाले प्रदेश परिषद के सदस्यों की सूची केंद्रीय नेतृत्व को भेज दी है। इस सूची में सांसदों, विधायकों और पार्टी के विभिन्न पदाधिकारियों को शामिल किया गया है।
भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस सूची में कुल सांसदों का 10 प्रतिशत यानी 4 सांसद और कुल विधायकों का 10 प्रतिशत यानी 16 विधायकों को शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त, हर विधानसभा क्षेत्र से एक प्रतिनिधि और दो विधानसभाओं का एक क्लस्टर बनाकर परिषद सदस्य चुने गए हैं। सभी जिलाध्यक्षों को भी इस सूची में शामिल किया गया है।
फरवरी के पहले सप्ताह में हो सकती है घोषणा
सूत्रों के मुताबिक, फरवरी के पहले सप्ताह में भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा की जा सकती है। हालांकि, इसमें हो रही देरी के पीछे दो प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं। पहला कारण यह है कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व फिलहाल दिल्ली विधानसभा चुनाव में व्यस्त है, जिसके परिणाम 5 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। दूसरा कारण मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की 27 जनवरी से 2 फरवरी तक विदेश यात्रा है, जिसके चलते प्रक्रिया में विलंब हो रहा है।
भाजपा ने हाल ही में निवाड़ी जिले के अध्यक्ष के रूप में राजेश पटेरिया की नियुक्ति की है। पटेरिया, सांसद वीरेंद्र सिंह खटीक के करीबी माने जाते हैं और ब्राह्मण वर्ग से आते हैं। उन्हें पहली बार जिले की बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश भाजपा के 62 संगठनात्मक जिलों में से 60 जिलाध्यक्षों की घोषणा पूरी हो चुकी है। अब केवल इंदौर शहर और इंदौर ग्रामीण जिलों के अध्यक्षों की घोषणा शेष है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का चयन पार्टी के आगामी रणनीतिक दृष्टिकोण के लिए अहम है। इस प्रक्रिया से न केवल पार्टी संगठन को मजबूत किया जाएगा, बल्कि आगामी चुनावों की रणनीति भी तय की जाएगी। नए जिलाध्यक्षों और प्रदेश अध्यक्ष के चयन से भाजपा प्रदेश में अपने जनाधार को और मजबूत करने की कोशिश कर रही है।