एमपी में टल सकते हैं प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव, ये है बड़ा कारण

मध्यप्रदेश बीजेपी के 62 संगठनात्मक जिलों में से 59 जिलों के अध्यक्षों की घोषणा हो चुकी है। अब सभी की नजरें प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव पर हैं। सूत्रों के अनुसार, यह चुनाव दिल्ली विधानसभा चुनाव के मतदान के बाद ही संभावित है।  

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Sourabh Bhatnagar
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मध्यप्रदेश बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष पद का चुनाव दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद हो सकता है। पार्टी ने 62 में से 59 जिलों के अध्यक्ष घोषित कर दिए हैं। इंदौर और निवाड़ी जिलों के अध्यक्षों की घोषणा बाकी है। जातीय संतुलन साधने के लिए ब्राह्मण, राजपूत, वैश्य, आदिवासी और अनुसूचित जाति वर्ग से नेताओं के नाम चर्चा में हैं। गजेन्द्र पटेल और लाल सिंह आर्य जैसे नेताओं की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। संघ की सिफारिश और केंद्रीय नेतृत्व की सहमति से ही अंतिम निर्णय होगा।  

चुनाव में देरी के कारण  

प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को टालने के पीछे दो मुख्य कारण बताए जा रहे हैं। पहला, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की 27 जनवरी से 2 फरवरी तक की विदेश यात्रा, और दूसरा दिल्ली विधानसभा चुनाव के चलते पार्टी नेताओं की व्यस्तता। संभावना है कि 5 फरवरी के बाद ही चुनावी प्रक्रिया शुरू होगी। 

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जातीय संतुलन और नए समीकरण  

बीजेपी ने जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में जातीय संतुलन का ध्यान रखा है। छत्तीसगढ़ में ठाकुर वर्ग से किरण देव सिंह की नियुक्ति के बाद मध्यप्रदेश में अन्य वर्गों को प्राथमिकता मिल सकती है। राजपूत समाज के नेता अरविंद सिंह भदौरिया और ब्राह्मण वर्ग के नेता डॉ. नरोत्तम मिश्रा जैसे वरिष्ठ नेता रेस में हैं।  

कौन-कौन हैं रेस में शामिल

 ब्राह्मण, राजपूत, वैश्य, आदिवासी, और अनुसूचित जाति वर्ग से नेताओं के नाम चर्चा में हैं। ब्राह्मण वर्ग से डॉ. नरोत्तम मिश्रा और राजपूत वर्ग से अरविंद भदौरिया जैसे नाम प्रमुख हैं। वहीं, वैश्य वर्ग से हेमंत खंडेलवाल और अनुसूचित जाति वर्ग से लाल सिंह आर्य चर्चा में हैं।  

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संघ की सिफारिशें और अनुभव का महत्व  

संघ की ओर से गजेन्द्र पटेल का नाम प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए सुझाया गया है। उनके राजनैतिक अनुभव और संघ से गहरे संबंधों के चलते उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है।  

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अनुसूचित जाति वर्ग को मौका मिलने की संभावना  

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अंबेडकर पर दिए गए बयान के बाद अनुसूचित जाति वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। लाल सिंह आर्य और प्रदीप लारिया जैसे नेताओं के नाम इस संदर्भ में चर्चा में हैं। बहरहाल, मध्यप्रदेश बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नेताओं की सूची लंबी है, लेकिन अंतिम निर्णय जातीय समीकरण और संघ की सहमति पर निर्भर करेगा।  

FAQ

1. मध्यप्रदेश बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव कब होगा?  
दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद, 5 फरवरी के बाद प्रक्रिया शुरू हो सकती है।  
2. कौन-कौन से नेता रेस में हैं?  
ब्राह्मण, राजपूत, वैश्य, आदिवासी और अनुसूचित जाति वर्ग से कई नेता।  
3. चुनाव में देरी के कारण क्या हैं?  
मुख्यमंत्री की विदेश यात्रा और दिल्ली चुनाव में व्यस्तता।  
4. संघ की भूमिका क्या है?  
संघ के समर्थन से गजेन्द्र पटेल का नाम प्रमुखता से उभर रहा है।  
5. क्या अनुसूचित जाति वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष बन सकता है?  
अंबेडकर पर केंद्रित राजनीति के चलते इसकी संभावना बढ़ गई है।  

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