7 दिन में परीक्षा परिणाम घोषित करें, हर छात्र को मुआवजा दे MP बोर्ड

मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक निजी स्कूल की मान्यता को रद्द किए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई की है। हाईकोर्ट में दायर याचिका में सुनवाई के दौरान विद्यार्थियों के लिए राहत भरा आदेश जारी हुआ है।

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Neel Tiwari
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सागर के ठाकुर उदयभान सिंह मेमोरियल विद्यालय बिलहरा ने हाई स्कूल परीक्षा के वर्ष 2023-24 के लिए 445 परीक्षा फार्मो को भरा था। जिसमें कक्षा 10वीं के लिए 183 और कक्षा 12वीं के लिए 262 फॉर्म भरे गए थे। लेकिन माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के द्वारा कार्यवाही करते हुए 441 विद्यार्थियों  के  रिजल्ट को रोक दिया गया था। उनकी इस कार्रवाई को चुनौती देते हुए स्कूल संस्था के द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई । जिसमें सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राहत भरा फैसला जारी किया है। रिजल्ट घोषित करने के साथ ही 410 परीक्षार्थियों को प्रति छात्र 5 हजार रुपए कंपनसेशन देने के आदेश जारी किए। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दीपक कुमार सिंह थे।

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फ्लाइंग स्क्वॉड ने पकड़े थे दो फर्जी छात्र 

इस संस्था द्वारा कुल 445 परीक्षा फॉर्म जमा किए गए थे। स्कूल का परीक्षा केंद्र शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय  बिलहरा (पुराना भवन) सागर था। बोर्ड परीक्षा के दौरान फ्लाइंग स्क्वाड ने परीक्षा केंद्र में अचानक निरीक्षण किया और पाया कि रोल नंबर 242437790 और 242437830 वाले दो छात्र संदिग्ध पाए गए क्योंकि फ्लाइंग स्क्वाड ने पाया कि इन छात्रों की पहचान संदिग्ध थी।

मान्यता निलंबित के कारण जारी नहीं हुआ रिजल्ट 

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता यू एस तिवारी ने कोर्ट में बताया कि संयुक्त संचालक लोक शिक्षण ,संभाग सागर को इस मामले में विस्तृत निरीक्षण किए जाने का आदेश जारी किए गए थे। जिसमें स्कूल में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की संबद्धता ओर मान्यता उपनियमों के प्रावधानों के अनुसार जांच के दौरान पाया कि 10 वीं और 12वीं की परीक्षा का आयोजन सरकारी स्कूल था। लेकिन स्कूल संस्था के द्वारा 9 वीं और 11 वीं की कक्षाओं का संचालन नहीं किया जा रहा था। इसलिए संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संभाग सागर द्वारा संस्था की मान्यता को निलंबित कर दिया गया था। अधिवक्ता ने तर्क दिया कि राज्य शासन के द्वारा संस्था की मान्यता को निलंबित कर दिया गया है इसलिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड छात्रों के परीक्षा परिणाम घोषित नहीं कर सकता। कलेक्टर सागर के द्वारा भी जांच के दौरान प्राचार्य के रूम का ताला तोड़ने के बाद की गई जांच में कई अनियमिताएं पाई गई थी। साथ ही 2023- 24 के प्रवेश रजिस्टर का भी रखरखाव उचित ढंग से नहीं पाया गया।

जिम्मेदारों ने की लेटलतीफी

स्कूल में पाई गई अनियमितताओं के कारण स्कूल की मान्यता को निलंबित कर दिया गया था। जिसमें वर्ष 2023- 24 के छात्रों ने शिक्षा पुरी कर ली है उन पर इसका कोई भी असर नहीं पड़ेगा। मार्च 2024 में सत्र समाप्त हो गया था लेकिन स्कूल की मान्यता निलंबन के संबंध में स्टेट अथॉरिटी के द्वारा 9 महीने बीत जाने के बाद भी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जिससे 441 छात्रों का 1 वर्ष की पढ़ाई का नुकसान हो गया है क्योंकि कक्षा 10 वीं और 12 वीं के परीक्षा के रिजल्ट घोषित नहीं हो सके। जिससे पास ना होने वाले छात्र फिर से परीक्षा में शामिल नहीं हो सके हैं और ना ही कॉलेज या अगली परीक्षाओं में दाखिला ले सके।

सोता रहा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड

कलेक्टर सागर के द्वारा माध्यमिक शिक्षा मंडल को पत्र लिखा गया था कि ठा. उदयभान सिंह मेमोरियल विद्यालय बिलहरा सागर में दो छात्र जिनकी जगह अन्य छात्र परीक्षा फर्जी रूप से दे रहे थे और उनके साथ हाई स्कूल परीक्षा के 19 और हायर सेकेंडरी परीक्षा के 10 छात्र संदिग्धता के कारण अनुपस्थित रहे। उनके रिजल्ट रोकते हुए शेष परीक्षा में सम्मिलित समस्त परीक्षार्थियों का  रिजल्ट घोषित किए जाने की सिफारिश की गई थी। लेकिन कलेक्टर के द्वारा लिखित आदेश के बावजूद भी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड नहीं जागा ।जिसमें कलेक्टर ने लिखित आदेश जारी किया था कि दो परीक्षा में शामिल फर्जी विद्यार्थियों और 29 अनुपस्थित छात्रों के अलावा 410 छात्रों के रिजल्ट पर कोई पाबंदी नहीं थी।

HC ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को जारी किया आदेश

इस याचिका पर सुनवाई जस्टिस विवेक जैन की एकल पीठ में हुई जिसमें माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव को आदेश जारी करते हुए 7 दिन में रिजल्ट घोषित करने एवं 410 परीक्षार्थियों को प्रति छात्र 5000 रुपए कंपनसेशन देने के आदेश जारी किए। साथ ही इन छात्रों में से किसी को भी बोर्ड की इस कार्रवाई के कारण 1 वर्ष का नुकसान हुआ है तो वह कानून के अनुसार अलग-अलग कार्यवाही करके माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और राज्य सरकार से प्रतिपूरक और अनुकरण की लागत का दावा कर सकते हैं।

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